हम सभी ये जानते हैं कि इस पृथ्वी पर सबसे तेज प्राणी हम मनुष्य हैं। क्योंकि हमें दिल और दिमाग दो ऐसी चीजें मिली हैं जिससे हम किसी के तकलीफ को अनुभव कर सकें और दिमाग की मदद से उस तकलीफ का हल निकाल सकें। लेकिन हल वही व्यक्ति निकाल सकता है जो पढ़ा-लिखा यानि शिक्षित हो। क्यूंकि जो व्यक्ति शिक्षित नहीं है वह इस पृथ्वी पर उस जानवर के समान है जो इधर-उधर विचरते रहते हैं। उन्हें ये नहीं पता होता क्या सही है क्या गलत या फिर किस कार्य से हम किसी को खुशियां दे सकें।
हमारे यहां कुछ लोग शिक्षा का मतलब ये समझते हैं एक अच्छी डिग्री और एक अच्छा लाइफ और ऐ-शो आराम की ज़िंदगी। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने जीवन के साथ उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जो असहाय होते हैं। उन्हीं लोगों में से एक हैं प्रशांत गाडे (Prashant Gade) जिन्होंने अपने प्रेम तथा शिक्षा की बदौलत हज़ारों विकलांगों के जीवन में खुशियां फैलाई है। -Prashant Gade, founder of Inali Foundation
आईए जानते हैं कि आखिर कौन हैं प्रशांत
प्रशांत गाडे (Prashant Gade) मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) से ताल्लुक रखते हैं। उनका का जन्म वर्ष 1995 में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न करने के बाद ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने ही वाले थे कि तीसरे वर्ष में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग छोड़ी ताकि विकलांग लोगों की मदद कर सकें। आगे उन्होंने काफी स्ट्रगल भी किया लेकिन हार नहीं मानी जो करना चाहते थे उसमें कामयाबी हासिल कर के ही दम लिया। -Prashant Gade, founder of Inali Foundation
किया अफोर्डेबल बेनोमिक बाजू (Affordable Bionic Arm) का निर्माण
वह जब कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उन दिनों उन्होंने ये महसूस किया था कि पढ़ाई का मतलब अच्छे ग्रेड्स या फिर अच्छी डिग्री हासिल करना नहीं है। वह चाहते हैं कि वह अपने बुद्धि और ज्ञान का सदुपयोग करें जिससे लोगों को लाभ मिल सके और उन्हें इससे खुशी मिले। उन्होंने विश्व का अफोर्डेबल बेनोमिक बाजू (Affordable Bionic Arm) का निर्माण किया ताकि इससे विकलांगों को खुशी मिले। -Prashant Gade, founder of Inali Foundation
यह भी पढ़ें:-राजस्थान का यह गांव बना देश का पहला स्मार्ट विलेज, इसकी खुबसूरती के आगे शहर भी फीका है
किया प्रोस्थेटिक लिंब (Prosthetic Limbs) के निर्माण का कार्य प्रारंभ
एक बार की बात है जब वह पुणे में जॉब कर रहे थे तब उन्हें वहां एक 7 वर्ष की लड़की मिली जिसके हाथ नहीं थे। उन्होंने यह निश्चय किया कि वह उस लड़की की मदद करेंगे जिसके लिए वह हॉस्पिटल के चक्कर भी काटे, तब उन्हें यह पता चला कि उस बच्ची की मदद में उन्हें लगभग 500000 खर्च करने पड़ेंगे। इस बात में उन्हें झकझोर दिया और उन्होंने यह निश्चय किया कि अब वह लोगों की मदद करेंगे। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के उपरांत एक अच्छे कंपनी में जॉब नहीं किया बल्कि प्रोस्थेटिक लिंब (Prosthetic Limbs) के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। -Prashant Gade, founder of Inali Foundation
चलाते हैं फाउंडेशन
उनका एक फाउंडेशन है जिसका नाम इनाली फाउंडेशन (Inali Foudation) है। उन्होंने अपने फाउंडेशन के तहत हजारों विकलांग लोगों की सहायता की है वो भी फ्री। वह कहते हैं कि मेरा ये उद्देश्य है कि मैं हमारे देश के सुदूर ग्रामों का भ्रमण करूं और यहां विकलांग लोगों की मदद हेतु शिविर आयोजित कर फ्री में इलेक्ट्रॉनिक हथियार मुहैया कराऊं। हह अपनी संस्था इनाली के तहत उन लोगों से जुड़ना चाहते हैं जो पैसे तथा पंहुच के कारण अपने जिंदगी को वीरान बना चुके हैं। -Prashant Gade, founder of Inali Foundation
प्रशांत ये कहते हैं कि मेरी नजर में सिर्फ डिग्री या ग्रेड हासिल करना ही शिक्षा नहीं बल्कि असल में शिक्षा वह है ताकि उससे लोगों की सहायता हो और आप उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें। इस कार्य से आपको खुशी भी मिलेगी और सुकून भी। विकलांग लोगों की मदद करने तथा जीवन में खुशियां बिखेरने के लिए The Logically प्रशांत गाडे (Prashant Gade) को सैल्यूट करता है। –Prashant Gade, founder of Inali Foundation
यह भी पढ़ें:-आसान तरीके से सीखें: एसी की कूलिंग कैसे बढ़ाएं! Ac ki cooling kaise badhayen