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68 वर्षीय इस शिक्षक ने रिटायरमेंट के बाद अपने गांव में लगाए 5000 से ज्यादा पेड़, अन्य लोगों को भी दी प्रेरणा

कुछ लोग पर्यावरण की सुरक्षा को अपना कर्तव्य समझते हैं, तो कुछ को ऐसा करना अच्छा लगता है। उनमें से 68 साल के आनंद किशोर मिश्र भी शामिल हैं।

उन्होंने (Anand Kishore Mishra) 35 साल तक एक शिक्षक के रुप में काम करने के बाद रिटायर होकर अपनी पूरी जिंदगी पर्यावरण संरक्षण कार्य को सौंप दिया है। वे पिछले पांच साल से दिन रात पर्यावरण को बचाने में जूटे हैं। आनंद अपने गांव में अब तक 5 हजार पेड़ लगा चुके हैं। पौधारोपण और उन सबका देखभाल करना ही उनका रोज़ का काम बन चुका है।- anand kishore mishra from Jamui Bihar plants more than five thousand trees in his village

anand kishore mishra from Jamui Bihar plants more than five thousand trees in his village

अपनी सोच से पूरे गांव को बनाया हरा-भरा

ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) और पर्यावरण असंतुलन को देखते हुए आनंद किशोर ने यह कदम उठाया था, जिससे आज उनका पूरा गांव हरा-भरा है। साथ ही आनंद सरकार के जन जीवन हरियाली को भी बल दे रहे हैं।

उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों से बहुत लगाव है। आनंद का पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव को देखते हुए उनके गांव और आसपास के लोग भी उनसे प्रेरित होकर बड़े पैमाने पर पेड़ लगा रहे हैं।

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अन्य लोग भी हो रहे प्रेरित

गांव के संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) और युवा आलोक राज (Alok Raj) कहते हैं कि अब गांव हरा-भरा दिखता है। आनंद के अलावा गांव में और भी कई लोग पेड़ पौधे लगा रहे हैं।

अब हर कोई यह समझ चुका है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण और उसकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के खरहुआ गांव के रहने वाले आनंद किशोर मिश्र (Anand Kishore Mishra) का पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव और सोच का फायदा पूरे गांव को मिल रहा है। – anand kishore mishra from Jamui Bihar plants more than five thousand trees in his village

अबतक लगा चुके है 5 हजार पेड़

रिटायर होने के बाद आनंद दिन-रात उन पौधों की देखभाल करते हैं, जिससे आज उनकी बगिया में कई तरह के फलदार पेड़ हैं।

आनंद बताते हैं कि एक समय में पूरे गांव में केवल 4 ही पेड़ थे, जिससे उन्हें काफी तकलीफ होती थी परंतु जब वे रिटायर होकर वापस लौटे तो पिछले 5 साल से अपनी जमीन के 80 फ़ीसदी क्षेत्र में पौधारोपण के साथ-साथ लगभग 5 हजार पेड़ भी लगा चुके हैं। – anand kishore mishra from Jamui Bihar plants more than five thousand trees in his village

रिटायर होने के बाद पूरी जिंदगी पेड़-पौधों को दी

पर्यावरण प्रहरी आनंद किशोर मिश्र (Anand Kishore Mishra) का कहना है कि हाई स्कूल में पढ़ाने के दौरान पर्यावरण पर बोलने का मौका तो कई बार मिला, लेकिन तकलीफ यह था कि जब हम पेड़ लगाए ही नहीं तो पर्यावरण संरक्षण पर भाषण कैसे दें?

जब शिक्षक बन उन्हें पर्यावरण पर डिबेट में शामिल होने का मौका मिला तो आनंद उस बात को पूरा करने के लिए यह अभियान शुरू किए और तय किया कि बाकी पूरी जिंदगी अब पेड़-पौधों को ही देंगे। anand kishore mishra from Jamui Bihar plants more than five thousand trees in his village

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बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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