21 वीं शताब्दी के आते आते हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ चुके हैं। खेती के तरीक़े भी इसमें पीछे नहीं हैं। वर्तमान समय में हमारे खेतिहर किसान ऐसी-ऐसी नई तकनीकें ढूंढ रहे हैं जिसका उपयोग हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ आमदनी पर भी पड़ रहा है। बहुत सारे किसान ऐसी खेती कर रहें हैं जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ किसान ऐसी खेती कर रहें हैं जो कम जगह में भी अधिक मुनाफा दे रहा है। आज की कहानी ऐसे किसान की है जो 1 बेल के माध्यम से 800 लौकियों का उत्पादन कर रहें हैं। इसे इन्होंने 3 जी तकनीक का नाम दिया है। तो चलिए पढ़ते हैं 3 जी तकनीकी बारे में कि ये 3 जी तकनीक क्या है???
अगर हमसे पूछा जाए कि आप एक लौकी के बेल से कितने लौकी को प्राप्त कर सकते हैं तो रिप्लाई यही होगा कि 50 से लेकर 150 सौ तक। लेकिन इस 3जी तकनीक के माध्यम से एक बेल में लगभग 800 लौकियां हासिल हो रही है।
महत्वपूर्ण है लौकी का फूल
प्रकृति ने हर सजीव का नर और मादा के स्वरूप में निर्माण किया है। ऐसा नहीं कि सिर्फ इंसान को ही नर और मादा के रूप में बांटा गया है। इस संसार में जितने भी जीव-जंतु, फल-फूल और सब्जियां हैं, उन पर भी यह प्रकृति का यह नियम लागू है। लौकी के पौधों में भी जब फूल निकलते हैं तो उसे देख यह पता लगाया जा सकता है कि यह नर है या फिर मादा।
फूलों से होती है नर और मादा की पहचान
अगर आपको फूलों में यह पहचान करना है कि यह नर है या मादा तो इसके लिए जब आप लौकी के फूल देखेंगे तो उसके आकार में आपको पता चल जाएगा। अगर वह फूल मादा होगा तो वह एक कैप्सूल के आकृति में होगा। अगर इसकी पहचान हो गई कि यह मादा है तो किसान 3जी तकनीक का उपयोग कर एक बेल से लगभग 800 से अधिक लौकी हासिल कर सकते हैं।
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3G तकनीक का करें उपयोग
अब जब आप यह जान गये हैं कि यह मादा फूल है तो उसके बगल में जो भी फूल है उन्हें छोड़ बाकी फूल को तोड़ लें। फिर अगले बेल में भी यही प्रोसेस दोहराएं। अब इनकी शाखाओं को लकड़ी का सहारा जरूर दें ताकि इसे हिम्मत मिले और आगे बढ़ सकें। एक दो और जो तीसरा बेल होगा उसमें जो भी फूल होंगे वह मादा होंगे जिससे अधिक-अधिक लौकी उत्तपन्न होगी।
The Logically अपने पाठकों से अनुरोध करता है कि वे एक बार जरूर इस 3G तकनीक का उपयोग कर लौकी का उत्पादन करें।