किसान, जो कड़ी धूप में अपने ऐशो आराम को छोड़कर तपता है, सर्दियों में खेतों में पहरा देता है और बिना अपने भूख की परवाह किए बगैर खेतों में लगातार काम करता है, तब हमें दो वक्त की रोटी नसीब होती है। आज हम अपने पाठकों को एक कृषि तकनीक (Agro-Startup) के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से जानवरों से होने वाले फसल बर्बादी को रोका जा सकता है – ANIDERS (Animal Intrusion Detection and Repellent System)
जी हां, किसान ये नहीं देखता कि आज के दिन कितना धूप कितनी बारिश और कितनी ठंड है उसे जिस दिन अपने खेतों में काम करना रहता है, वह उस दिन खेती अवश्य करता है ताकि वह अत्यधिक फसल उपजा सके और उससे पूरा देश भोजन प्राप्त कर सके।
हजारों रुपए की लागत और हड्डी तोड़ मेहनत से तैयार होती फसल को कुछ जानवर बर्बाद कर देते हैं, जिस कारण किसान बहुत परेशान दिखते हैं और कई किसान तो रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं।
किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद के स्मृतिका शर्मा (Smritika Sharma) और उनके भाई अभय शर्मा (Abhay Sharma) ने एक ऐसी मशीन (ANIDERS) का आविष्कार किया है, जो रात के समय फसलों को जंगली जानवरों से बचाने में मदद करती है तथा साथ हीं उन्होंने एक स्मार्ट स्टिक भी बनाई है, जो फॉरेस्ट गार्ड्स और आम लोगों को बड़े जानवरों के हमले से बचाती है।
बता दें कि, स्मृतिका शर्मा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी है, तथा उनके भाई अभय ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया है।
अपने स्टार्टअप के जरिए इस मशीन को देश-विदेश में भी बेचने का कर रहे हैं काम (Agro startup Aniders)
दोनो भाई-बहन ने मिलकर वर्ष 2017 में एक मशीन को अपने घर पर हीं तैयार किया था, और उसका नाम ANIDERS (Animal Intrusion Detection and Repellent System) दिया। अब इस डिवाइस को अपने
स्टार्टअप के जरिए देश-विदेश में भी बेचने का काम कर रहे हैं।
कैसे करती है डिवाइज काम?
यह डिवाइस जानवरों की हलचल का पता सेंसर के जरिए लगाता है। अगर इस मशीन के रेंज के आस-पास कोई जानवर आने की कोशिश करता है तो इसका अलार्म सिस्टम एक तेज लाइट के साथ बजना शुरू हो जाता है। अलार्म की आवाज सुनकर और तेज रौशनी को देखकर जानवर वापस लौट जाते हैं।
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कैसे लोकप्रिय हुआ यह मशीन? (How ANIDERS became famous)
अभय बताते हैं कि, उन्होंने इस मशीन को किसानों के परेशानियों को ध्यान में रखते हुए बनाया था। शुरुआत में उन्होंने हॉबी के तौर पर अपने घर से ही एक प्रोटोटाइप बनाकर गांव के एक किसान को दिया था। जिसका नतीजा काफी अच्छा निकला। केवल पांच महीने बाद ही वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और मशीनों की मांग की। फिर वन विभाग वालों ने इस मशीन को अपने जंगल की बॉउंड्री में लगवाया ताकि जानवर जंगल से बहार आ ही ना पाएं।
स्टार्टअप शुरू करने से पहले बेचा 300 मशीन
शुरू में दोनो भाई-बहन आर्डर के हिसाब से घर में ही यह मशीन बनाते थे और घर से हीं उन्होंने 300 मशीन को बेचा डाला था। लेकिन जैसे-जैसे इस मशीन की मांग बढ़ने लगी, तब उन्होंने इसे बड़े स्तर पर करने का फैसला किया और स्टर्टअप की शुरुआत की।
बता दें कि, शुरू में वे दोनो बेसिक डिवाइस ही बनाते थे जिसकी कीमत 10 हजार रुपये है। लेकिन अब वे अलग-अलग क्षमता वाली मशीन भी बनाते हैं ,जिसकी कीमत ज्यादा है।
इसके अलावें उन्होंने एक स्मार्ट स्टिक भी लॉन्च किया है, जो स्टिक फारेस्ट गार्ड के लिए काफी अच्छी है। इस स्टिक में एक टॉर्च, अलार्म, मोबाइल चार्जर जैसी कई सुविधाएं भी शामिल हैं। अब तक वे 700 से ज्यादा स्मार्ट स्टिक्स बेच चुके हैं।
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कई देशों से मिल रहे हैं ऑर्डर
अब इन दोनो भाई-बहन को भारत के अलावें जाम्बिया, श्रीलंका, भूटान और नेपाल जैसे कई देशों से भी इस मशीन के लिए ऑर्डर्स मिल रहे हैं। अब तक वे भारत के महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड के जंगलों में भी अपनी मशीन लगा चुके हैं।
The Logically की तरफ से हम ANIDERS के सफलता की मनोकामना करते हैं।
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