इन्सान का शरीर चाहे कितना भी बूढ़ा क्यों न हो जाए लेकिन उसका दिल और दिमाग हमेशा जवान रहता है। इसलिए कुछ लोग आराम करने की उम्र में कुछ ऐसा कर जाते हैं जो सबके लिए एक मिसाल बन जाता है और यही वजह है कि लोग उम्र को महज एक नम्बर मान्त्व हैं। नारायण एस भट ने भी 70 की उम्र में सिविल इंजीनियरिंग की परीक्षा में टॉप करके सभी को हैरत में डाल दिया है।
लोगों के लिए बने प्रेरणा
नारायण एस भट (Narayan S Bhat) का जन्म 1953 में उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी गांव में हुआ था। उन्हें बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था और इसी शौक ने उन्हें सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा परीक्षा में सफलता हासिल करके सभी लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। क्योंकि जिस उम्र में लोग अपने आप को बुजुर्ग मानकर आराम करना चाहते हैं उस उम्र में पढ़ाई करके परीक्षा पास करना बहुत बड़ी बात है।
साल 2008 में नौकरी से हुए रिटायर
शुरु से ही पढ़ाई में रुचि रखने वाले नारायण एस भट ने साल 1973 में पॉलिटेक्नीक कॉलेज में दाखिला लिया और मैकेनिक इन्जीनियरिंग ((Mechanic Engineering) परिक्षा में दूसरे रैंक से सफलता हासिल की थी। पढ़ाई संपन्न होने के बाद उन्होंने नौकरी करने का फैसला किया और इसके लिए वे देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित कम्पनियों में काम किए। उसके बाद एक तय सीमा के बाद साल 2008 में बल्लारपुर इन्डस्ट्रीज ने नारायण को नौकरी से उन्हें रिटायर कर दिया।
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रिटार्मेंट के बाद शुरु किया खुद का कारोबार
अधिकांश लोग रिटायर्मेंट के बाद घर पर आराम का जीवन जीना चाहते हैं लेकिन नारायण एस भट ने आराम न करके अपना कारोबार शुरु करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सिरसी में ही सिविल ठेकेदार का कार्य करना शुरु कर दिया जो समय के साथ धीरे-धीरे फलता गया। हालांकि, इन सबके बीच भी उनके मन में इंजीनियरिंग की डिग्री लेने की इच्छा अभी भी जिन्दा थी।
70 की उम्र में किया पूरे कर्नाटक में टॉप
इन्जीनियरिंग की पढ़ाई करने की इच्छा से नारायण एस भट ने पुन: 67 की उम्र में कॉलेज में दाखिला लिया। उम्र के इस पड़ाव में आमतौर पर लोगों का शरीर थकने लगता है और वे आराम करना चाहते हैं लेकिन नारायण एस भट की सोच लोगों से अलग थी। उन्होंने बढ़ती उम्र को मात देकर पढ़ाई करने लगे और बहुत ही मेहनत से वे लगातार 3 वर्ष तक अपनी पढ़ाई किए। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा की परीक्षा में 94.88% अंक हासिल करके पूरे कर्नाटक में टॉप किया।
नारायण एस भट का परिवार
इंजीनियरिंग की परिक्षा में टॉप करनेवाले नारायण भट की दो बेटियां हैं जिसमें से एक बेटी अमेरिका में रहती है तो वहीं दूसरी बेटी आयरलैंड से सॉफ़्टवेयर इन्जीनियरिंग की नौकरी कर रही है। सम्पन परिवार होने के कारण उन्हें पढ़ाई में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा और उन्होंने भी 3 साल तक अपने आप को इंजीनियरिंग की पढ़ाई में अपने आप को दे दिया था तब जाकर उन्हें ये सफलता हाथ लगी है।
70 वर्ष की उम्र में नारायण एस भट (Narayan S Bhat) ने पढ़ाई करके इन्जीनियरिंग की परीक्षा में सफलता हासिल करके युवा वर्ग समेत व्यस्क और बुजुर्गों के लिए भी प्रेरणा की मिसाल पेश की है। The Logically इस सफलता के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई देता है साथ ही उनके जोश और जज्बे की तारीफ भी करता है।