Sunday, December 10, 2023

16 वर्ष के उम्र में 28 वर्षीय इंसान से हुई शादी, समाजिक रूढ़िवादिता से लड़कर खड़ी की करोड़ों का कारोबार

हम अपने समाज में महिलाओं के स्थिति की बात करें तो थोड़ी भी बेहतर नहीं है। हमारे देश में अधिकांश महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर होती हैं। पहले के समय में उन्हें घर के कामकाज ही सिखाए जाते थे और उन्हें घर पर रहने के लिए ही विवश किया जाता था। बहुत ही कम महिलाएं अपनी ज़िंदगी ख़ुद के बल-बूते पर जीती थीं, अधिकांश महिलाओं को हर छोटे-बड़े कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था और आज भी स्थिति कुछ बदली नहीं है। लेकिन कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिनकी कहानी हमें बहुत ही प्रेरित करती हैं। उनमें से ही एक हैं, अनिला ज्योति रेड्डी जिनका बचपन अनाथालय में बीता। इसके बावजूद भी वह समाज में अपना एक अलग ही मिसाल कायम की है। आइए जानते हैं, क्या है अनिला रेड्डी की प्रेरणादायक कहानी ?

अनिला ज्योति रेड्डी (Anila Jyoti Reddi) का जन्म तेलंगाना (Telengana) के वारंगल जिले में एक किसान परिवार में हुआ। गरीबी के दलदल में जी रहे ज्योति के पिता ने यह कहकर उन्हें अनाथालय में छोड़ दिया कि वह उनकी लड़की नहीं है।

Anila jyoti reddy

अनिला ज्योति रेड्डी (Anila Jyoti Reddi) की शादी मात्र 16 वर्ष की उम्र में 28 वर्षीय व्यक्ति से करा दी गई जो कम पढ़े-लिखे किसान थे। उस समय समाज में रूढ़िवादी प्रथा हुआ करती थी जिसे ज्योति नापसंद करती थी। एक किसान से ज्योति की शादी होने के बाद उन्हें भी खेतों में काम करने जाना पड़ता था, यहां तक की शौच के लिए भी घर से बाहर ही जाना था। 17 वर्ष की उम्र में ज्योति एक बच्चे की मां बन गई और उसके अगले वर्ष ही उन्होंने दूसरे बच्चे को भी जन्म दिया। सारा दिन घर के कामों में उलझे रहना, सीमित संसाधनों के साथ घर चलाना यही सब ज्योति का कार्य था।

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ज्योति का गृहस्थ जीवन अच्छे से व्यतीत हो रहा था। लेकिन वह इन सब से संतुष्ट नहीं थी। वह इससे बाहर निकलना चाहती थी। कठिन परिश्रम कर ज्योति रोजाना मात्र ₹5 कमा पाती थी, जिससे घर चलाना भी मुश्किल होता था। ऐसी मुश्किल भरी जिंदगी जीने के बावजूद भी ज्योति अपने बच्चों को शिक्षित करने का हर संभव प्रयास करती थी। उनके बच्चे जिस स्कूल में पढ़ते थे उस समय उन्हें फीस के तौर पर हर महीने ₹25 देने पड़ते थे जिसे ज्योति खेतों में मजदूरी करके चुकाती थी।

आगे ज्योति सभी प्रथा और बंधनों को तोड़कर अपने आसपास के लोगों को प्रशिक्षण देना शुरू की। जिससे उन्हें समाज में एक अलग पहचान मिलना शुरू हुआ और उन्हें सरकारी नौकरी भी मिली। उन्हें इस नौकरी में आस-पास के गांव की महिलाओं को सिलाई सिखाना था, जिसका उन्हें हर महीने ₹120 तनख्वाह मिलते थे।

Anila jyoti reddy

आगे ज्योति रेड्डी ने अमेरिका जाने का फैसला लिया। वहां सॉफ्टवेयर के बुनियादी बातें सीखने की चाहत थी। अपने एक रिश्तेदार की मदद से ज्योति को वीज़ा मिला और वह न्यू जर्सी चली गई। उस समय एक महिला के लिए इतना बड़ा फैसला लेना और ऐसा कदम उठाना ही बहुत बड़ी बात थी। न्यू जर्सी में ज्योति कई छोटे-मोटे काम की जैसे — सेल्स गर्ल, रूम सर्विस, गैस स्टेशन अटेंडेंट, बेबी सिस्टर और सॉफ्टवेयर रिक्रूटर। इन कामों से ज्योति के सपनों को नया रास्ता मिला। जो लड़की कभी 5 रूपए कमाने के लिए खेतों में मजदूरी की उनके आज यूएसए में खुद के 6 घर है और भारत में बहुत संपत्ति। वर्तमान में ज्योति रेड्डी यूएस में रहती हैं लेकिन हर साल 29 अगस्त को ज्योति भारत आकर अपना जन्मदिन उसी अनाथालय में बच्चों के साथ मनाती है जहां उनका बचपन बीता है।

कम उम्र में शादी होने के बाद भी अनेकों कठिनाइयों को पार करते हुए ज्योति ने जो मुकाम हासिल किया है वह वाकई प्रेरणादायक है। The Logically अनिला ज्योति रेडी द्वारा किए गए संघर्षों की ख़ूब सराहना करता है।