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दोस्त की जान बचाने के लिए दोस्तों ने परीक्षा की तैयारी छोड़ 10 दिन में जुटाया 40 लाख रुपये, निभाया दोस्ती का फर्ज

8 friends collected 40 lakh rupees in 10 days to save friend's life

दोस्ती हमारे जीवन का सबसे खुबसूरत रिश्ता है जहां हमेशा एक-दूसरे के लिए प्यार बना रहता है। एक सच्चे मित्र की पहचान मुश्किल घड़ी में हो होती है और विपत्ति में भी जो दोस्त का साथ न छोड़े उसे ही अच्छा और सच्चा दोस्त कहा जाता है। दोस्ती का एक ऐसा ही खुबसूरत कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो दूसरों के लिए एक मिसाल बन गया है।

हाल ही में ग्रेटर नोएडा के कुछ दोस्तों ने अपनी दोस्त को बचाने के लिए दिन-रात एक करके महज 10 दिन में 40 लाख रुपये का इन्तजाम किया और दोस्त की जान बचा ली। इतना ही नहीं दोस्त की जान बचाने के लिए उन्होंने परीक्षा की तैयारी भी छोड़ दी।

दोस्त की जान बचाने के लिए मसीहा बने दोस्त

दरअसल, बीटेक फाइनल ईयर की छात्रा स्वीटी का सेक्टर टू डेल्टा के पास एक रोड एक्सिडेंट हो गया जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें कैलाश हॉस्पीटल में भर्ती किया गया। डॉक्टर्स के अनुसार, स्वीटी के इलाज के लिए लगभग 35 से 40 लाख रुपये की जरुरत थी। लेकिन स्वीटी की इलाज के लिए उनकी फैमिली इतनी बड़ी रकम का इन्तजाम करने में समर्थ नहीं थी।

इस मुश्किल घड़ी में स्वीटी के कॉलेज के 8 दोस्त आशीर्वाद मणि त्रिपाठी, आदर्श सिंह, करण पाण्डेय, अनुभव यादव, चंदन सिंह, राजमणि, प्रतिक, शुभम औरराज श्रीवास्तव मसीहा बनकर सामने आए। उन्होंने स्वीटी के परिवार वालों को दोस्त स्वीटी की इलाज के लिए पैसे का इन्तजाम करने में उनकी सहायता करने का भरोसा दिया।

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दोस्त की जान बचाने के लिए दोस्तों ने 10 दिन में जुगाड़ किया 30 लाख रुपए

स्वीटी के इन सभी दोस्तों ने मिलकर सबसे पहले 1 लाख रुपये का जुगाड़ किया ताकि स्वीटी की इलाज शुरु की जा सके। उसके बाद उन्होंने इलाज में खर्च होने वाली राशि के लिए दिन रात एक कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी परीक्षा की तैयारी भी छोड़ दी और दोस्त की मदद के लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि की जगहों पर स्वीटी की फोटो और उनके पिता का बैक अकाउंट नम्बर वायरल किया और लोगों से मदद की गुहार लगाई।

इस तरह आठों दोस्तों ने मिलकर अपनी दोस्ती के लिए 10 दिन में 30 लाख रुपये का इन्तजाम किया। इतना ही नहीं स्वीटी की मदद के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने भी पुलिस डिपार्टमेंट के सहयोग से 10 लाख की आर्थिक मदद की। परिणाम स्वीटी का इलाज हुआ और अब उनकी स्थिति में सुधार है और उन्हें ICU वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

दोस्ती का फर्ज अदा करना जरुरी है

दोस्तों द्वारा की गई मदद के लिए स्वीटी ने सभी दोस्तों को धन्यवाद किया और कहा कि, उन्हें ऐसे दोस्तों पर गर्व है। वहीं उनके दोस्तों ने कहा कि उन्हें परीक्षा से अधिक चिंता उनकी अच्छी दोस्त स्वीटी की थी, परीक्षा की दोबारा दे देंगे लेकिन स्वीटी के इलाज में लापरवाही नहीं की जा सकती थी। स्वीटी की मदद करके उन्होंने अपनी दोस्ती का फर्ज अदा किया है।

वास्तव में जीवन में यदि इतने अच्छे और सच्चे दोस्त हो तो कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होगी। The Logically ऐसे दोस्तों की दोस्ती की प्रशंसा करता है।

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