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जयपुर की अजयता शाह ने 10,000 ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, App के जरिए डिजिटल युग की शुरुआत

आज भी हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में महिलाएं आर्थिक तौर पर बहुत कमज़ोर हैं। अगर आप देखें तो शहर की तुलना में वह महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त नहीं हैं। जयपुर (Jaipur) की एक महिला उन्हें आत्मनिर्भर तथा डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में जूठी हैं। उस महिला ने एक स्टार्टअप की शुरूआत की है, जिसमें अब तक वह 10,000 से ज़्यादा महिला Entrepreneurs को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना चुकी हैं।

Ajayata shah making women independent through App

अजयता बना रही हैं ग्रामीण इलाक़े के महिलाओं को आत्मनिर्भर

उस महिला का नाम अजयता शाह (Ajita Shah)हैं। वह राजस्थान (Rajasthan) के ग्रामीण इलाक़े के महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के साथ ही उनके सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं। साल 2011 में अजयता ने Frontier Markets नाम की एक कंपनी की शुरुआत की थी। अजयता इस कंपनी के जरिए ग्रामीण इलाक़ों में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स को बेचती हैं। अजयता कुछ साल पहले मेरी सहेली नामक एक App लॉन्च किया था। उसके बाद इस App के ज़रिये ही ग्रामीण महिलाएं अच्छी कमाई कर आत्मनिर्भर बनने के मार्ग पर चल पड़ी हैं।

अजयता के साथ इस प्लेटफ़ॉर्म पर हज़ारों महिलाएं जुड़ी हुई हैं

अजयता द्वारा बनाए इस App पर महिलाएं अपने उत्पाद को बहुत आसानी से बेचती हैं‌। इसके जरिए अच्छी कमाई कर रही हैं। इस App पर सौर ऊर्जा के उपकरण, स्मार्टफ़ोन, डाटा रिचार्ज़ सर्विस, एटीएम सर्विस, घरेलू उत्पाद आदि उपलब्ध है। इस App को चलाना बहुत ही आसान हैं। इस App को स्थानीय भाषा से लेकर ‘टेस्ट टू स्पीच’ और ‘वॉइस रिकॉर्डिंग’ कमांड देकर भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। अजयता बताती है कि अब उनके साथ इस प्लेटफ़ॉर्म पर 2000 से अधिक गाँव की हज़ारों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। अजयता अपनी कंपनी में सरल जीवन सहेली नाम के कार्यकर्ता भी रखा है, जो इसे इस्तेमाल करने में महिला उद्यमियों की मदद करने का काम करती हैं।

अजयता बन चुकी हैं प्रेरणा

अजयता बताती है कि उनकी कंपनी 48 घंटे के अंदर प्रोडक्ट को डिलीवर करने की कोशिश करती हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं वह ग्रामीण महिलाओं को इसे इस्तेमाल करना भी सिखाती हैं। अजयता की कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए ही विकसित किया गया हैं।संयुक्त राष्ट्र संघ ने महिला सशक्तिकरण के लिए अजयता की प्रसंशा की हैं। पिछले साल अजयता को यूएन के मुख्यालय में अपनी बात रखने का मौका मिला था। अजयता अन्य महिलाओ के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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