खाने के और खाना बनाने के शौकीन लोगों के बीच मे आजकल यूट्यूब पर आपली आजी(Aapli aaji) चैनल काफ़ी लोकप्रिय हैं। इस चैनल पर आपको महाराष्ट्रीयन व्यंजन के एक से बढ़ कर एक रेसिपी मिल जाएगी। इस लोकप्रिय चैनल की ख़ासियत है इसका देसीपन। खाना बनाने का तरीका देसी , खाना देसी और खाना बनाने वाली भी तो एक आजी(दादी) ही हैं।
70 साल की यह आजी हैं सुमन धामने(Suman Dhamne) । महाराष्ट्र के अहमदनगर से लगभग 15 km दूर सरोला कसार गांव की रहने वाली सुमन धामने (Suman Dhamne)कभी स्कूल नही गयी पर आज एक यूट्यूब सेंसेशन हैं। पिछले साल तक सुमन यूट्यूब क्या होता हैं यह जानती भी नही थी। पर इस साल जनवरी में इनके पोते 17 वर्षीय यश धामने ने इन्हें यूट्यूब पर पाव भाजी बनाने की रेसिपी दिखाई तब सुमन ने बड़े आत्मविश्वास से कहा कि मैं इससे अच्छी पाव भाजी बना सकती हूं। यश बताते हैं कि जब उन्होंने पाव भाजी बनाई तब यह वाकई बहुत ही स्वादिष्ट बनी थी और परिवार में सबको पसंद आई। यहाँ से यश को यूट्यूब पर आपली आजी चैनल बनाने का विचार आया। इस तरह आपली आजी से सुमन धामने का यूट्यूब सेंसेशन बनने का सफर शुरू हुआ।
आपली आजी की सफलता
मार्च मे इस चैनल पर पहला रेसिपी का वीडियो आया जो कि एक करेले की सब्ज़ी थी। इसके बाद इस चैनल पर आजी द्वारा बनाई गई मूंगफली की चटनी, पारंपरिक व्यंजन, तरह-तरह की सब्ज़ियों की रेसिपी डाली गई।
आज इसपर लगभग 120 रेसिपी वीडियो हैं। 6 महीने से भी कम समय मे इसके 6 लाख सब्सक्राइबर हैं। आज आपली आजी के वीडियो लाखो लोग देखते हैं । कुछ दिन पहले इस चैनल पर भाकरवाड़ी रेसिपी शेयर किया गया था जिसे 2 हफ्ते के भीतर लाखो लोगो ने देखा हैं। सुमन बताती हैं कि कितने दर्शक उनसे अलग-अलग व्यंजन बनाने की फरमाइश भी करते हैं जिसे सुमन खुशी-खुशी पूरी भी करती हैं।
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कैमरा फेस करने में परेशानी
सुमन बताती हैं कि शुरू में उन्हें कैमरा फेस करने में बहुत परेशानी हुई। इससे पहले वह कभी कैमरे के सामने नही आई थी । इसलिए वह असहज हो जाती थी। कभी डर जाती तो कभी बोलने में गड़बड़ कर जाती। उन्हें खाने के बहुत से चीज़ों का अंगेज़ी शब्द नही पता था जैसे सॉस, चीज़ आदि । इसके उच्चारण में उन्हें परेशानी होती थी।
इन सब मे उनकी मदद उनके ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले पोते यश ने की। यश ने उन्हें तकनीकी पहलुओं और प्रक्रिया से रूबरू कराया । शब्दो का सही उच्चारण सिखाया। इन सब से बढ़ कर एक परेशानी तब हुई जब 17 अक्टूबर को इनका चैनल हैक हो गया। सुमन बताती है कि इन्होने उस दिन खाना भी नही खाया। दादी-पोते की इस जोड़ी ने चार दिन बाद राहत की सांस ली जब इनका चैनल ठीक हो गया।
स्मार्टफ़ोने से की पहले वीडियो की रिकॉर्डिंग
पहले इनके पास वीडियो रिकॉर्डर नही था तो इन्होने स्मार्टफ़ोने से रिकॉर्ड करना शूरु किया। इससे बहुत परेशानी भी होती थी। वीडियो एडिट करने में मुश्किल आती थी, नेटवर्क के कारण भी परेशानी होती थी।
पारंपरिक मसलो को बनाना और बेचना शुरू किया
सुमन धामने के खानों की खासियत उनमे इस्तेमाल किये गये परम्परिक मसाले है जिन्हें सुमन खुद से बनाती हैं। इनके मसालों की दर्शको के बीच अच्छी-खासी मांग है जिसे देखते हुए सुमन ने इसे बना कर बेचना शुरू किया हैं।
सुमन कहती है की जब शुरू किया था तब एक डर था पर आज अगर कोई रेसिपी न शेयर करू तो मन बेचैन से हो जाता हैं। यूट्यूब की इस 70 वर्षीय सेंसेशन को यूट्यूब क्रिएटर अवार्ड भी मिल चुका हैं।
सुमन धामने आज एक उदाहरण हैं। वह इस वाक्य को चरितार्थ करती हैं कि अपने हुनर को पहचान देने की कोई उम्र नही होती हैं।