Monday, December 11, 2023

IIT इंजीनियर ने छोड़ दी अपनी नौकरी, अब खेती में स्टार्टअप कर 7-8 लाख रुपये सलाना कमाते हैं: Akshay Gupta

पहले लोगों की यह सोच होती थी कि जो खेती करता है, वह गरीब होता है। या कुछ लोग यह भी सोचते थे कि जो गरीब होते हैं, वहीं खेती करते हैं। आज भी लगभग 10-20% व्यक्ति ऐसे हैं जो इन दोनों बातों में से एक को सच मानते हैं। जिस तरह हमारी जनसंख्या बढ़ रही है, उसे देख लगता है कि एक ऐसा दिन भी आयेगा जब सभी व्यक्ति अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर लेंगें। चाहे वह व्यवसाय खेती- बाड़ी, कम्पनी, सिलाई या कुछ भी हो।

खेती करने की कहानी पढ़कर या सुनकर इस बात की खुशी होती है कि लोग अपने देश की मिट्टी को महत्व देतें हैं और अच्छी खासी नौकरी छोड़ खेती में लग जाते हैं। अब खेती के करने के पीछे उनका जो भी स्वार्थ हो लेकिन खुशी तो होती है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बतायेंगे जो अपनी IT की नौकरी छोड़ जैविक खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहें हैं। वैसे तो यह पेशे से Software इंजीनियर हैं लेकिन इन्होंने जैविक खेती को क्यों अपनाया, चलिये जानतें हैं, इसे विस्तार से।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अक्षय गुप्ता

हमारे यहां लोग अच्छी नौकरी और पढ़ाई के लिए गांव से बाहर जाया करतें हैं। यह बात सुनकर आश्चर्य होता है कि कोई इंजीनियर अपनी नौकरी छोड़ खेती कर सकता है। लेकिन यह सच है कोई इसे झुठला नहीं सकता। अक्षय गुप्ता (Akshay Gupta) कानपुर (Kanpur) के निवासी हैं। यह अपनी इस नौकरी छोड़ 1 एकड़ में जैविक खेती कर लगभग 7-8 लाख की आमदनी के मालिक हैं।


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एग्री स्टार्टअप का कियें श्रीगणेश

कानपुर निवासी अक्षय गुप्ता आपनी प्रारंभिक पढ़ाई सम्पन कियें। आगे यह Computer Science से B-Tech कियें। फिर नौकरी करने लगें लेकिन कुछ अलग करने का जज़्बा था, इसलिए अक्षय ने नौकरी को अलविदा कहा और वापस आ गए। घर आकर इन्होंने एग्री स्टार्टअप का शुभारंभ किया। इसका नाम “My Farm” रखा। इसका वेबसाइट www. myfarm. global है।

खेती को कियें प्रारंभ

शुरुआत के लिए इन्होंने मैंथा गांव में जो खेत थी उसे 35 हिंस्सो में अलग कियें और उसमे विभिन्न प्रकार की सब्जियों को लगाया। फिर 1 एकड़ भूमि में ट्रेडिशनल खेती किया और उसमें गेहूं धान आदि उगायें। इस खेत से यह 50-60 हज़ार की आमदनी आराम से हो जाती है। उस हिंसाब से अक्षय 6 लाख की कमाई प्रत्येक वर्ष करनें लगें। जब अक्षय को लगा कि वह खेती कर सकते हैं तो फिर उन्होंने सब्जियों की मार्केटिंग करनी भी शुरू कर दी।

2500 रुपये में आर्गेनिक ताजी सब्जियां

इनकी सब्जियों का यह सिलसिला बहुत ही कामयाब हुआ और यह अब प्रत्येक महीने 25 हजार रुपये की सब्जी, जो कि जैविक विधि से उगाई जाती है वह लोगों को मुहैया कराने लगे। जैविक विधि से उगाई गई सब्जियों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और ये शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाते हैं। यह अपने इस खेत में कद्दू, धनिया, भिंडी, और लौकी जैसी अन्य सब्जियों को उगाकर खेती कर रहें हैं। साथ ही यह मशरूम की खेती को भी अपनायें हैं। यह शहर के लोगों के लिए एक योजना भी बना रहे हैं जो कि खेतों की “लाइव स्ट्रीमिंग” को प्राप्त करा आएगा।

मिल रहा है सहयोग

अक्षय ने इस बात की जानकारी दी है कि इन्हें कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से सहायता मिल रही है। उस कृषि विश्वविद्यालय का नाम “चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय” है। इस विश्वविद्यालय के डायरेक्टर शोधकर्ता H. G. Prakash हैं, ज्वाइन डायरेक्टर रिसर्च D. P सिंह इन्हें काफी मदद करते हैं। यह इन्हें बीज उपलब्ध कराते हैं साथ ही जो नई तकनीक है उसके बारे में भी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

इस लिंक पर क्लिक कर आप अक्षय गुप्ता से जुड़ सकते हैं।

अच्छी नौकरी को छोड़ जैविक खाद से खेती करने के लिए The Logically Akshay Gupta को सलाम करता है।