आजकल लोग शहरों की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में खुशहाली लाने के लिए गार्डेनिंग कर रहे हैं। कुछ लोग तो इसे व्यवसाय का रूप भी दे रहे हैं जिससे उनके आसपास का आवरण सुंगधित एवं सकारात्मकता से घिरी हुई मिल रही है। साथ ही वे इस कार्य से अच्छा खासा पैसा भी कलेक्ट कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाएंगे जिन्होंने कम्प्यूटर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर फार्मिंग शुरू किया और आज वह अपने इस फार्मिंग से लाखों रुपए कमा रहे हैं।
हर्षवर्धन मजेजी का परिचय
उनका नाम है हर्षवर्धन मजेजी (Harshvardhan Majeji) जो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से ताल्लुक रखते हैं। वह कंप्यूटर इंजीनियर के तौर पर जॉब कर रहे थे परंतु आज वह खेती कर रहे हैं। वह अपनी खेती पर हर वर्ष 20 लाख रुपए आसानी से कम कमा रहे हैं। अपने इस खेती में सफलता मिलने के उपरांत आज वह अपने एरिया के कृषकों एवं सभी लोगों के बीच रोल मॉडल बने हैं। -Harshvardhan Majeji from Madhyapradesh by capsicum farming
नौकरी छोड़ शुरू की खेती
हर्षवर्धन शहरों में तो रह रहे थे परंतु वह हमेशा गांव से जुड़े रहते। उनकी चाहत थी कि वह अपने गांव के किसानों की मदद करें परंतु इसके लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे। वे किसानों को जागरूक करना चाहते थे कि वे पारंपरिक खेती को छोड़ अन्य फसलों को उगाए और इससे अधिक लाभ कमाएं इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। -Harshvardhan Majeji from Madhyapradesh by capsicum farming
वैसे तो शिवपुरी में अधिकतर किसान परंपरागत फसल जैसे मूंगफली, सोयाबीन तथा गेहूं आदि की बुआई करते थे जिससे उन्हें कम लाभ मिलता था और नुकसान अधिक होते थे। ऐसे में हर्षवर्धन ने नई तकनीकों को अपनाकर नए फसलों के उत्पादन की तरफ अधिक फोकस किया और आज यहां के किसान उनसे सलाह लेकर खेती कर लाभ कमा रहे हैं। -Harshvardhan Majeji from Madhyapradesh by capsicum farming
20 लाख रुपए की कमाई
उन्होंने अपने गांव के 20 बीघा जमीन में शिमला मिर्च की बुआई की जिससे उन्हें लगभग 100 क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन हुआ। हम अगर शिमला मिर्च के कीमत की बात करें तो मार्केट में इसकी कीमत 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम है। प्रोडक्ट की क्वालिटी बेहतर होने के कारण मार्केट में इसका काफी डिमांड है। वह अपनी खेती से पहले ही वर्ष में 20 लाख रुपए प्राप्त कर चुके हैं। -Harshvardhan Majeji from Madhyapradesh by capsicum farming
किया है टमाटर की बुआई
उन्होंने अपने खेतों में टमाटर की भी बुआई की है जिससे वह अलग लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने 100 बीघा जमीन में टमाटर की बुआई की जिसमें उन्हें अच्छा उत्पादन मिला। उनका टमाटर आगरा, झांसी, कानपुर, दिल्ली तथा आगरा निर्यात के लिए जाता है। –Harshvardhan Majeji from Madhyapradesh by capsicum farming