अगर इंसान किसी चीज़ को लेकर जिद्दी बन जाए तो वह उस चीज़ को हासिल करके ही दम लेता है। अब चाहे वह कोई निर्माण हो या फिर शिक्षा हासिल करना। आज के इस लेख द्वारा हम आपको 5वीं पास ऐसे दुकानदार के विषय में बताएंगे जिन्होंने अपनी 8 साल के परिश्रम के बदौलत हवाई जहाज का निर्माण किया। ऐसा इसलिए हुआ कि उन्हें कभी सिक्योरिटी गार्ड ने हवाई जहाज नहीं देखने दिया था।
बजरंग (Bajrang) की कहानी
वह शख़्स हैं बजरंग (Bajrang) जो राजस्थान के चुरू से ताल्लुक रखते हैं। उनकी आजीविका एक छोटे से दुकान से चलती है। लेकिन उन्होंने जिद्द से एयरक्राफ्ट का निर्माण किया है जिसे उड़ाने का परमिशन मांगा जा रहा है। जब वह छोटे थे तब उनका शौक था कि वह एरोप्लेन देखें जिसके लिए उन्होंने जयपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दौरा किया। परंतु वहां सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें टेकऑफ करते हुए प्लेन को देखने से मना किया है।
परिश्रम कर बनाया प्लेन
इस बात को उन्होंने सीरियस ले लिया और मन में यह निश्चय किया कि एक दिन वो खुद प्लेन बनाएंगे। इसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और 8 साल के बाद उन्होंने अपनी के बदौलत प्लेन बना ही लिया। हलांकि ये प्लेन टू-सीटर है। ये प्लेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता। वह अपने आजीविका के लिए मोबाइल और कंप्यूटर रिपेयरिंग दुकान में कार्य करते है। एयरक्राफ्ट के निर्माण में जो भी लागत आई वह सारी उन्होंने दुकान के खर्च से जमा किया। हालांकि कुछ लोगों ने उनकी आर्थिक मदद भी की। उन्होंने इस प्लान में वैगनआर कार इंजन लगाया है। इसका फ्यूल टैंक लगभग 45 लीटर का है जो 150 किलोमीटर का उड़ान भरने में सक्षम है।
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— BAAT KHABAR KI (अब खबरे बोलेगी आपके अंदाज में) (@baatkhabarki) August 2, 2022
पांचवी पास शिक्षक ने बना दिया उड़ने वाला प्लेन,@ChuruPolice @Churu pic.twitter.com/dTGaPHRNEN
किया था ड्रोन का भी निर्माण
प्लेन के निर्माण से पूर्व उन्होंने ड्रोन का भी निर्माण किया है जिसमें उन्होंने कंप्यूटर हार्ड डिस्क की मोटर लगाई थी। ड्रोन को वह रिमोट की मदद आसमान में आसानी से उड़ा सकते हैं। भले ही वह कम पढ़े लिखे हैं परंतु वह हिम्मत रखते हैं कि किसी भी कठिन से कठिन काम को सरल बना कर अपने सपने को पूरा किया जा सके। आज वह हज़ारों लोगों के लिए उदाहरण बने हैं।
किया है 5वीं तक शिक्षा हासिल
हालांकि निर्माण के बाद एयरक्राफ्ट अभी उड़ा नहीं है क्योंकि इसे उड़ाने के लिए वह सरकार से परमिशन मांग रहे हैं। एक साधारण शिक्षा हासिल करने के बावजूद भी जिस तरह उन्होंने एयरक्राफ्ट का निर्माण किया है इससे उनके टीचर एवं अन्य लोग काफी अचंभित है। उन्होंने पांचवी कक्षा की शिक्षा हासिल की है। उनके शिक्षक को उन पर गर्व है कि उनका विद्यार्थी अपनी प्रतिभा से हर किसी को हैरान कर दिया है।