घर के अपशिष्ट पदार्थों को कचरा मानकर उसे फेंक देना कोई बङी बात नहीं है। लेकिन वह कचरा भी बहुत उपयोगी होता है इस पर बहुत कम लोग गौर करते हैं। जो लोग गौर करते हैं वे उन कचरा रूपी घर के अपशिष्ट पदार्थों का बखूबी उपयोग करते हैं। उनका वह तरीका अनुकरणीय होता है। घर के अपशिष्ट पदार्थों को उपयोग में लाने वाले में एक नाम भावना शाह जी का है जो घर के कचरों से खाद बनाकर खेती करती हैं। आज की यह कहानी उन्हीं के बारे में है। वे पिछले 9 वर्षों से गीले कचरे से उर्वरक बनाकर खेती कर रहे हैं। अपने घर पर सब्जियां और फलों को उगाती हैं। इनके प्रयास से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
भावना शाह
अधिकांश व्यक्तियों के घर से उनकी भावनाएं जुड़ी होती हैं। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी है जो अपने घर को स्वर्ग की तरह समझते हैं और उसे स्वर्ग बनातें भी हैं। आज हम आपको 63 वर्षीय भावना शाह (Bhavna Shah) के विषय में बता रहे हैं। वह अहमदाबाद (Ahemdabad) में रहती हैं और बिल्कुल ही शांत वातावरण में निवास करतीं हैं। उन्होंने अपनी एक अलग हीं दुनिया बनाई है। उनका मानना है कि घर में सिर्फ भावनाएं ही नहीं बल्कि अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत कुछ करना चाहिए।
मुंबई से लौटी अहमदाबाद
अधिकतर व्यक्ति रहने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई को ही चुनते हैं। लेकिन भावना अपने पति के साथ मुंबई को छोड़कर अपने शहर आ गईं। ये दोनों मुंबई की भीड़ और प्रदूषण से उब चुके थे जिससे इन्हें एक शांत जगह की तलाश थी। आखिर उन्हें यह जगह अपने शहर में ही मिली। ये दोनों मुंबई छोड़कर अहमदाबाद में आ गए। फिर उन्होंने अपने घर को तरीके से तैयार किया और पर्यावरण के अनुकूल बनाया।
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पर्यावरण और प्रकृति का रखती हैं विशेष ध्यान
भावना का मानना है कि अगर आपको स्वस्थ जीवन जीना है तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। इसीलिए मैंने एक किचन गार्डन का निर्माण किया है। यह गार्डन 20 हज़ार वर्ग फीट में है। जहां मैं जड़ी-बूटी, सब्जियों और 20 प्रकार से अधिक फलों को जैविक विधि से उगाती हूं। मुझे इसका एक फायदा रोज होता है, मैं प्रतिदिन हरी और ताजी सब्जियों का सेवन करती हूं। भावना मौसम को ध्यान में रखते हुए पौधों को उगाती हैं। यह सिर्फ देशी किस्म के ही फसलों को लगाती हैं, चाहे वह फल हो या सब्जी। क्योंकि इनका मानना है कि इससे मिट्टी पर कोई भी गलत प्रभाव नहीं पड़ता। खेती के लिए उर्वरक किचन के गीले कचरे से तैयार करती हैं। फिर उसका उपयोग फसलों को उगाने के लिए होता है। यह मिट्टी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए खुदाई करती है और उसे धूप में ऐसे ही छोड़ देती हैं। ऐसा नहीं है कि यह मार्केट से कोई सब्जी नहीं खरीदती। जो इनके किचन गार्डन में नहीं उगते उन्हें यह मार्केट से भी खरीदती हैं, लेकिन बहुत ही कम मात्रा में। यह जब भी सब्जियों या फलों को खरीद कर लाती है तो उन्हें “बायो एंजाइम” बनाकर उसमें 20 मिनट तक रखती हैं। फिर इन्हें खाने के लिए उपयोग करती हैं। इनका मानना है कि ऐसे करने से उसमें जो भी विषाक्त पदार्थ है वह खत्म हो जाएंगे।
वर्षाजल का संचयन कर उसे पीती हैं
भावना अपने घर में वर्षा के जल को भी संग्रहित कर रखती है। इस पानी का उपयोग अपने गार्डन में पौधों की सिंचाई के लिए, कपड़ों को धोने के लिए, नहाने के लिए, और भी अन्य कार्य इनके जरिए होता है। इसी पानी का उपयोग पीने के लिए भी किया जाता है। वर्षा के पानी को छत पर संचित कर, फिर इसे फिल्टर किया जाता है। जो पानी फिल्टर हुआ है उसे लगभग 20 हजार लीटर वाले टंकी में रखा जाता है। इस टंकी में एक हैंडपंप लगा है जिससे आपको जब भी पानी की जरूरत है आप हैंडपंप के माध्यम से पानी को बाहर निकाल सकते हैं। इन्होंने इस पानी को ढक्कनें के लिए पारदर्शी ढ़क्कन का उपयोग किया है ताकि अगर उसमें कोई गंदगी हो तो वह आसानी से देख सके और इसकी सफाई हो सके।
सोलर पैनल से करते हैं बिजली की व्यवस्था
भावना के घर में खाना भी सोलर के माध्यम से ही बनता है। वह खाना बनाने के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से चलने वाली कुकर का उपयोग करती है। इनका यह मकसद है कि प्रकृति को कोई भी नुकसान ना पहुंचे। यहां जो खाना बनाने या फिर सब्जी को धोने के दौरान पानी को भी वेस्ट नहीं होने देती। उसे अपने गार्डन में डाल देती हैं। पहले तो इन्होंने इस घर को तैयार करने के लिए जितनी जानकारी मिली उतनी इकट्ठा की। इन्होंने किचन गार्डनिंग, वर्मिनकंपोस्ट जैसे मैनेजमेंट में हिस्सा लिया और इसे अच्छे तरीके से सीखा। मिट्टी के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए यह हर एक किसान से मिलीं और उसके बारे में बहुत कुछ सीखा। इनकी बेटी है जो कैलिफोर्निया में रहती है। वह भी अपने यहां जैविक विधि से ही सब्जियों को उगाती है।
प्रकृति के लिए भावना शाह जी में जिस तरह की संजीदगी है और जिस तरीके से वह रिसाइकलिंग कर घर के अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करती हैं उसके लिए The Logically भावना शाह जी को सलाम करता है।