Wednesday, December 13, 2023

पहले क्लास से सफाई सिखाई जाती है तो ट्रेन 20 सेकंड भी लेट नही होती, जानिए जापान के इन खास 10 चीज़ों के बारे में

नई टेक्नॉलजी और जीवनशैली वाला देश जापान(Japan) पूरे विश्व में अपना एक अलग पहचान रखता है। अगर कोई भारतवासी बुलेट ट्रेन का नाम ले तो वह एक न एक बार वह जापान का जिक्र जरूर करता है। आज हम बात करेंगे, जापान के 12 अनोखी ऐसी चीजे की, जो बहुत कम ही देशों में देखने को मिलते हैं।

आइए जानते हैं, जापान की वे 12 विशेषताओं के बारे में जो कि उन्हें दुनिया से एक अलग पहचान के लिए प्रदर्शित करता है।

  1. गली नंबर क्या है भाई? हम किसी भी जगह जाने के लिए उसका पता देखते हैं और उस पते में गली नंबर भी शामिल होती है। लेकिन जापान एक ऐसा देश है जहां की ज्यादातर गलियां बेनाम हैं। जी हां, उन गुमनाम गलियों का कोई नाम नहीं है। वहां हमारे और पश्चिमी देशों से हटकर एक बहुत ही अलग पते का सिस्टम है। जापान में सड़कों के नाम (ब्लॉक के बीच की जगह) होने के बजाय ब्लॉक नंबर दिए हुए होते हैं और ब्लॉक, सड़कों, के बीच में जगह छोड़ देते हैं। आसान भाषा में, जापान में एड्रेस में पहले शहर, फिर जिला और फिर दिया हुआ ब्लॉक नंबर होता है। जिसके जरिए लोग अपने पते तक पहुंचते हैं।
  2. 20 सेकंड की देरी भी नहीं है मंजूर

आपने मेट्रो से लेकर बुलेट ट्रेन में जब कभी सफर किया होगा तो लेट टाइमिंग से सामना भी ज़रूर ही किया होगा। लेकिन जापान में अगर ट्रेन लेट हो जाए तो यह अखबार की सुर्खियां बन सकती है। दरअसल, साल 2017 में जापान को महज 20 सेकंड्स की देरी करने पर वहां के रेलवे ने लोगों से आधिकारिक रूप से माफ़ी मांगी थी।

Train of Japan

जापान समय को लेकर बहुत ही ज्यादा प्रतिबद्ध है। वहां लोगों के समय की बहुत कद्र की जाती है। वहां की सबसे फास्ट ट्रेन शिंकनसेन के अधिकतम लेट होने का रिकॉर्ड आधा मिनट है। इस से आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि जापान इस मामले में कितना परफ़ेक्शन रखता है। कहा जाता है कि एक घंटे की देरी तो पक्का अगले दिन के अखबारों की हैडलाइन बन सकती है. ये ऐसी चीज है जो जापान के अलावा शायद ही किसी और देश में देखने को मिले।

जापान रेलवे ने एक बार सबका दिल जीत लिया था, जब उन्होंने सिर्फ़ एक बच्ची के लिए ट्रेन चलाई. दरअसल, वह बच्ची अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर सके, इसके लिए कमी-शिरातक स्टेशन पर दिन में दो बार ट्रेन जाती है. एक बार स्कूल छोड़ने और एक बार उस बच्ची के स्कूल ख़त्म होने पर उसे लेने.

इस पर यह भी कहा गया है कि जब तक बच्ची ग्रेजुएट नहीं हो जाती, तब तक उस रूट के लिए यह सेवा जारी रहेगी. साल 2016 में लड़की ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और इसे खत्म करने की घोषणा की गयी.

बताते चलें कि, यह ट्रेन इस रूट पर वर्ष 1932 में शुरू की गयी थी, लेकिन बहुत ही कम पैसेंजर्स की वजह से बंद करने का ऐलान किया था.

