ऐसा कहा जाता है कि प्रयास करने वाले की कभी हार नहीं होती। यह तो मुमकिन ही नहीं कि हर किसी को सफलता मिल जाए, परंतु प्रयास करने से हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिल सकता है और इस बात की तसल्ली भी रहती है कि कम से कम प्रयास तो किए।
आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताएंगे, जो एक बैंक में 20 साल पहले सफाईकर्मी के तौर पर नौकरी शुरू की थी और आज अपनी मेहनत से उसी बैंक की असिस्टेंट जनरल मैनेजर बन चुकी हैं। – Pratiksha Tondwalkar from Pune became a assistant general manager of the bank with her hard work.
20 साल की उम्र में हुई पति की मौत
आज हम बात कर रहें हैं पुणे (Pune) की रहने वाली प्रतीक्षा टोंडवलकर (Pratiksha Tondwalkar) की। 17 साल जैसी कम उम्र में प्रतीक्षा की शादी हो गई थी, लेकिन केवल 20 साल की उम्र में उनके पति की मौत हो गई और वह अकेले हो गईं। पति के जाने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी प्रतीक्षा के ऊपर आ गई। अब समस्या यह थी की प्रतीक्षा ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं थी, ऐसे में उनके लिए पैसा कमाना और घर चलाना बहुत मुश्किल था। प्रतीक्षा एसबीआई बैंक SBI Bank में बतौर सफाईकर्मी काम ज्वाइन कर ली।
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कड़ी मेहनत से बनी सफाईकर्मी से क्लर्क
प्रतिक्षा नौकरी के साथ पढ़ाई भी दोबारा शुरू की ताकि वह बेहतर काम कर सके। कम उम्र में पति के जाने के बाद सब कुछ अकेले संभालना प्रतीक्षा के लिए आसान नहीं था, परंतु वह अपने आप को और अपने बेटे को एक अच्छा जीवन देने का फैसला कर चुकी थी और इस प्रयास में वह नौकरी के साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देने लगी। वह कड़ी मेहनत की जिससे उन्हें बहुत ही जल्द सफाई कर्मी से क्लर्क बना दिया गया। – Pratiksha Tondwalkar from Pune became a assistant general manager of the bank with her hard work.
स्नातक की डिग्री लेने के बाद प्रतीक्षा बनी बैंक में क्लर्क
आगे चल कर प्रतीक्षा अपनी नौकरी के साथ ही नाइट कॉलेज में एडमिशन ले ली। इस तरह वह घर की जिम्मेदारी के लिए काम भी करती थी और आगे बढ़ने के लिए पढ़ती भी थी। इस दौरान उनके दोस्तों और साथ में काम कर रहें कर्मचारियों ने भी उनका पूरा साथ दिया। सबकी मदद और कड़ी मेहनत से साल 1995 में उन्होंने मनोवैज्ञानिक विषय से अपनी स्नातक पूरी कर ली, जिससे प्रतीक्षा को बैंक में बतौर क्लर्क प्रमोशन मिला गया।
हालात से हार ना मानने वाली प्रतीक्षा की कहानी
प्रतीक्षा बताती हैं कि उनकी रिटायरमेंट में दो साल बाकी हैं। उनका कहना है कि बैंक की नौकरी से उन्हें काफी मदद मिली। अब तक की प्रतीक्षा की कहानी सुनकर यह तो हम सब जान गए हैं कि उनके जिंदगी में कई बार मुसीबतों ने दस्तक दी, परंतु वह कभी हार नहीं मानी और हर मुश्किल का सामना किया। आज प्रतिक्षा ना केवल खुद एक बेहतर जिंदगी जी रही है बल्कि अपने परिवार को भी एक बेहतर जिंदगी दे चुकी है। – Pratiksha Tondwalkar from Pune became a assistant general manager of the bank with her hard work.