भारतीय (Indian) होने पर हर भारत के वासी को बहुत गर्व होता है। भारत जैसे देश में कई ऐसे महापुरुषों का जन्म हुआ जिन्होंने आजादी के लिए अपना योगदान दिया है। आजादी के लिए उनके इस योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता है। आजादी के इस लड़ाई (Freedom struggle) में स्वतंत्रता सेनानियों को अनगिनत बलिदान देने पड़े और असीम यातनाएं भी सहनी पड़ी।
आज भारत ने आज़ादी (India’s independence) के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं इसलिए इस आज़ादी के दिन को एक त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है। 15 अगस्त 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) 2022 भारत आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। पर क्या आपको पता है कि भारत की तरह अन्य देश भी ऐसे हैं जिन्हें 15 अगस्त के दिन ही आजादी मिली थी। आइये जानते हैं उन पांच देशों के बारे में जिन्हें 15 अगस्त को आजादी मिली।
गल्फ कंट्री बहरीन
इसमें पहला नाम आता है गल्फ कंट्री बहरीन (Gulf Country Bahrain) का। बहरीन को भी आजादी 15 अगस्त के दिन ही मिली थी। 15 अगस्त 1971 को ब्रिटेन से इसे आजादी मिल पाई। बहरीन द्वीपसमूह को कई इकाइयों ने शासन किया था जिसमें अरब और पुर्तगाल भी शमिल थे। इसके बाद 19वीं शताब्दी में यह ब्रिटेन द्वारा संरक्षित राज्य बन गया था और अंत मे बहरीन के लोगों के लंबे लड़ाई के बाद ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिल पाई। यह देश भी भारत की तरह 15 अगस्त को अपने आजादी के महोत्सव को मनाता है।
लिकटेंस्टीन की आजादी
लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) एक बेहद ही छोटा देश है। इसकी सीमा पश्चिम और दक्षिण में स्विट्जरलैंड और पूर्व और उत्तर में ऑस्ट्रिया (Switzerland and Austria to the East and North) से लगती है। यह यूरोप का चौथा सबसे छोटा देश है। भारत की तरह इसे भी आजादी 15 अगस्त के दिन ही मिली। लिकटेंस्टीन को भी भारत की तरह 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी मिली। इस देश में 15 अगस्त का उत्सव बड़े धूम-धाम से होता है। इस उत्सव में घास के मैदान में कैथोलिक मास और उसके बाद राजकुमार के महल में मुफ्त ड्रिंक और सैंडविच (Free Drinks and Sandwiches) होती है। यहां के लोगों को शाही परिवार से मिलने और बातचीत करने का मौका मिलता है।
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अफ्रीकन कंट्री कॉन्गो
अफ्रीकन कंट्री कॉन्गो (African country congo) की अगर बात करें तो इसे आजादी के बाद रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो कहा जाने लगा। इस देश को भी आजादी 15 अगस्त के दिन मिल पाई। अफ्रीकन कंट्री कॉन्गो को 1960 में फ्रांस के शासन से आजादी मिल पाई। इस देश में कई ऐसी बातें है जो इस देश को अन्य देशों से अलग करती है जैसे की भाषा, रहन सहन, वेश-भूषा, संस्कृति, धर्म, व्यवसाय। 15 अगस्त के दिन भारत की तरह कॉन्गो भी अपने आजादी का उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाता है।
साउथ कोरिया की आजादी
साउथ कोरिया (South Korea) के आजादी की बात करें तो 1945 में साउथ कोरिया को 35 साल के जापानी (japan) कॉलोनाइजेशन से आजादी मिली थी। यह देश पहले जापान का गुलाम था। 15 अगस्त 1945 के दिन इस देश को आजादी मिल पाई। इस दिन साउथ कोरिया में राष्ट्रीय छुट्टी घोषित किया जाता है। भारत की तरह इस देश में भी इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं और आजादी की बधाई देते हैं।
उत्तर कोरिया की आजादी
साउथ कोरिया की तरह उत्तर कोरिया (North Korea) भी 15 अगस्त 1945 को आजाद हुआ था। इन दोनों देशों को जापान के गुलामी से आजादी मिली थी। दोनों ही देश एशिया के पूर्वी हिस्से में स्थित हैं। दोनों ही देशों की पहचान दुनियाभर में अलग-अलग है। दक्षिण कोरिया एक ऐसे देश के रूप में आज दुनियाभर में जाना जाता है, जहां की शिक्षा बेहद उन्नत है और जहां विकास तेजी से हो रहा है। वहीं, उत्तर कोरिया की पहचान एक ऐसे देश के रूप में है, जो अपने सैन्य ताकत के लिए जाना जाता है।
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