जब आप पक्षियों को पानी पिलाते हैं तो ब्रह्मांड को यह संदेश पहुंचाता है कि आप दूसरों को कुछ देने के लिए समृद्ध और तैयार हैं। यह आपके घर की खुशहाली में वृद्धि करता है। बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की वजह से पेड़ लगातार कम हो रहे हैं। बाग-बगीचे और खेती को खत्म कर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। वहीं, जलीय पक्षियों के आवास भी सुरक्षित नहीं है। इन्हें बचाने के लिए शासन स्तर से लेकर आम जन सभी का सहयोग जरूरी हो चला है। पशु-पक्षी प्रेमी भी इस ओर लगातार सराहनीय कदम उठा रहे हैं, लेकिन आम जन के बिना इन्हें बचाने की मुहिम बहुत पिछड़ती जा रही है। इसके बावजूद भी आज के जमाने में भी पक्षियों और जीव – जन्तुओ से प्रेम की भावना रखने वाले लोगो की कमी नहीं है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी ही व्यक्ति सैयद जहांगीर की जो आज-कल पशु-पक्षी की सेवा को लेकर समाज में चर्चा का विषय बने हुए है।
कौन हैं वह पशु-पक्षी के प्रेमी व्यक्ति :-
लोगों के लिए प्रेरणा बने सैयद जहांगीर (Saiyad Janhageer) मूल रूप से हैदराबाद (Haidrabaad) के रहने वाले है। उनकी उम्र 47 वर्ष है। वे हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में पलम्बर का काम करते है तथा वे उस्मानिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में अपने परिवार के साथ रहते हैं। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दिनों में देशभर में कई लोग इसलिए अपने घरों से निकलते थे ताकि वे भूखे पशु-पक्षियों का पेट भर सकें। भले ही वो एक प्लम्बर हों लेकिन बेजुबानों से उनका लगाव उन्हें बेहद खास इंसान बनाता है।
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पशु-पक्षियों की समस्या को लेकर उठाया कदम :-
खबरों के जानकारी के मुताबिक, जहांगीर उस्मानिया यूनिवर्सिटी में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। यहां उन्हें सब प्यार से ‘बाबा जहांगीर’ कहते हैं। बीते छह वर्षों से वो जंगल के पशु-पक्षियों को पानी पिलाते आ रहे हैं। वह कहते हैं, हैदराबाद में मानसून आने से पहले काफी गर्मी पड़ती है। इस गर्मी से इंसान भी बेहाल हो जाते हैं, तो आप बेजुबानों के बारे में सोचिए। अगर उन्हें पानी ना मिले, तो वे बेचारे कहां जाएंगे। इसलिए मैं रोज सुबह और शाम में उनके लिए जंगल में पानी रख कर आता हूं।’
रोज जंगल में लेकर जाते हैं 400 लीटर पानी :-
जहांगीर, ये नहीं जानते की जंगल कितने एकड़ में है और यहां कितने जीव-जंतु रहते होंगे।लेकिन वह रोज लगभग 4 किलोमीटर जंगल में चलते हैं और हर 50 मीटर पर पानी रखकर आते हैं। ऐसी 40 जगह हैं, जहां वो पानी रखते हैं। इन्हें वो ‘वाटर हाउस’ कहते हैं। कहीं टूटे घड़े और बड़े बर्तन रखे हैं, तो सीमेंट से छोटी-छोटी हौद बनाई हैं। अब वो रोज लगभग 400 लीटर पानी जंगली जीवों के लिए पहुंचा रहे हैं।
पशु-पक्षी भी अब पहचानने लगे हैं :-
उन्हें जंगल में इतना पानी पहुंचाने के लिए बाइक पर कई चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं। वो कहते हैं, उनके पास बाइक है लेकिन अगर उन्हें पैदल चलकर भी यह करना पड़े तो कोई हर्ज नहीं है। अब तो जंगल के पशु-पक्षी भी उन्हें पहचानते हैं। जब वो पानी भरने जाते हैं, तब भी जानवर आराम से उनके आस-पास घूमते हैं क्योंकि वे उनके दोस्त हैं, शिकारी नहीं।’
परिवार भी करता है सहयोग :-
इस काम में उनका पुरा परिवार सहयोग करता है। साथ ही, पूरी यूनिवर्सिटी उनके काम की सराहना भी करती है। कई बार गर्मियों में जब पानी की किल्लत होती है, तब वो यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से पानी लेकर जाते हैं। ऐसे में उनसे कोई नहीं पूछता कि वो पानी कहां भरकर ले जा रहे हैं। सब जानते हैं कि वो पानी कहां और किसके लिए ले जा रहे हैं। बाकी अगर कोई 47 वर्षीय जहांगीर से पूछता है कि यह काम वो कबतक करेंगे? तो वह मुस्कुराकर जबाब देते की जब तक मैं जीवित हूं तब तक।
पूरा यूनिवर्सिटी सैयद जहांगीर को इस काम के लिए पूरा साथ देता है और आज-कल सोशल मीडिया पर वो प्रेरणा के रूप में छाए हुए है। लोग उनकी खूब सराहना कर रहे है।