Wednesday, December 13, 2023

24 की उम्र में ही उठा लिए कई परिवार संभालने का बीड़ा, ब्याज मुक्त लोन देने के साथ ही अनेकों तरह से गरीबों की करते हैं मदद

24 की उम्र में ज्यादातर युवा ग्रेजुएशन कंप्लीट कर नौकरी के नए आसार तलाशने लगते हैं लेकिन ये मानसिकता सभी की नहीं होती। कुछ ऐसे भी हैं जिनके अंदर दूसरों के लिए कुछ कर गुजरने की ललक होती है। खासकर उन जरूरतमंद लोगों के लिए जिन्हें समाज में हर पल संघर्ष का सामना करना होता है।

ये कहानी है 24 वर्ष के नरेश सिजापती (Naresh Sijapati) की जो अहमदाबाद गुजरात के एक साधारण परिवार से आते हैं। शुरुआत में किसी आम व्यक्ति की तरह नरेश को भी यही लगता था कि “केवल पढ़ाई से ही वो अपना और अपने जैसे अन्य लोगों का भविष्य सवार सकते हैं।” लेकिन बाद में जिंदगी ने कोई दूसरा मोड ही दिखा दिया। नरेश ने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे। कभी मेहनत मजदूरी की तो कभी होटल में वेटर रहें। सोशल वर्क में मास्टर डिग्री (Master degree in Social work) हासिल करने के बाद एक कंपनी में भी काम किया।

Naresh Sijapati

गरीबों को मुहैया कराते है जरूरी डॉक्युमेंट्स

हम सभी जानते हैं कि पहचान प्रमाण (Identity Proof) के तौर पर आधार कार्ड / पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र की जरूरत सभी जगहों पर होती है। इन दिनों कोई भी काम इन डॉक्युमेंट्स के बिना मुमकिन नहीं है। लेकिन अभी भी कई लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं होती और कुछ जानकारी के अभाव में बनवा नहीं पाते। कई बार तो इसकी वजह से वें सरकारी स्कीमों का लाभ भी नहीं उठा पाते हैं। दूसरे शहरों में रह रहे मजदूरों को खास इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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नरेश इन चीजों को बेहतर तौर पर महसूस कर रहे थे क्योंकि वो खुद भी कभी इस दौर से गुजरे थे। यहां से उन्हें प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों का अनुमान हुआ और इसी कड़ी में उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाने की पहल की।

giving certificate

जरूरतमंदों की ढाल बना गया “पनाह फाउंडेशन”

2017 में उन्होंने पनाह फाउंडेशन (Panah Foundation) की शुरुआत की और तब से वो अपनी टीम के साथ जरुरतमंद लोगों की ढाल बने हुए है। नरेश का ऑफिशियल वर्क वैन से ही होता है। जिसे लोग “नरेश भैया की वैन” के नाम से जानते है। उनकी टीम में कुल 600 मेंबर्स हैं। जिसमें 23 टीम लीडर्स पूरे अहमदाबाद में सक्रिय है।

50 रुपए में बन जाता है सारा डॉक्युमेंट्स

गरीब और मजदूरों को जरूरी डॉक्युमेंट्स के लिए दर – दर भटकना न पड़े इसके लिए अब “पनाह फाउंडेशन” ने CSC और SBI के साथ भी टाई अप कर लिया है। यहां सारे जरूरी डॉक्युमेंट्स मात्र 50 रुपए में ही बन जाते हैं।

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लोगों को Document बनाने में मदद करते हुए

50 लोगों को मिला ब्याज मुक्त लोन,ऐसे हुई नई जीविका की शुरुआत

हम सभी जानते हैं लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने अपनी नौकरी गवाई। लोग बेसहारा हुए। लेकिन इनकी जिंदगी का पहिया दोबारा चल सके इसके लिए पनाह फाउंडेशन बड़ चढ़कर सामने आया।

बता दें कि अबतक ये फाउंडेशन उन 50 लोगों को बिना ब्याज के लोन दे चुका है जिनका लॉकडॉउन के बाद जीविका का कोई ठिकाना ही नहीं बाकी रह गया था। इस मदद से किसी ने छाते की दुकान खोली तो किसी ने फल और सब्जियों का ठेला लगाया। इन सभी लोगों के चेहरे पर नया काम शुरू करने का जोश और आत्मनिर्भरता की मुस्कान साफ झलक रही है।

क्या आपने इन मजदूरों के टेस्टी मोमोज टेस्ट किए?

Naresh Sijapati

लॉकडाउन में नौकरी गवा चुके कई मजदूरों को Momo king india के नाम से मोमो स्टाल शुरू करने के लिए मदद दी गई। आज इस ग्रुप में कई मजदूर शामिल है जो शहर के कई कोनों में बाइक या साइकिल पर टेस्टी मोमोज सेल करते हैं।

नरेश ने बताया कि “अहमदाबाद में अबतक 10 हजार लोगों को पनाह फाउंडेशन से मदद मिल चुकी है। कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान 7500 परिवारों को राशन और अन्य जरूरी चीजों से पनाह फाउंडेशन ने हर संभव मदद करने की कोशिश की।”

Naresh Sijapati
Naresh Sijapati

पनाह फाउंडेशन के इस सराहनीय कार्य के लिए The Logically नरेश सिजापती और उनकी टीम को शुभकामनाएं देता है।

अगर आप भी इन्हें अपना योगदान देना चाहते हैं या इनकी सेवाओं के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस नंबर 8488856251 पर संपर्क कर सकते हैं। आपकी एक छोटी कोशिश भी किसी के जीविका का जरिया बन सकती है।