Sunday, December 10, 2023

बिहार की यह बेटी पेश कर रही है पशु प्रेम का मिसाल, जमीन पर बैठकर अपने हाथों से खिलाती हैं कुत्तों को खाना

हमारे समाज में ऐसे कई लोग मौजूद हैं जिन्हें जानवरों को पालना बहुत अच्छा लगता है खासकर कुत्ते पालना अधिकांश लोगों को अच्छा लगता है जिसे सबसे वफादार जानवर कहा जाता है। घर पर पाले गए जानवरों की देखभाल सभी करते हैं जबकि आवारा कुत्तों को दो रोटी देने से भी कतराते हैं।

लेकिन समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पशु प्रेम का अनूठा मिसाल पेश करते हैं। यह आर्टिकल भी एक ऐसे ही पशु प्रेमी (Animal Lover) की है जो रोजाना आवारा कुत्तों को अपने प्यार भरे हाथों से खाना खिलाती हैं। चलिए जानते हैं उस एनिमल लवर के बारें में-

पशु प्रेमी नन्दिनी पाण्डेय (Animal Lover Nandani Pandey)

हम बात कर रहे हैं नन्दिनी पाण्डेय (Nandani Pandey) की, जो बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) की रहनेवाली हैं। उन्होंने साइन्स विषय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और UPSC, BPSC के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाती हैं।

यहां देखें एनिमल लवर नन्दिनी पांडेय का इंटरव्यू-

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अपने हाथों से खिलाती हैं कुत्तों को खाना

The Indian Stories के अनुसार, नन्दिनी प्रतिदिन पटना के गांधी मैदान में कुत्तों को अपने हाथों से खाना खिलाती हैं। इस नेक कार्य की शुरूआ कोरोना लॉकडाउन के समय हुई थी जब उन्होंने कुछ कुत्तों को भूख से बेचैन देखा। तब से लेकर आजतक नन्दिनी ने इस कार्य को जारी रखा है और पशु प्रेम का अनुथा मिसाल पेश कर रही हैं।

खाने पर आता है प्रतिमाह 48 हजार रुपये का खर्च

वह कुत्तों को खाने में चावल, पोहा, उबले हुए चिकन आदि खिलाती हैं। The Indian Stories के अनुसार, उन्होंने सभी कुत्तों का नाम भी रखा है जैसे बसंत, मुन्नू, चुन्नू, काजू और छोटन आदि। उन्होंने यह भी बताया कि, कुत्तों के भोजन पर प्रतिमाह 48 हजार रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा यदि उन्हें चोटें आ जाएं तो उसका खर्च अलग से है।

अंत में नन्दिनी (Animal Lover Nandani Pandey) कहती लोगों से अनुरोध करती हैं कि वे अच्छे से ड्राइविंग करें ताकि खुद के साथ-साथ जानवरो की जिंदगी भी सुरक्षित रहे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य को अपनी मनुष्यता नहीं भूलनी चाहिए और पशुओं से साथ प्रेम करें।