आज के दौर में पूरी दुनिया में प्लास्टिक का उपयोग इतना बढ़ गया है कि उससे होने वाला कचरा दिन प्रतिदिन हमारे लिए एक चुनौती बनते जा रहा है। हम जानते हैं प्लास्टिक को खत्म होने में हजारों साल लगते हैं। अगर प्लास्टिक बैग्स की बात करें तो यह बहुत हीं जहरीले कैमिकल से मिलकर बने होते हैं, इसका उपयोग करने से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है और इसको कचरे के रूप में फेकने से हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता है।
पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए लोग अब प्लास्टिक को अन्य चीजों में रिसाइकल कर रहे है। अब भारत सरकार भी प्लास्टिक का रिसाइकल कर प्लास्टिक की सडकों का निर्माण शुरू करने वाली है, जो सस्ती, ज्यादा टिकाऊ, और गड्ढा रहित होगी।
पूरी दुनिया के लिए प्लास्टिक से बने कचरे एक समस्या बने हुए थे। अगर कुछ विकसित देशों की बात करे तो वहां प्लास्टिक से बने कचरा फेंकने के लिए एक खास केन अलग-अलग जगहों पर रखी जाती हैं और फिर उस केन में रखे कचरे को उन स्थानों पर भेज दिया जाता है जहां उसका रीसाइक्लिंग हो सके।
भारत में भारी मात्रा में होती है प्लास्टिक का उपयोग
भारत में भी लोग भारी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग करते हैं और फिर उसे तालाबों में या खुले स्थानों पर फेक देते हैं जिससे वो प्लास्टिक जमीन में दब जाता है और यह कचरा बहुत तेजी पानी के स्त्रोतों को प्रदूषित कर देता है जो हमारे लिए काफी नुकसानदायक साबित होता है।
भारत में ज्यादा मात्रा में नदियों या अन्य सभी जल स्रोतों में प्लास्टिक की चीजें देखने को मिलती है, जिससे जानवरों को भी पानी पीने के दौरान बीमारियों का डर बना रहता है।
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बन रही है प्लास्टिक के कचरे से सड़के
अब भारत सरकार भी इन कचरों से निपटारे के लिए ठोस कदम उठा रही है। साल 2016 में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण में ठोस और प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करने की घोषणा की थी और अब इस पायलट प्रोजेक्ट में 10 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग में 10 फीसदी प्लास्टिक कचरे का उपयोग हुआ है।
बता दें कि, सेंटर रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के आदेशानुसार इस कंस्ट्रक्शन में 10 फीसदी प्लास्टिक कचरे के प्रयोग किया गया है।
विश्व का यह पहला कोड ऑफ प्लास्टिक
आज के समय में सभी रोड कंस्ट्रक्शन एजेंसीज ने एक लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें प्लास्टिक कचरे से बना ली है तथा प्लास्टिक कचरे को रोड कंस्ट्रक्शन में उपयोग करने का यह विश्व का यह पहला कोड ऑफ प्लास्टिक है।
नोएडा में भी हुआ छह टन प्लास्टिक कचरा का इस्तेमाल
अब तो देश के बहुत सारे शहरों में सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरा इस्तेमाल हो रहा है। अभी हाल हीं में नोएडा सेक्टर 14ए में महामाया फ्लाइओवर तक सड़क निर्माण में छह टन प्लास्टिक कचरा इस्तेमाल हुआ है और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के यूपी गेट के पास दो किमी सड़क के लिए 1.6 टन प्लास्टिक कचरा का यूज हुआ।