लोग अक्सर फूलों के शौकीन तो होते है, मगर जगह की कमी की वजह से वे अपने यहां लगा नही पाते हैं। कही आते-जाते जब भी हम पार्कों, सड़कों अथवा अन्य बड़े संस्थानों में आकर्षक और खूबसूरत फूलों को देखते है तो सोचते हैं कि काश हमारे पास भी ऐसे खूबसूरत फूलों वाले वृक्ष होते।
दुनियां में ऐसे कई पेड़ है, जिसका महत्त्व पौराणिक काल से हीं विशेष रूप होता है। आज हम आपको 15 ऐसे आकर्षक और खूबसूरत पेड़ों के बारे में जानकारी देंगे जिसे भले हीं आपने देखा होगा, परंतु उसके नाम के बारे में कम ही लोगों को पता होगा।
- जरूल (Jarul Tree) Lagerstroemia speciosa
जरुल के पेड़ को Peide of India अथवा अज्हर आदि नामों से जाना जाता है। यह पुष्प अप्रैल से मई और जुलाई से अगस्त महीने तक लगभग सभी शाखाओं में पर्पल (purple) रंग के फूल खिल जाते हैं, जो देखने वालों का मन मोह लेती है। आपको बता दें कि इस पौधे को आप गमले में भी लगा सकते है।
- अमलतास Cassia fistula (Golden shower tree)
अमलतास के फूल अधिकतर हमें शहरों में देखने को मिलता है। यह पुष्प पीले रंग के और अंगूर जैसे गुछेदार होते है। इसके और भी कई नाम हैं जैसे बानर ककड़ी , राजवृक्ष आदि परंतु इसे अधिकतर लोग अमलतास के नाम से ही जानते है।
कब खिलते हैं ये पुष्प ?
अमलतास का यह फूल अप्रैल से मई महीने तक खिलना शुरु हो जाता है और पूरा पेड़ पीले रंग के फूलों से सज जाता है।
- कचनार (Kachnar), Bauhinia variegate
कचनार के फूल को भी अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे Orchid Tree या Mountain ebony। इसका उपयोग केवल एक फूल के रुप में ही नहीं बल्कि इसके कली का आचार भी बनाया जाता हैं। आपको बता दें कि इसके छाल को आयुर्वेदिक औषधि के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है। कचनार का फूल पर्पल (Purple), गुलाबी (Pink) और उजला (White) रंग का होता है और इसकी खुशबू भी उतनी हीं मनमोहक होती है।
- सेमल (Bombax ceiba)
सेमल के पुष्प बहुत हीं खूबसूरत होता है। इसे सिल्क कॉटन ट्री भी कहा जाता है और इसकी लंबाई करीब 15 से 20 मीटर होती है। आपको बता दें कि अधिकतर इसे पुराने कैंट के इलाकों अथवा रेलवे लाइन के किनारे देखा जाता है।
क्या है खास?
सेमल के पेड़ में ख़ास बात यह है कि इसके सुंदर फूल के आलावा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके फूल लाल रंग के होते हैं परंतु कुछ पेड़ में पीले, नारंगी अथवा हल्के लाल रंग के भी खिलते हैं।
इसकी कली का बना सकते है, सब्जी
सेमल के फूल केवल खूबसूरत ही नही बल्कि इसके कली का सब्जी भी बनाई जाती है जो बहुत स्वादिष्ट होती है। इसकी दिलचस्प बात यह है कि जब फूल खिलते है तब इसके पेड़ पर एक भी पत्तियां नही रहती है और जब फूल आना बन्द हो जाता है तब फिर से नई पत्तियां आना शुरू हो जाती है।
- गुलमोहर (Dolenix regia)
गुलमोहर के फूल को भला कौन नही जानता है। इस पेड़ को गांव से लेकर शहरों तक देखा जाता है। यह पुष्प नारंगी अथवा लाल रंग का होता है जो देखने में बेहद आकर्षक लगता है।
गुलमोहर जब खिलता है तब देखने में इतना खूबसूरत लगता है कि अगर सड़कों के किनारे कतार में लगा दी जाए तो इसका नजारा देखते हीं बनेगा।
- पलाश (Sacred Tree), Butea monosperma
पलाश का फूल गंगा यमुना के इलाके में करीब हजारों साल पूर्व से पाया जाता है। इस फूल को लोग जगह की कमी और दूसरे फसलों की खेती करने के लिए काटते चले गए, जिसके कारण ये फूल बहुत कम ही देखने को मिलता है।
इससे बनाया जाता है, केसरिया रंग
आपको बता दें कि होली के बाद गर्मियों में इसके लाल अथवा नारंगी रंग के फूल खिलते हैं। जब सभी फूल खिल जाते हैं तो यह ऐसा लगता मानो किसी जंगल में आग लगी हो, इसलिए इसे फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट (flame of the forest) भी कहा जाता है। इतना ही नहीं इसके फूल से केसरिया रंग बनाया जाता है जिसे डाई करने के लिए उपयोग किया जाता है। जयदेव के गीता-गोविंद में भी इसकी सुन्दरता और महत्व के बारे में बताया गया है।
- बोटलब्रुश/चील (Callistemon citrnus)
