भारत के तमाम कठिन परीक्षा में से एक है यूपीएससी की परीक्षा। इसमें कैंडिडेट्स को सफलता प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत मेहनत करना पड़ता है, तब कहीं जा कर कामयाबी उनके हाथ लगती है। कैंडिडेट इसके लिए दिन-रात एक कर पढ़ते हैं परंतु आज हम एक ऐसी यूपीएससी कैंडिडेट की बात करेंगे जो विवाहित हैं, घर के सारे कामों के साथ नौकरी करती और यूपीएससी की परीक्षा के समय प्रेगनेंट भी थी।
पद्मिनी नारायण (Padmini Narayan)
जहाँ एक ओर हमारे समाज में विवाहित महिला को घर की जिम्मदारी से ही राहत नहीं मिलती, ऐसे में पद्मिनी प्रेगनेंट होते हुए नौकरी के साथ साथ यूपीएससी परीक्षा में भी सफलता प्राप्त कर चुकी हैं। पद्मिनी बताती हैं कि नौकरी के चलते उन्हें समय नहीं मिलता था, जिस वजह से वह अपने पहले अटेम्प्ट में सफल नहीं हो सकी। पद्मिनी दूसरे कैंडिडेट्स को सलाह देती हैं कि दो बातों को ख़ास ख़्याल रखें, एक लिमिटेड रिसोर्स और दूसरा मल्टीपल रिवीजन।
मॉक टेस्ट्स और रिवीजन को पद्मिनी मानती हैं जरूरी
पद्मिनी हर विषय की तैयारी के लिए बस एक किताब रखीं थीं ताकि ज्यादा समय ना लगे और सिलबस भी समय पर पूरा हो सकें। जब तैयारी पूरी हो गई तो उन्होंने मॉक टेस्ट दिए और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस भी की ताकि वह अपने गलतियों को समझ सकें। पद्मिनी प्री के लिए मॉक टेस्ट्स और रिवीजन को बहुत जरूरी मानती हैं। उनका मनना हैं कि ऐसा करने से सफलता अवश्य मिलेगी।
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पद्मिनी कहती हैं दूसरों से मदद जरूर ले
पद्मिनी को जब भी समय मिलता, वह उस समय का प्रयोग पढ़ाई के लिए करती थी, जैसे- ऑफिस जाने के समय में तथा ब्रेक के समय में वह पढ़ाई करती थी। वह करेंट अफेयर्स के लिए रास्ते में न्यूज पेपर पढ़ती थी। पद्मिनी कहती हैं कि परीक्षा के समय में आप उतना ही काम करे, जितना करना आपके लिए आवश्यक हो। अगर ऐसे में कोई आपकी मदद करता हैं तो उससे मदद जरूर ले। उनके घर तथा ऑफिस में अगर कोई भी उनकी मदद के लिए सामने आता तो वह उसकी मदद जरूर लेती थी।
पद्मिनी का मानना है कि परीक्षा पास करने के लिए फिजिकली और मेंटली फिट होना ज़रूरी
पहले पद्मिनी सुबह 9 बजे तक लाइब्रेरी चली जाती थी ताकि वहाँ उन्हें कोई डिस्टर्ब ना करे परंतु बाद में झुककर पढ़ने से उन्हें परेशानी होती थी, इस वजह से उन्होंने लाइब्रेरी जाना बंद कर दिया। प्रेगनेंट होने की वजह से उन्हें अपने हेल्थ का भी बहुत ख्याल रखना पड़ता था। वह दिन में 25 से 30 मिनट तक वॉक करती और साथ ही अपने खाने-पीने का भी विशेष ख्याल रखती थी। पद्मिनी कहती हैं कि ऐसे नॉर्मल कंडीशन में भी अपने हेल्थ का पूरा ख्याल रखे। इस परीक्षा को पास करने के लिए फिजिकली फिट होने के साथ मेंटली फिट होना भी बहुत जरूरी हैं।
त्याग और मेहनत से सफलता अवश्य मिलेगी
पद्मिनी इन सालों में सब कुछ भूलकर बस यूपीएससी परीक्षा को अपना लक्ष्य बना ली थी। वह बताती हैं कि परीक्षा के समय वह शादी, त्यौहार कुछ नहीं जानती थीं, केवल पढ़ाई करती थी। पद्मिनी अंत में कहती हैं कि अगर आप त्याग और मेहनत करने को तैयार हैं तो कोई आपको सफल होने से नहीं रोक सकता। बस जरूरत है तो कड़ी मेहनत की।
The Logically पद्मिनी नारायण के हौसले की तारीफ करता और उन्हें उनके कामयाबी के लिए बधाई देता है।