हम सब यह बहुत अच्छे से जानते हैं कि स्वस्थ्य रहना हमारे लिए कितना ज़रूरी है। स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। अगर हमें कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां नहीं हों तो हमारा मन किसी भी कार्य में अच्छे से लगता है। लेकिन “आंचल शर्मा” हम सबके लिए रोल मॉडल हैं, यह कैंसर से पीड़ित हैं फिर भी ज़रूरतमंद बच्चों को प्रत्येक दिन भोजन मुहैया कराती हैं।
आंचल (Aanchl) दिल्ली (Delhi) के रंगपुरी इलाके के झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को खाना खिलाती हैं जो हर रोज सिर पर हेडस्कार्फ़ और हांथों में खाने से भरे थैले लिए कीमोथेरेपी सेशन के पश्चात् उन बच्चों के पास जाती है तो बच्चें भी ख़ुशी से झूम जाते हैं।
आंचल शर्मा (Aanchal sharma) का परिचय
आंचल (Aanchal) अपने परिवार के साथ दिल्ली (Delhi) में निवास करती हैं। वह मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। इनके पिता ऑटो चालक हैं। लेकिन वह जितना भी कमाते वह शराब में खत्म हो जाता था। आंचल को अपने जीवन में भुखमरी, घरेलु हिंसा, अपनी छोटी बहन की हत्या और लाखों की धोखाधड़ी जैसे दुःखदायी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।
मां मज़दूरी कर जीवनायापन करती थी लेकिन उन्हें
नौकरी से निकाला गया
आंचल (Aanchal) की मां अपने बच्चों को लेकर बहुत परेशान रहती थी। बच्चों के साथ किया गया दुर्व्यवहार उन्हें बहुत तकलीफ़ देता था। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए उनकी मां ने मज़दूरी करनी शुरू की। उस कारखाने में वह पूरा दिन नौकरी करने के बाद ओवर टाईम भी करती थी। लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें कुछ ही दिनों बाद नौकरी से निकाल दिया गया।
आंचल और उनके भाई नें घर की जिम्मेवारी संभाली
मां की नौकरी छुटने के बाद घर में खाने के लाले पड़ गये। मिर्च और रोटी के सहारे कुछ दिन व्यतीत हुआ। उस समय आंचल और इनके भाई 8वीं और 9वीं कक्षा में थे। हालात को मद्देनजर रखते हुए दोनों भाई बहन ने पढ़ाई छोड़ दी। भाई ने मोटर मैकेनिक का कार्य शुरू किया। आंचल नें भी इनका साथ देने के लिए 4000 रुपये वेतन वाली रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की शुरुआत की।
आंचल (Aanchal) की शिक्षा
आंचल पढ़ाई में होशियार थी और अपना काम भी सलीके से करती थी। इसलिए डिग्री की कमी कभी इनके सफ़लता के रास्ते में नहीं आयी। अपने काबिलियत से इन्हें “Real State” में एजेंट की नौकरी हासिल हुई। कुछ महीनों बाद इस काम में इनके साथ लगभग 2.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुईं, जिससे इनके घर की स्थिति और भी डगमगा गयी। फिर भी इस वण्डर वुमन ने हार नहीं मानी और एक बार फिर अपने पुराने अनुभव को अपनाकर फर्म में रिसेप्शनिस्ट का काम प्रारंभ कर दी।
आंचल (Aanchal) के बहन की हत्या
जैसे ही परिवार में खुशी का माहौल बना, उनकी बहन नें अपनी मर्ज़ी के लड़के से शादी की। लगभग 5 महिने ही गुजरे थे और उनकी हत्या कर दी गई। इस बात ने आंचल को झिनझोर दिया। आंचल (Aanchal) ने जब इस मौत की जांच-परताल कराया तब मालूम हुआ कि उनके बहन के पति ने उनकी हत्या किया था। अपनी बहन को इंसाफ दिलाने में आंचल सफल रही और अपराधी को आजीवन कारावास की सजा दिलवाई।