बोटलब्रुश फूल देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है। यह पेड़ ज्यादतार पार्कों अथवा सड़कों के किनारे देखने को मिलता है। इसकी ऊंचाई करीब 8 से 10 फुट होती है। गर्मियों के दिनों में इसके फूल खिल जाते है जो देखने में लाल रंग के और लटके हुए होता है। आपको बता दें कि आप इसे अपने बगीचे अथवा छत पर किसी बड़े गमले में लगा सकते है।
- गलगल, गनेरी (Cochlospermum religiosum)
पीले रंग का यह फूल भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इस पुष्प को बहुत ही पवित्र माना जाता हैं क्योंकि इसके वानस्पतिक नाम के आगे धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है।
कहां होता है, यह पेड़
जंगली क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में यह पेड़ देखने को मिलता है। यह पुष्प शहरी क्षेत्रों में बहुत कम ही देखने को मिलता है। इसे सिल्क कॉटन ट्री और बटरकप ट्री के नाम से भी जाना जाता है।
- पारिजात, हरसिंगार (Nyctanthes arbor-tristis)
हरसिंगार का अर्थ होता है, हरि का श्रृंगार करने वाला पुष्प। इस पुष्प का अपना एक अलग हीं महत्त्व है। इस पुष्प की सुन्दरता और खुशबू मन को मोह लेती है। इसकी ऊंचाई करीब दो 10 से 12 फुट तक होती है। यह पुष्प रात में खिलती है इसलिए इसे रात की रानी भी कहां जाता है। सुबह होते ही पूरे जमीन फूलों से सज जाता और अपनी खुशबू पूरे इलाके में बिखेर देता है। -Night-flowering jasmine
हरसिंगार को आप अपने बगीचे में भी लगा सकते है और किसी बड़े गमले में भी लगा सकते है।
- परिभद्रा (Erythrina indica)
परिभद्रा पेड़ को Tiger’s claw या Indian coral tree के नाम से भी जाना जाता है। इतना हीं नही पूर्वी एशिया के कई देशों में इसे ornamental tree (सजावटी पेड़) के रुप में लगाया जाता है।
आयुर्वेदिक औषधि के रुप में भी किया जाता है उपयोग
परिभद्रा फूल के बीज, छाल आदि का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रुप में किया जाता है। इस पुष्प को श्रीलंका में नए वर्ष का सूचक माना जाता है।
- सीता, अशोक वृक्ष (Ashoka tree) Saraca asoca
अशोक वृक्ष का महत्त्व भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक में अधिक है। यह पेड़ उड़ीसा राज्य का राजकीय फूल भी है।
क्या है पौराणिक मान्यता?
अशोक वृक्ष के बारे में ऐसा मान्यता है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबनी में इसी वृक्ष के नीचे हुआ था। इतना ही नहीं रामायण काल में भी रावण ने सीता माता को अशोक वाटिका में ही रखा था।
- चम्पा (Michelia)
चम्पा का फूल खूबसूरत होने के साथ ही साथ पवित्र माना जाता है। यह पुष्प लगभग हर जगह देखने को मिल जाता है। इसकी ऊंचाई करीब 10 से 15 फुट तक होता है। इसका रंग सफेद अथवा रानी कलर का होता है।
- Tabebuia rosea (बसंत रानी)
Tabebuia rosea पौधे को पिंक टिकोमा के नाम से जाना जाता है। यह जंगल, पठार, मेट्रो सिटी अथवा सड़कों के किनारे दिखता है जो देखने में बेहद आकर्षक लगता है।
कब खिलता है?
यह पुष्प जनवरी से अप्रैल में हल्के गुलाबी रंग (Pink) के खिलते है और यह करीब 10 से 15 फुट ऊंचा होता है। जब पेड़ पर पुष्प निकलने लगते है तब इसका पेड़ पूरा गुलाबी रंग का हो जाता है।
- सूरीनाम पाउडर पफ़ (Calliandra surinamensis)
अक्सर हम Calliandra फूल को हम सड़कों के किनारे देखते है। इस फूल का रंग लाल और गुलाबी-सफेद मिक्स रंग के फूल खिलते है। यह फूल देखने में बेहद आकर्षक और खूबसूरत लगता है।
यह फूल सालों भर खिलते रहते हैं। आप इसे लगाना चाहते है तो बड़े गमले या बोनसाई (bondai) के रुप में भी लगा सकते है।
- नील मोहर (Jacaranda mimosifolia)
नील मोहर (Blue Jacaranda) लगभग विश्व भर में पाया जाता है। यह अधिकार गर्म जलवायु में अच्छे से ग्रो करता है। इसकी ऊंचाई करीब 15 से 20 फुट तक होता है।बसंत के मौसम में खिलने वाला यह पुष्प नीले रंग का होता है। जब यह फूल खिलता है तो देखने वालों के मन को मोह लेता है।अगर आप भी अपने बगीचे अथवा घर के छतों पर खूबसूरत फूल वाले पेड़-पौधे लगाना चाहते हैं तो एक बार इन पेड़ों को जरुर लगाएं।