यूपीएससी का सफर अनेक कैंडिडेट्स के लिए बहुत लंबा होता है, परंतु जब वह कैंडिडेट यूपीएससी की परीक्षा में सफल हो जाता है, तब उसे संघर्ष का फल मिलता। जिस परीक्षा में केवल सफलता का इतना महत्व है, उसमें ऑल इंडिया रैंक वन आना बहुत बड़ी बात मानी जाती है। आज हम एक ऐसे ही कैंडिडेट की बात करेंगे, जिसने तीन बार असफलता का सामना किया मगर पांचवें प्रयास में पहली रैंक के साथ सफल हुए, जिससे उन्हें आईएएस का पद नियुक्त हुआ।
अनुदीप दुरीशेट्टी (Anudeep Durishetty)
अनुदीप तेलांगना (Telangana) के रहने वाले हैं। तेलांगना के मेटपल्ली से अनुदीप की शुरूआती पढ़ाई पूरी हुई। उसके बाद उन्होंने राजस्थान (Rajasthan) के बिट्स पिलानी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इस दौरान कुछ कारणों से उनका ध्यान यूपीएससी की तरफ गया और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला कर लिया। अनुदीप ने पहले यूपीएससी की पूरी जानकारी इकट्ठी की फिर उसकी तैयारी शुरू कर दी।
अनुदीप का सपना आईएएस बनने का था
अनुदीप ने साल 2012 में अपना पहला अटेम्प्ट दिया। वह दो स्टेज पार कर इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे परंतु वह चयनित नहीं हो पाए। उसके अगले ही साल अनुदीप ने फिर से परीक्षा दी और पास भी हुए परंतु उनकी रैंक कम आई, जिससे उन्हें आईआरएस का पद नियुक्त हुआ। इससे अनुदीप ने कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के तौर पर ज्वॉइन कर लिया परंतु अनुदीप का सपना आईएएस बनने का था इसलिए उन्होंने प्रयास करना नहीं छोड़ा।
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अनुदीप ने नौकरी के साथ की यूपीएससी की तैयारी
जब अनुदीप को अपने पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, तब उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर ली। उनकी तैयारी की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने पूरी तैयारी के दौरान कभी नौकरी नहीं छोड़ी। हमेशा जॉब के साथ ही तैयारी की और आखिरकार सफल भी हुए। अनुदीप अन्य कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि इस परीक्षा का सिलेबस ठीक से कवर करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह एक ऐसी परीक्षा है जहां कुछ भी छोड़ा नहीं जा सकता।
अनुदीप ने बताई अपनी गलती
अनुदीप कहते हैं कि रिवीजन और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत जरूरी है। अनुदीप भी अन्य कैंडिडेट की तरह यही मानते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए सीमित सोर्स रखें और उन्हीं से बार-बार रिवाइज करें। अनुदीप आंसर राइटिंग के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि उनके पिछले प्रयासों में असफलता का सबसे बड़ा कारण यही है इसलिए वह अन्य कैंडिडेट को खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करने की सलाह देते हैं।
अनुदीप की अन्य कैंडिडेट्स को सलाह
अनुदीप को जॉब के कारण ज़्यादा समय नहीं मिल पाता था। वह सीमित समय में अपनी पूरी मेहनत करते थे। उनकी मुख्य पढ़ाई ज्यादातर वीकेंड्स पर ही होती थी। अनुदीप को तैयारी के लिए ज़्यादा समय नहीं मिलता था परंतु बाद में उन्होंने आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस भी की। अनुदीप कहते हैं कि नौकरी के साथ तैयारी करना मुश्किल जरूर है, परंतु नामुमकिन नहीं है। अगर आप प्रयास करें तो मैनेज कर सकते हैं। इस दौरान असफलता से घबराए नहीं और प्रयास जारी रखें। अंत में अनुदीप यही कहते हैं कि अगर सच्ची लग्न से तैयारी कर रहे हैं, तब सफलता ज़रूर मिलेगी।