आजकल लोग खेती को प्रधानता दें रहे हैं। इस खेती से उनको उम्मीदें रहती हैं जो कि हज़ारों लोगों के भीड़ में उनकी अलग पहचान बनेगी और वह एक सफल व्यक्ति बनकर सफलता के शिखर पर चढ़ पाएंगे। ऐसी सोंच रखने वाले लोगों को हमारे देश के बिहार (Bihar) राज्य के निवासी 14 वर्षीय एकलव्य कौशिक(Eklavya Kaushik) से अवश्य भेंट करनी चाहिए। मात्र 10वीं कक्षा में पढ़ रहे एकलव्य ने एक छोटी सी प्रयास से अपने गांव की काया पलटकर रख दी। आईए इस लेख द्वारा उस होनहार बच्चे के बारे में जानते हैं…
14 वर्षीय एकलव्य कौशिक(Eklavya Kaushik) बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने मात्र 2700 रुपये से स्ट्रौबरी के लगभग 1000 पौधे खरीदे और खेतों में लगाया। उन्होंने ये खेती कोरोनाकाल में आरंभ की थी हालांकि वो खेती के विषय में नहीं जानते थे इसीलिए उन्होंने इंटरनेट की सहायता से यूट्यूब पर स्ट्रॉबेरी की खेती के विषय में सारी जानकारी एकत्रित की और फिर इसे प्रारंभ किया। स्ट्रॉबरी की खेती में उनके फूफा जी जिनका नाम शैलेन्द्र प्रियदर्शी है, उन्होंने सहायता की। वह एक जूलॉजी के प्रोफेसर हैं। -14 year old Eklavya Kaushik achieved success in strawberry cultivation
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कमा सकते हैं 60 हजार रुपये
जब उन्होंने यह खेती प्रारंभ की थी तो लोगों ने उन्हें बहुत भला-बुरा कहा था परंतु वह किसी की बातों को ध्यान में ना रखते हुए जिसे ठान लिया था उसे पूरा करके ही चैन की लेने का निश्चय किया था। आज उनकी खेतों में फल आ चुके हैं और उनके सारे स्ट्रॉबरी लोकल मार्केट में बिक जाते हैं। इसकी कीमत 50 से लेकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक है। अगर वही इसे बड़े मार्केट में बिकने के लिए भेजा जाए तो यह 600 रुपए किलो तक बिक सकता है। वह बताते हैं कि अगर आप स्ट्रॉबरी की खेती प्रारंभ करते हैं तो 60 हजार रुपये आराम से लाभ के तौर पर कमा सकते हैं। -14 year old Eklavya Kaushik achieved success in strawberry cultivation
इस तरह आया खेती का आईडिया
वह बताते हैं कि जब मैं छोटा था तो देखता था कि किस तरह लोग गांव में परंपरागत खेती करते हैं। इस खेती से उन्हें ना ही अच्छी आमदनी मिल पाती है और ना ही वह एक सफल व्यक्ति बन पाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि खेती में पूरी फसल बर्बाद होने के कारण उन्हें कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ता है। वह कहते हैं कि जब मैंने खेती के विषय में नेट पर सर्च किया तो मुझे यह पता चला कि स्ट्रॉबेरी की खेती में अच्छा-खासा पैसा कमाया जा सकता है और यह खेती मेरे गांव में भी हो सकती है इसीलिए मैंने स्ट्रॉबेरी की खेती यहां की, जिसे आज कई लोग अपना रहे हैं। -14 year old Eklavya Kaushik achieved success in strawberry cultivation
परिवार का मिला सपोर्ट
एकलव्य सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि पढ़ने-लिखने में भी काफी होनहार हैं। वह खेती के साथ-साथ अपने पढ़ाई पर भी काफी फोकस करते हैं। जिस कारण उनके परिवार यानि उनके माता-पिता उनकी खेती में समर्थन करते हैं। उनके पिता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में जॉब कर आजीविका चलाते हैं परंतु वह वक्त निकालकर अपने बेटे की मदद भी करते हैं। -14 year old Eklavya Kaushik achieved success in strawberry cultivation
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मात्र 14 वर्ष की आयु में ही खेती के क्षेत्र में सफलता हासिल कर अपने परिवार को गौरवान्वित करने वाले एकलव्य को देखकर आज उनके क्षेत्र के हर किसान यह चाहते हैं कि वह भी स्ट्रॉबरी की खेती प्रारंभ करें। वह इससे पैसे कमा सकें और अपने बच्चों को भी पढ़ाई के साथ-साथ खेती के गुर सिखा सकें। –14 year old Eklavya Kaushik achieved success in strawberry cultivation