किसी समस्या को अवसर में बदलने का हुनर सभी के पास नहीं होता है। कोरोना काल में लगभग सभी लोगों के रोजगार का जरिया मंद हो गया था। वहीं एक युवा ने खुद के साथ-साथ गांव के लोगों को भी रोजगार का साधन उप्लब्ध कराया है। उस युवक ने पूरे गांव में सोलर प्लांट लगवाया जिससे कई लोगों को रोजगार मिला है।
आइये जानते हैं, इस होनहार युवा के बारे में
आमोद पंवार (Amod Panwar) उत्तरकाशी (Uttarkashi) के जिला मुख्यालय से 45 km दूर चिन्यालीसौड़ के इन्द्रा टिपरी गांव के रहनेवाले हैं। मार्च के महीने में जब पूरे देश में लॉक’डाऊन था। उस समय आमोद पहाड़ पर सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने में व्यस्त थे। ऐसे ही आमोद ने CO_VID-19 में रोजगार का नया माध्यम स्थापित किया। इसके अलावा जो लोग अपनी नौकरी से हाथ धोकर वापस गांव लौटे थे, उन्हें भी आमोद ने आय का नया साधन उपलब्ध कराया है।
आमोद 200 किलोवाट बिजली का उत्पादन करते हैं। इसके साथ ही इन्होंने मुर्गी पालन, गाय पालन, सब्जी उत्पादन तथा मौन पालन का भी काम शुरु किया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आमोद पंवार के स्वरोजगार के आधुनिक मॉडल से प्रभावित है। उन्होंने आमोद के कार्यों की बेहद सराहना की है।
अमोद के पास 15 नाली भूमि बंजर पड़ी हुई थी। वह उस बंजर भूमि का उपयोग करना चाहते थे। तब उन्होंने सोलर प्लांट लगाने का निश्चय किया। उन्होंने वर्ष 2019 में सोलर प्लांट योजना के लिए आवेदन दिया। आमोद ने योजना को भूमि पर उतारने के लिए 80 लाख का लोन भी लिया। पूरे देश में कोवि’ड-19 के लॉक’डाउन लगने के 1 दिन पहले अर्थात 23 मार्च को आमोद पनवार का 200 किलो वाट का प्लांट ग्रिड से जुड़ा तथा प्रोडक्शन कार्य प्रारंभ हो गया।
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कोरो’ना काल के लॉक’डाउन में जब गांव के ही युवक नौकरी से हाथ धोने के बाद वापस लौट रहे थे। तब आमोद गांव में रहकर ही अच्छी खासी आमदनी कर रहे थे। सोलर प्लांट को स्थापित करने के बाद आमोद ने आसपास की बंजर भूमि को भी उपजाऊ बनाने का निश्चय किया। वह खेती कार्य करना आरंभ किये। उन्होंने प्लांट के पास ही मौन पालन, गाय पालन और मुर्गी पालन करना आरंभ किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी 30 सितंबर 2020 को आमोद के सौर ऊर्जा स्वरोजगार के मॉडल को देखने के लिए पहुंचे। उन्होंने आमोद के प्रयास की बहुत सराहना भी की। आमोद ने बताया कि प्लांट से अभी तक सवा दो लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो चुका है। इस प्लांट के माध्यम से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली आने वाले 25 यूपीसीएल की खरीद करेगा। इस वक्त 4.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद हो रही है।
आमोद का मानना है कि पहाड़ पर सौर ऊर्जा रोजगार का बेहतरीन जरिया हो सकता है। जिनके पास भूमि की कमी है, वह 25 किलो वाट का सोलर प्लांट लगा सकते हैं। इसके अलावा सब्जी उत्पादन, पशुपालन तथा मुर्गी पालन भी युवाओं के लिये आय का बेहतरीन जरिया हो सकता है।
The Logically आमोद पंवार के कार्यों की सराहना करता है।