एक समय था जब महिलाओं को चार दीवारी के अंदर रखा जाता था और उन्हें चूल्हा-चौका सम्भालने लायक ही समझा जाता था। लेकिन वर्तमान समय में परिस्थितियां बदल गई है। अब महिलाओं चूल्हा-चौका के अलावा हर क्षेत्र म पुरुषों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। इतना ही नहीं आज की महिलाएं खुद भी अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं और साथ ही अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं।
यह कहानी भी एक ऐसी ही महिला की है जिसने खुद आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ 20 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया है। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं उस होनहार महिला के बारें में-
बहुत कम उम्र में ही हो गई पिता की मौत
हम बात कर रहे हैं बिहार (Bihar) के आरा (Ara) जिले के एक छोटे-से गांव की रहनेवाली अनिता गुप्ता (Anita Gupta) की, जिन्होंने अपना बचपन का सफर काफी मुश्किल से तय किया था। बहुत कम उम्र में ही पिता के गुजर जाने के बाद उनके और उनकी मां के कंधों पर 6 भाई-बहन की जिम्मेदारी आ गई। चूंकि, वह अनिता सभी भाई-बहन में सबसे बड़ी थीं इसलिए उनसभी की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर आ गई। लेकिन उन्होंने गरीबी को अपना ताकत बनाया।
दो लड़कियों से शुरु हुआ सफर
अनिता ने साल 1993 में लड़कियों को सिलाई-कटाई सिखाना शुरु किया था और इसकी शुरूआत महज दो लड़कियों से हुई थी। हालांकि, उनके परिवारवाले और चाचा को अनिता का काम करना मंजूर नहीं था, वे चाहते थे कि कैसे भी उनसबकी शादी कर दी जाए। सिलाई-कटाई सिखाने के बाद साल 2000 में उन्होंने भोजपुर महिला कला केंद्र (Bhojpur Mahila Kala Kendra) नाम से संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाया।
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20 हजार महिलाओं को दिया रोजगार
रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और डीसी हस्तशिल्प, भारत सरकार के साथ सूचीब्द्ध किया गया। उसके कुछ ही माह बाद अनिता को वहां काम मिल गया जहां औरतें सिलाई-कढ़ाई, ज्वेलरी आदि बनाने का काम करती थीं। खुद आत्मनिर्भर बनने के बाद अनिता ने अभी तक 300 सहायता समूहों का गठन करके 20 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया है।
मिल चुका है ‘नारी शक्ति पुरस्कार’
ग्रामीण परिवेश से होने के बावजूद भी 45 वर्षीय अनिता (Anita Gupta) ने इतनी सारी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर बेहद नेक काम किया है। उनके इस काम के लिए नारी शक्ति पुरस्कार जैसे अन्य कई अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।
अधिक संख्या में महिलाओं को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए The Logically उनकी प्रशंशा करता है।