  1. पहली क्लास से बच्चे करते हैं सफ़ाई

जापान की एक सबसे बेहतर चीज है जिसे हर देश को अपनाना चाहिए क्योंकि आज भारत में सफ़ाई कम होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है व्यवहार। हम अपने बच्चों में बचपन से ही ये सीख देने में कहीं न कहीं नाकामयाब रहे हैं। खैर, जापान में पहली क्लास से ही बच्चों को अपने क्लासरूम की सफ़ाई करनी होती है। सभी बच्चों को मिल-जुल कर यह काम करना होता है और साथ ही आपस में मिलकर खाना भी खाना होता है। कुछ समय पहले तक तो वहां स्कूल और उसके आस-पास की जगहों पर भी सफ़ाई के लिए बच्चों को ले जाया जाता था। इसके पीछे बच्चों को आपसी प्यार और मेल जोल जैसी भावना को शुरू से सिखाना है।।साथ ही, जापान में बच्चों को टॉयलेट्स भी साफ करने होते हैं, इसे वहां के लोग कल्चर यानी संस्कृति के तौर पर देखते हैं जिसका नाम ओ-सोजी है।

  1. वेंडिंग मशीन से ख़रीद सकते हैं जुराबे

अगर आप जापान जाएंगे, तो वहां की वेंडिंग मशीन भी आपको जरूर हैरान करेगी। हम हमेशा इन वेंडिंग मशीन को स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक के लिए ही इस्तेमाल करते हैं और ज़्यादातर देशों में इनकी सीमित संख्या ही है। लेकिन, जापान दुनिया में सबसे ज्यादा मात्रा में वेंडिंग मशीन होने के लिए जाना जाता है। वहां करीब 23 लोगों के लिए एक मशीन है। ऐसे होने के पीछे ये माना जाता है कि वहां लोगों की संख्या ज्यादा है और रिटेल शॉप्स खोलने के लिए जगह की कमी और ज्यादा पैसे के इन्वेस्टमेंट से बेहतर ये वेंडिंग मशीन ही हैं। इन मशीनों से जुराबे, सर्जिकल मास्क जैसे सामान खरीदे जा सकते हैं।

  1. लिफ़्टमैन का अभी भी है चलन

जहां आज के समय में लिफ़्टमैन शायद ही देखने को मिलते हैं, वहीं जापान में आज भी लिफ़्टमैन या लिफ़्टगर्ल्स मौजूद हैं। पश्चिमी देशों समेत ज़्यादातर देश ऐसे हैं जहां अब लिफ़्टमैन को गैर-ज़रूरी समझा जाने लगा है। अब इसके लिए कंपनीज़ अपने एक्स्ट्रा पैसे लगाना मुनासिब नहीं समझती हैं। यही वजह है जापान में के डिपार्टमेंट स्टोर्स और होटल में लिफ़्ट को मैनेज करने के लिए अलग से लोग मौजूद रहते हैं। आज के समय में भी इस सर्विस को जारी रखने के लिए जापान को अलग से याद किया जाता है।

  1. ऑफ़िस में सोना यानी मेहनती इंसान

ऑफ़िस में सोना यानी कामचोरी। अब आप कहेंगे कि ये तो बिल्कुल आम धारणा है इसमें नया क्या है? जापान में ऐसा करने वाले लोगों को मेहनती समझा जाता है। वहां का बिज़नेस कल्चर उन्हें काम के दौरान सोने की अनुमति देता है। उन्होंने इसे “inemuri” का नाम भी दिया हुआ है। जहां बाकी देशों में काम के दौरान झपकी लेना उनकी नौकरी तक भी छीन सकता है, वहीं जापान में नौकरी करते समय आप आधे घंटे आराम से सो सकते हैं।

  1. ऐसा जंगल कहीं और नहीं…

जापान में एक जंगल है जापान के इस डरावने जंगल जैसा कोई दूसरा जंगल नहीं होगा। आमतौर पर जंगल में लोग घूमने, जंगली जीवन देखने और बस सैर करने जैसी चीज़ों के लिए ही जाते हैं। लेकिन जापान के इस जंगल में लोग आत्महत्या करने जाते हैं। वहां का ओकिगाहारा जंगल “सुसाइड फ़ॉरेस्ट” के नाम से मशहूर है। कहा जाता है कि हर साल यहां करीब 100 लोग आत्महत्या करते हैं। अब तो आप कहेंगे कि जापान के जंगल जैसा शायद ही कोई जंगल हो।

