आदि अनादि से और आज के समय में भी मानव सभ्यता को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण ही एकमात्र विकल्प बचा है।
पर्यावरण को संरक्षित कर हम पूरे विश्व को बचा सकते यह और आनेवाली पीढ़ी को एक बेहतर ‘कल’ दे सकते हैं , जिसके वो हकदार हैं !
आज हम एक ऐसे समूह की बात करने जा रहे हैं जो पर्यावरण संरक्षण का कार्य बिना एक दिन भी रुके करते आ रहे हैं ! पर्यावरण संरक्षण का कार्य बिहार (नालंदा) के इन युवाओं द्वारा बखूबी किया जा रहा है ! 33 युवाओं का यह समूह पिछले 4 वर्षों से पौधारोपण का काम कर रही है और अभी तक ये लगभग 5 लाख से भी अधिक फलदार पौधा लगा चुके हैं ! यह बड़े गर्व की बात है की इस 33 सदस्यों में एक महिला सदस्य भी है,जो अपनी अग्रणी भूमिका निभाती हैं , श्री मति शशिकला सिन्हा आर्ट ऑफ लिविंग की टीचर भी हैं ! इसके आलावा नालंदा जिला के कई डॉक्टर्स भी इस अभियान में से जुड़ चुके हैं और उन्होंने पौधे खरीदकर मिशन हरियाली को दिया है
मिशन हरियाली नूरसराय के नाम से चलने वाली यह संस्था आज के दिन बिहार के हर बच्चे के जुबां पर है !मिशन हरियाली नूरसराय के सदस्य केवल पौधा लगाते ही नहीं है बल्कि उन्हें संरक्षित करने की भी पूरी जिम्मेदारी उठाते हैं !
कैसे हुई शुरुआत
मिशन हरियाली नूरसराय के अध्यक्ष राजीव बताते हैं कि एक बार वह अपनी बेटी के जन्मदिन के उपलक्ष पर उसके स्कूल में जाकर बच्चों के बीच कुछ पौधे बांटे थे !पौधा लेने के लिए स्कूली बच्चे काफी उत्साहित नजर आए,यहां तक की इनके पास देने के लिए पौधे कम पड़ गए ! बस यहीं से , राजीव ने सोचा की अगर हम बच्चों के माध्यम से पौधारोपण का काम करवाते हैं तो यह बच्चे पौधों को आसानी से सींचकर बड़ा कर पाएंगे और पौधों की देखरेख करने वाला एक इंसान मिल जाएगा !
मिशन हरियाली नूरसराय का विस्तार
जब राजीव ने अपने प्लान के बारे में अपने घर के सदस्यों और दोस्तों में साझा किया तो बहुत से लोग आगे आये ,और अपना सहयोग देने का वादा किए ! अभी इस समूह में कुल 33 लोग हैं जो पौधारोपण का कार्य चलाने के लिए हर महीने आर्थिक सहयोग भी देते हैं ! आर्थिक सहयोग के तौर पर यह युवा हर महीने 1000 रुपया समूह में जमा करते हैं और खुद से श्रम दान भी करते हैं , इस तरह मिशन हरियाली एक परिवार के शाखा जैसा बढ़ चुकी है ! शुरूआती दिनों में समूह के सदस्यों द्वारा अपने गांव के आसपास सैकड़ों पौधा लगाया गया और उनका संरक्षण भी किया गया, लेकिन यह कारवां की शुरुआत थी !
कैसे होता है कार्य
सदस्यों से मिले आर्थिक सहयोग से मिशन हरियाली नूरसराय दूसरे नर्सरी से हजारों की संख्या में छोटे पौधे मंगाती और उन पौधों को मिशन हरियाली नूरसराय के नर्सरी में कुछ दिनों तक बड़ा किया जाता है और फिर वितरण का कार्य शुरू हो जाता है ! समूह के सदस्य अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों को पौधारोपण की विधि बताते हैं और उन्हें एक पौधा लगाने के लिए देते हैं !
इस प्रयोग से संपूर्ण बिहार में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक लहर चल चुकी है ! राजीव बताते हैं कि कभी-कभी बच्चों से बात करते समय यह भी पता चलता है कि उन्हें दिए गए छोटे पौधे अब पेड़ बन चुके हैं और फल भी देते हैं ! इसके साथ ही मिशन हरियाली नूरसराय ने खुद की नर्सरी भी बना रखी है जिसमें छोटे पौधों को बड़ा किया जाता है !
बच्चों के माध्यम से ही आखिर क्यों
सदस्यों का मानना है कि बच्चे ही कल के निर्माता होते हैं और अगर हम इन्हें अच्छे कार्यों में संलग्न करें तो आने वाले भविष्य की चिंता नहीं करनी पड़ेगी ! बच्चों में सृजन की शक्ति अपार होती है यह अपने सामानों की देखभाल भी बखूबी करते हैं ! बच्चो के माध्यम से पौधा रोपण कराने से ये पर्यावरण की मूलभूत अवधारणाओं को समझने के साथ ही उस पौधे को बड़ा करने में अपना संपूर्ण योगदान देते हैं आने वाले दिनों में हम इन बच्चों में से अनेकों पर्यावरणविद देखने का स्वप्न देखते हैं ! मिशन हरियाली नूरसराय पिछले 4 वर्षों में हज़ारों स्कूलों में जाकर लाखों बच्चों से संवाद कर चुकी है और उन्हें पौधा रोपण की विधि समझने के साथ ही एक पौधा दे चुकी है !
4 साल की अटूट मेहनत , 35 लाख रुपये के खर्च और निरंतरता की अनूठी मिशाल पेश करते हुए इस समूह के प्रयास से सकारात्मकता की एक खूबसूरत लहर दौड़ चुकी है ! गांव के आसपास के लोग अब अपने घर में होने वाले उत्सव में इन्हें शामिल होने की आग्रह करते हैं और पौधा रोपण पर जोर दिया जाता है ! ऐसे छोटे-छोटे त्यौहार और फंक्शन में सदस्य अतिथियों को पौधा देते हैं ! इसके साथ ही मिशन हरियाली अब बैंकों और हॉस्पिटल में आनेवाले लोगों से भी मिलकर उनके पर्यावरण संरक्षण के बारे में सजग करती है और पौधा भेंट करती है !
लक्ष्य
आने वाले दिनों में भी मिशन हरियाली नूरसराय अपना कार्य जारी रखेगी और तबतक अलख जगाती रहेगी जब तक देश में पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण को लेकर एक क्रांति ना आ जाए !
मिशन हरियाली नूरसराय के सभी सदस्यों को Logically नमन करता है और अपने पाठकों से पर्यावरण के प्रति संजीदगी दिखाने की अपील करता है !