“कर मेहनत तो सफलता निश्चित है
अपने भाग्य के बदौलत बैठा तो हर सफलता अनिश्चित है।”
इंसान अगर चाहे तो हर कठिनाईयों से लड़कर शिखर के उस ऊंचाई पर पहुँच सकता है जिसके विषय में वह जानता तक नहीं हो और कुछ दिनों पहले सुना है। उन्हीं लोगों में से एक हैं पी. अरुण कुमार (P. Arun Kumar)। जो एक मजदूर के बेटे होने के बाद भी सफलता के उस शिखर पर काबिज हुए जिसके विषय में उन्हें महज 2 वर्ष पहले पता चला। चलिए जानते हैं उनके सफलता का राज क्या है?
पी. अरुण कुमार (P. Arun Kumar) तमिलनाडु (Tamilnadu) से ताल्लुक रखते हैं। एक मजदूर का बेटा होने के कारण उन्होंने अपनी ज़िंदगी में अनेकों विषम परिस्थितियों का सामना किया है। लेकिन उन्होंने जो सपना संजोया उसे पूरा करके ही चैन की सांस ली। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में JEE Advanced 2021 की परीक्षा पास की और अन्य युवाओं के लिए उदाहरण बनें। -P. Arun Kumar
वर्ष 2019 में पहली बार जाना आईआईटी के बारे में
मात्र 17 वर्ष की आयु में ही उन्हें ये पता चल गया था कि अपने सपने को साकार करने के लिए क्या-क्या करना होगा? सीमित संसाधन के बावजूद भी वह सफलता की उस ऊंचाई पर पहुंचे जहां बड़े-बड़े लोग जाने में कतराते हैं। ये वही अरुण थे जिन्हें कोई नहीं जानता था और कुछ लोग जानते भी थे तो एक मजदूर के बेटे के रूप में ही। -P. Arun Kumar
डिस्ट्रिक्ट लेवल पर मिली सफलता
वह बताते हैं कि IGNITTE की कोचिंग से उन्हें काफी सहायता मिली और उन्होनें अपने स्टडी मटेरियल पर अब फोकस किया। यहां आर्थिक स्थिति से कमजोर बच्चों को IIT का एग्जाम क्रैक करने में मदद दिलाया जाता है। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट लेवल की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की है। आगे उन्हें 2019 में JEE कोचिंग में एंट्री मिली। -P. Arun Kumar
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वह बताते हैं कि प्रारंभिक दौर में वह मात्र 30 मिनट ही फोन के माध्यम से पढ़ाई करते थे। आगे कुछ पैसे इकठ्ठा किए और 10 हज़ार का फोन खरीदा। वर्ष 2019 में IIT के बारे में जाना और 2021 में इसे क्रैक भी किया। आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण वह सरकारी स्कूल में ही पढ़े लेकिन काबिलियत हासिल कर ही ली। -P. Arun Kumar