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महज 23 वर्ष के इस युवा का अनोखा स्टार्टअप, प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों से बना रहे जूते: Thaely

Making shoes from plastics bottles and bags

प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को किस तरह से प्रदूषित कर रहा है इसकी जानकारी तो हर किसी को है। इसके बावजूद भी लोग प्लास्टिक का प्रयोग करना नहीं छोड़ रहे है। कई बार तो ऐसा होता है कि प्लास्टिक ना मिलने पर लोग दुकानदार से ही बहस करने लगते हैं। एक ओर जहां कुछ लोग अपनी आदत बदलने को तैयार नहीं हैं। वहीं एक युवा पर्यावरण के सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। – Ashay Bhave decided to make the environment plastic-free, open a company to make shoes by recycling plastic.

प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों से बना रहे हैं जूता

कुछ युवाओं ने पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त करवाने के लिए एक नई मुहिम पर काम शुरू किया है। दरअसल यह युवा 23 साल के आशय भावे (Ashay Bhave) हैं, जिन्होंने जुलाई 2021 में अपनी कंपनी थैली (Thaely) की शुरूआत की। आशय के अनुसार वह 10 प्लास्टिक की थैलियों और 12 प्लास्टिक के बोतलों की मदद से एक जूतों की जोड़ी तैयार कर लेते हैं। एक तो इसके जरिए आशय का बिजनेस अच्छा चल रहा है। उनके प्रॉडक्ट्स की सप्लाई दुनियाभर में हो रही है और दूसरा इससे पर्यावरण प्लास्टिक मुक्त होगी।

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प्लास्टिक से जूते बनाने की तकनीक

प्लास्टिक की थैली और बोतल से जूते बनाने के लिए सबसे पहले प्लास्टिक की थैलियां और बैग्स मंगाया जाता है। उसके बाद इन प्लास्टिक वेस्ट को गरम पानी में धो कर अच्छी तरह सुखाया जाता है। आशय के अनुसार हीटींग तकनीक (Heating Technique) के जरिए थैली “Thaely Tex” बनाई जाती है। बताया जा रहा है कि यह एक ऐसा मटेरियल है, जो प्लास्टिक बैग्स से बना है और इसमें केमिकल्स का इस्तेमाल बिलकुल नहीं किया गया है। – Ashay Bhave decided to make environment plastic free, open a company to make shoes by recycling plastic

दिखने में यह जूता साधारण जूतों जैसा है

ना केवल जूते बल्कि इसके लेस तक रिसाइकल्ड प्लास्टिक बोतलों से बनाया जाता है। आशय के थैली कंपनी का दावा है कि आम लोग प्लास्टिक से बने जूतों और साधारण जूतों में कोई फर्क नहीं कर पाएंगे क्योंकि यह देखने में बिलकुल एक जैसा है। इन शू बॉक्स में बीज लगे होते हैं, जिसे मिट्टी में रोपकर आसानी से पेड़ उगाया जा सकता है। आशय के थैली की फैक्ट्री में लगभग 170 लोग काम करते हैं और यह तीन अलग-अलग कंपनियों के लिए जूते बनाते हैं।

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इस कंपनी का लक्ष्य पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाना है

आशय की यह कंपनी हर हफ्ते 15000 जोड़ी जूते तैयार करती हैं। इस स्टार्टअप का बस एक ही लक्ष्य है, जो भी प्लास्टिक का टुकड़ा दिखे उसे एक इकठ्ठा करके रीसाइकिल करना। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में स्नीकर इंडस्ट्री की कीमत 70 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। Nike, Reebok, Adidas जैसे ब्रैंड के सामने जूतों की नई कंपनी खोल का उसे सफल बना आसान नहीं हैं। इस रिस्क के बारे में जानते हुए आशय प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण बनाने के लिए इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। आशय का यह कार्य लोगों के लिए प्रेरणा है। – Ashay Bhave decided to make the environment plastic-free, open a company to make shoes by recycling plastic.

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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