  1. ये “कैप्सूल होटल्स” हैं बड़े काम के

जापान के पास एक चीज़ है जो बाकी के देशों में शायद ही मिले। यह जापान के अजीब-ओ-ग़रीब आविष्कारों में से एक माना जाता है। जापान ने साल 1979 में “कैप्सूल होटल्स” को अपने देश में लॉन्च किया। इसमें उन्होंने छोटे-छोटे कमरे बनाए जिसमें सिर्फ़ एक आदमी ही सो सकता है। यह बहुत ही आरामदायक होते हैं और जिसमें लोग सुरक्षित रूप से सो सकते हैं जहां बड़े व्यापारियों से लेकर शराबी लोग भी आकर रात बिताते हैं।

  1. टेढ़े दांतों का फै़शन

जापान के इस फै़शन का ट्रेंड को शायद ही किसी देश में देखा गया होगा। यहां लड़कियां और औरतें अपने सीधे और सेट दांतों को टेढ़ा दिखाने में बड़ी दिलचस्पी रखती हैं। इस अजीब-ओ-ग़रीब फै़शन ट्रेंड के लिए एक छोटी सी कॉस्मेटिक सर्जरी करवाकर लड़कियां अपने दांतों में बदलाव ला रही हैं। इस सर्जरी के जरिए केनाइन दांतों पर मिनी फ़ैंग जोड़ दिया जाता है, जिसकी वजह से दांत वैम्पायर की तरह दिखने लगते हैं। इस ट्रीटमेंट को याएबा के नाम से जाना जाता है, इसका मतलब होता है डबल।

Amazing facts about japan
  1. भीड़ एडजस्ट करने वाले ‘पुशर’

जापान में लाखों की संख्या में लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ को ट्रेन में एडजस्ट करने के लिए अलग से ‘पुशर’ रखे जाते हैं। जापान में इन्हें ओशिया कहा जाता है। जिसका मतलब धक्का देकर लाइन में लगाना है। स्टेशन पर मौजूद इन ‘पुशर’ की ज़िम्मेदारी होती है कि सभी मुसाफ़िर ट्रेन में सवार हो जाएं और कोई भी दरवाज़ों के बीच में ना फंसे। यह काम करते हुए ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बिना चोट पहुंचाए कैरिज में चढ़ा दिया जाता है। सभी लोगों के सवार होने के बाद पुशर के इशारे के बाद ही ड्राईवर गाड़ी चलाता है।

  1. गर्लफ्रे़ंड और बॉयफ्रे़ंड तकिए

जापान में लोगों को अकेला महसूस न होने देने के लिए खास तरह के तकिए का इस्तेमाल किया जाता है। वहां महिला के शरीर जैसे तकिए और पुरुष के शरीर जैसे तकिए मिलते हैं, जिन्हें अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए लोग खरीदते हैं। खास बात तो यह है कि पुरुषों की बॉडी की तरह बना हुआ यह तकिया सुबह होने पर अलार्म क्लॉक की तरह वाईब्रेट होकर आपको जगाता भी है। ये तकिए भी जापान को बाकी जगहों से काफ़ी अलग बनाते हैं।

  1. बेबी मॉप से खेल और सफाई दोनों एक साथ

जापान में आपके बच्चे को अगर फ़र्श पर लेटना और रेंगना बहुत पसंद है, तो ये पोंछा उसके लिए बेस्ट है। जी हां, पोंछा जापान में सिर्फ 40 डॉलर आपके बेबी को मॉप में बदल देंगे। दरअसल, यह बेबी मॉप है जिसे बच्चे को पहना दिया जाता है, वह जैसे-जैसे रेंगता है वैसे-वैसे फ़र्श एकदम साफ होता जाता है और जर्म्स का सफ़ाया भी कर देता है। यह सुनने में तो बहुत ही अजीब लग रहा है कि अपने बच्चे को ही पोंछे में बदल दिया जाता है, लेकिन यह वाकई जापान में होता है।