Saturday, December 9, 2023

इस नई तकनीक से अब जमीन नहीं बल्कि पानी में होगी खेती, मछलीपालन और खेती एक साथ कर सकेंगे

अब किसी भी संसाधन की पूर्ति के लिए नए तरीकों को उत्पन्न करना अनिवार्य हो गया है। संसाधनों पूर्ति के नये तरीकों में से एक्वापोनिक्स (Aquaponics) पद्धति भी शामिल है, जिसके द्वारा खेती की जाती है। इस पद्धति द्वारा की गई खेती में पानी की बचत होती है और पूरी तरह जैविक फसल का उत्पादन होता है।- aquaponics method of farming

Aquaponics method of farming

क्या है एक्वापोनिक्स?

एक्वापोनिक्स (Aquaponics) दो वर्ड से मिलकर बना है। पहला एक्वा जिसका अर्थ है पानी, दूसरा पोनिक्स जिसका अर्थ होता है हरी सब्जियां। इस खेती के लिए मिट्टी की सतह नहीं बल्कि जल की सतह की आवश्यकता होती है। एक फ्लोटिंग कार्डबोर्ड की मदद से सब्जियों को उगाया जाता है। सब्जियों के उत्पादन के लिए किसी भी उर्वरक या कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया जाता है। इसमें फसलों को उनके आवश्यकता अनुसार भोजन स्वयं ही पानी से मिल जाता है। -Aquaponics method of farming

Aquaponics method of farming

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पॉलीहाउस तकनीक का होता है उपयोग

इस पद्धति द्वारा सब्जियों और मछलियों को इंटीग्रेटेड तरीके द्वारा तैयार किया जाता है। मछलियों के वेस्ट से ही उर्वरक का निर्माण होता है, जिससे फसल के उत्पादन अच्छा होता है। एक्वापोनिक्स में पॉलीहाउस की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त दो टैंक्स होते हैं, जहां मत्स्य पालन होता है। टैंक्स द्वारा पानी का आदान-प्रदान होते रहता है। जब यह पानी एक दूसरे से होकर गुजरता है, तो पौधों को उनके जरूरत के अनुसार पोषण मिला जाता है।

Aquaponics method of farming

भारत में सबसे पहले मयंक गुप्ता ने Aquaponics द्वारा खेती की है। उन्होंने इस तकनीक का विकास बहुत से देशों का दौरा करने के बाद किया है। अब मयंक गुप्ता महाराष्ट्र के सभी लोगों को इस खेती से जोड़ने में लगे हैं। -Aquaponics method of farming

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