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प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने हेतु इस शख्स की अनोखी पहल, “बर्तन बैंक” की स्थापना कर मुफ्त में देते हैं बर्तन

बढ़ता प्रदूषण आने वाले समय में हम सब के लिए एक भयानक खतरे की तरह है। इस पर लगाम लगाने के लिए दुनियाभर में कई तरह की मुहिम चलाई जा रही हैं। बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक को बताया जा रहा है। इस बात को गंभीरता से समझते हुए छत्तीसगढ़ के रहने वाले सुरेंद्र बैरागी (Surendra Bairagi) ने पॉलीथिन यूज को लेकर एक खास मुहिम चला रखी है। इसकी शुरूआत उन्होंने अपने परिवार से ही किया है, जहां पर प्लास्टिक का प्रयोग करने पर पूरी पाबंदी लगाई गई। इसके अलावा वह एक बर्तन बैंक भी चलाते है। – Surendra Bairagi from Chhattisgarh, is running many campaigns to save the environment from being polluted.

पीएम मोदी की बातों से प्रभावित होकर शुरू किए मुहिम

एक इंटरव्यू के दौरान सुरेंद्र कहते हैं कि वह एक लोहे की फैक्ट्री में क्लर्क की पोस्ट पर काम करते थे। साल 2014 से वह पीएम मोदी की बातों से प्रभावित होकर पर्यावरण के लिए काम करना शुरु किए। इस दिशा में काम करते हुए वह साल 2019 तक प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े की थैली का उपयोग करने लगे। इस कार्य में उनकी पत्नी ने भी उनकी पूरी मदद की। दरअसल उन्होंने घर में पड़े पुराने कपड़ों का प्रयोग करके 50 थैले बनाए। उसके बाद लोगों को प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल करने के बजाए कपड़े का बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने लगे।

Surendra Bairagi Opened Utensils Bank
सुरेंद्र बैरागी ने शुरु किया बर्तन बैंक का काम

स्कूल में बच्चों को जागरूक करके किए शुरुआत

इस अभियान के दौरान सुरेंद्र सबसे पहले स्कूल में जाकर बच्चों को प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारे में बताए और इसका प्रयोग ना करने के लिए उन्हें जागरुक भी किया। इसके अलावा पर्यावरण को प्लास्टिक से बचाने के लिए स्कूल में बच्चों की निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी करवाए। साथ ही इस प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों को अच्छी क्वालिटी के कपड़े के थैले इनाम के रूप में दिए गए। इस तरह सुरेंद्र बच्चों को ‘नो पॉलीथिन’ के लिए जागरूक किए। अधिक लोग को जागरुक करने के लिए वह बाजार में जाकर मुफ्त में लोगों को कपड़े से बना थैला भी बांटे हैं।

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बर्तन बैंक के नाम से भी चलाते हैं मुहिम

सुरेंद्र कपड़े के बैग के साथ ही कोरोना काल में लोगों को मास्क भी बांटे। दरअसल उन्होंने खुद बिना प्लास्टिक वाले सिंगल यूज मास्क बनाया और लोगों को मुफ्त में बांटे। सुरेंद्र कई कार्यक्रमों में जाकर लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने के लिए जागरुक करते हैं। अब ना केवल उनके परिवार वाले बल्कि आस-पास के लोग भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करते। शादी में प्रयोग होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के लिए ‘बर्तन बैंक’ नाम का अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत शादी या अन्य किसी समारोह में मुफ्त में बर्तन दी जाती है। – Surendra Bairagi from Chhattisgarh, is running many campaigns to save the environment from being polluted.

आस–पास के कार्यक्रमों में मुफ्त में देते हैं बर्तनों

बता दें कि बर्तन बैंक की शुरुआत 50 बर्तनों से हुई थी, जो सुरेंद्र आस-पास के लोगों को कार्यक्रमों में मुफ्त में देते थे। इससे प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग नहीं होता है। सुरेंद्र के कार्य को देखते हुए और भी लोग जागरूक हुए और उन्हें यह नेक काम करने के लिए बर्तन दिए। अब उनके पास 1000 लोगों के लिए खाना बनाने से लेकर खिलाने तक के बर्तन हैं। वह बताते हैं कि वह पिछले एक साल में 45 से 50 समारोहों में बर्तन दे चुके हैं। सुरेंद्र के अनुसार अब तक वह 80 हजार डिस्पोजल के उपयोग को रोकने में कामयाब हो चुके हैं। उनका परिवार किसी कार्यक्रम में घर से खाने के बर्तन साथ लेकर चलते हैं, जैसे थाली, गिलास, कटोरी और चम्मच ताकि प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग ना हो।

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पानी पूरी बेचने वाले ज्यादातर लोग प्लास्टिक की कटोरी का उपयोग करते हैं। एसे लोगों के लिए सुरेंद्र नारियल के बर्तन बनाने की तैयारी कर रहें हैं। इसके कई फायदे हैं जैसे इस कटोरी को धोकर बार-बार उपयोग किया जा सकता है। कटोरी के अलावा वह कप, चम्मच, ढक्कन वाले डिब्बे भी बना रहे हैं, जिससे समान रखने के लिए प्लास्टिक के डिब्बों का प्रयोग ना करना पड़े। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम कर रहे सुरेंद्र चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी पर्यावरण के महत्व को समझें और उसे दूषित होने से बचाए। – Surendra Bairagi from Chhattisgarh, is running many campaigns to save the environment from being polluted.

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