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बेटी पैदा होने पर ठेलेवाले ने जाहिर की खुशी, 500 लोगों को फ़्री में खिलाया मंगोड़े

A shopkeeper from Madhya Pradesh's Chhindwara fed mangode free on the birth of a daughter.

हमारे देश में बेटियों को धन की देवी मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है और इसलिए बेटी को घर की लक्ष्मी कहते हैं। बेटी के लक्ष्मी होने के बावजूद भी आज अनेकों ऐसे लोग हैं जो बेटी के जन्म पर खुश नहीं होते हैं। यहां तक कि बेटी होने के बारें में मालूम होने पर वे गर्भ में ही उसे मार देते हैं। बेटियों के प्रति समाज में फैली इस गिरि हुई सोच के बीच एक शख्स प्रेरणा की मिसाल बनकर उभरा है।

दरअसल, एक ठेले वाले ने बेटी होने से इतना खुश हुआ कि अपनी खुशी जाहिर करने के लिए उसने 500 लोगों को अपने ठेले पर मुफ्त में मंगोडे खिलाएं। एक ठेले लगाने वाले ने बेटी के जन्म की खुशी मनाकर समाज को नया संदेश दिया है।

कौन है वह शख्स?

यह कहानी है प्रशांत उईके (Prashant Uikey) की, जो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के छिन्दवाडा (Chhindwara) के रहनेवाले हैं। वह छोटे तालाब जगह के पास रोजाना ठेले पर मंगोडे की दुकान लगाते हैं और उसी से अपना जीवनयापन करते हैं। उनकी दुकान का नाम ‘जय बजरंगबली मंगोड़े’ है। वह अपने दुकान पर 500 लोगों को फ़्री में मंगोड़े खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की।

बेटी पैदा होने की खुशी में ठेले वाले ने मुफ्त में खिलाया मंगोड़े

प्रशांत ने बेटी के जन्म की खुशी में दुकान के पास एक बैनर भी लगाया था जिसपर उन्होंने लिखा कि, घर में बेटी के जन्म होने पर सभी को मुफ्त में मंगोड़े। फ्री में मंगोड़े खाने के बाद ग्राहकों ने इसके पीछे की वजह पूछी तो प्रशांत ने बैनर दिखाते हुए बताया कि उनके घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है जिससे वह बेहद खुश हैं। उनकी इस खुशी ने अनेकों लोगों ने हिस्सा लिया और फ्री में मंगोडे खाने के साथ-साथ बेटी को आशीर्वाद भी दिया।

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प्रशांत का कहना है कि, लोगों के घर में जब बेटी का जन्म होता है तब वे खुश होने के बजाय उसे बोझ समझने लगते हैं और बेटी के जन्म का शोक मनाते हैं। लेकिन उनके यहां पहली बेटी का जन्म हुआ है जिससे उन्हें बेहद प्रसन्नता है और अपनी इसी खुशी को दूसरों के साथ बांटने के लिए उन्होंने लोगों को मुफ्त में मंगोडे खिलाया है। वाकई प्रशांत ने अपने इस काम से लोगों को संदेश देने का काम किया है।

बेटी है तो कल है

इससे पहले मध्यप्रदेश के भोपाल के रहनेवाले अंचल गुप्ता जो पानीपुरी का ठेला लगाते हैं, ने भी बेटी के जन्म होने पर लोगों को फ्री में पानीपुरी खिलाया था। इतना ही नहीं महज 8वीं कक्षा तक पढ़े होने के बावजूद भी उन्होंने लोगों को ‘बेटी है तो कल है’ का संदेश दिया था।

एक तरफ जहां पढ़े-लिखे लोग बेटी के जन्म पर मातम मनाते हैं, उसे बोझ समझते हैं वहीं ठेला लगाकर गुजारा करने ये शख्स बेटी के जन्म की खुशी मनाकर वैसे लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। The Logically एक बेटी के पिता बनने के लिए प्रशांत को ढेर सारी बधाई देता है।

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