आज पूरी दुनियां चांद-तारों पर पहुंचने के लिए प्रयासरत है जिसमें हमारा देश भारत भी पीछे नहीं है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के बारे में सभी लोग जानते ही होंगे। ISRO में काम करने वाले वैज्ञानिक हर दिन अंतरिक्ष में चांद तारों पर कुछ ना कुछ खोजने में लगे हुए हैं। पूरी दुनिया की नजर भारत की ISRO एजेंसी पर है।
ISRO एजेंसी लगातार प्रयास में लगा हुआ है और यह पहले प्रयास में मंगल तक पहुंचने के लिए इस साल अंतरिक्ष गगनयान लॉन्च करने और इसी मिशन के जरिए एस्ट्रोनॉट को भेजने की तैयारी में जुटा है। आज हम ISRO के कुछ ऐतिहासिक तस्वीर दिखाएंगे जिसको देखने के बाद आपका मन इस तस्वीर की ओर बार-बार देखने का मन करेगा। ISRO के लिए और दुनिया भर के लोगों के लिए यह यादगार तस्वीरें हैं जिसे देख आप लोग भी आकर्षित हो जाएंगे।
ISRO के कुछ ऐतिहासिक यादगार तस्वीरें जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है।
- पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा:-
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा जो सोवियत संघ के साथ एक संयुक्त मिशन में अंतरिक्ष गए थे जिसने रुसी स्पेस सेंटर साल्यूत-7 पर 8 दिन बिता कर आए थे। ISRO ने 1980 के दशक में कई बड़े कामयाबी हासिल की थी ठीक उसी समय राकेश शर्मा ने भी अपनी कामयाबी के परचम लहरा थे।
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- यह है भारत का पहला सैटेलाइट:-
यह भारत का पहला सैटेलाइट है। जो भारत के मशहूर गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया है जो पूरी तरह स्वदेशी है। भारत ने सबसे पहला स्पेस क्राफ्ट 19 अप्रैल 1975 को लॉन्च किया था जिसे सोवियत कोसमोज-3M रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था।
- बैलगाड़ी से दूसरा रॉकेट ले जाया गया:-
भारत के ISRO एजेंसी ने अपना एक सैटेलाइट व्हीकल-3 (SLV-3) बनाया था जिसमें रॉकेट और लॉन्चिंग पैड भी शामिल था। इस रॉकेट का वजन 17 टन होने के कारण इसे बैलगाड़ी से ले जाया गया जिसके बाद इस रॉकेट को 18 जुलाई 1980 में श्रीहरिकोटा रेंज से रोहणी सैटेलाइट RS-1 के साथ लांच किया गया था। इस रॉकेट लॉन्च होने के बाद भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया जो स्वदेशी रॉकेट को अंतरिक्ष के लिए भेजा। इस रॉकेट के लॉन्च होने के पहले ISRO ने साल 1963 में अमेरिका के स्पेस एजेंसी NASA से रॉकेट लिया था।
- साइकिल से ले जाते रॉकेट लॉन्च पैड:-
यह तस्वीर केरल के तिरुवनंतपुरम का है तिरुवनंतपुरम के करीब थंबा से पहले रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी चल रही थी जिसमें भारत के पहले रॉकेट को साइकिल पर रखकर लॉन्चिंग पैड तक ले गया था यह तस्वीर 21 नवंबर 1963 का है जब रॉकेट को लॉन्च करने के लिए जगह ही नहीं मिल रही थी तब इस रॉकेट को एक चर्च से लॉन्च किया गया था। इस मिशन में महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति रह चुके डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भी थे। इसी पुराने चर्च को वैज्ञानिकों का ऑफिस बनाया गया था और मवेशियों कि रहने के लिए प्रयोगशाला तैयार की गई थी।