आंचल (Aanchal) की शादी के कुछ महीने बाद हुआ तलाक
आंचल के रिश्तेदारों ने इस धटना के बाद इनके माता-पिता से कह कर इनकी शादी दबाव में करा दिया। शादी के बाद इनके ससुराल वाले इन्हें शरीरिक और मानसिक उत्पीड़न देने लगे । शादी के 2 महीने बाद आंचल ने अपने पति को तलाक दिया और स्वयं का रियल एस्टेट फर्म का कार्य शुरू की।
आंचल (Aanchal) के सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ा
आंचल अपने घर वापिस आईं तो उनकी मां मस्तिस्क की बीमारी और पिता क्षय रोग से ग्रसित हो चुके थे। वह अपने कार्य को संभालते हुए माता-पिता का भी ध्यान रखने में इस तरह व्यस्त हुई कि अपने सेहत के बारे में बिल्कुल ध्यान नहीं दे पाई। ब्रेस्ट में हो रहे गांठ को अनदेखा कर दिया। जिस कारण इनके सेहत पर बुरा प्रभाव हुआ और यह ब्रेस्ट कैंसर की शिकार बन गयीं।
तीसरे स्टेज पर पंहुचा ब्रेस्ट कैन्सर
साल 2017 में आंचल को पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है, वो भी 3रे स्टेज पर पहुुंच गया है। फिर भी इन्होंने अपने हौसले को खत्म नहीं होने दिया और ज़िंदगी में आये कठिनाईयों का स्वागत मुस्कान के साथ करती रहीं। जब यह कीमोथेरेपी सेशन( Chemotherapy session) के लिए जाती थी उस वक़्त फैशनेबल ड्रेस ही पहनती थी!
घर लौटते समय रास्ते में भूखी हालत में बच्चों को देखा
कीमोथेरेपी सेशन (Chemotherapy session) के बाद जब आंचल घर लौट रहीं थी उस समय सड़क किनारे कुछ बच्चे उनसे भीख मांगने पहुुंचे। कैंसर के इलाज़ के बाद उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उन बच्चों को दे सकें, उन्होंने उन बच्चों को एक फास्ट-फूड स्टॉल पर खाना खिलाया। बच्चो को ऐसी हालत देख उन्होंने निर्णय लिया कि वह आज से प्रतिदिन ग़रीब बच्चों को भोजन करायेंगी। आंचल ने दिल्ली की रंगपूरी इलाके के झुग्गी झुपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए हर रोज भोजन ले जाना शुरू किया, और अब तक यह कार्य कर रहीं हैं। अब तक इन्होंने लगभग 1 लाख ज़रूरतमंदो को भोजन कराया है।
आंचल ने खुद का एनजीओ खोला
कुछ महीनों बाद इन्होंने अपने कार्य के लिए एक एनजीओ में पंजीकरण करा लिया। इस का नाम “Meal of Happiness” है। जब कोई व्यक्ति अपने जन्मदिन पर दान देता है तब आंचल लगभग 2 हजार जरूरतमंदो को भोजन कराती हैं। अन्य दिन अपने बचत को ध्यान में रख कर 200 बच्चो को ही भोजन कराती हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए आंचल प्लास्टिक मुक्त थैले का उपयोग भोजन रखने के लिए करती हैं।
मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने दिया है पुरस्कार
आंचल के इस जिंदादिली और साहस के साथ लोगों की मदद के लिए मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने इन्हे “निडर हमेशा” नाम के पुरस्कार से सम्मानित किया है। अभी भी आंचल के ठीक होने में लगभग 4 साल का वक्त बाकी है। आंचल का मानना है कि वह अगर ज़रूरतमंदो की मदद करेंगी तो उनका जीवन सार्थक हो जायेगा।
आंचल कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद जो कार्य किया है वह सारानीय है इसके लिए The Logically इन्हें नमन करता है और दुआ करता है कि आंचल जल्द ही ठीक हो जाएं।