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बंजर जमीन से 15 तरह की आर्गेनिक फसलें उगाता है यह किसान, फायदा कई गुना अधिक

सुना है, किसान अपनी कड़ी मेहनत और लगन से बन्जर जमीन को भी हरा-भरा बना देते हैं। लेकिन आज की हमारी कहानी एक ऐसे किसान की है जिन्होंने पथरीली जमीन पर “जैविक खेती” कर 15 प्रकार के फसल उगा चुके हैं। इनका नाम ‘अर्जुन पटीदार’ है। इन्होंने अद्भुत खेती कर सभी किसानों का हौसला बढ़ाया है।

पथरीली जमीन को किया जैविक खेती में तब्दील

हम यह जानते हैं कि जैविक खेती से उगाये गये फसल हमारे लिए कितने उपयोगी होते हैं। ठीक इसी प्रकार की खेती मंदसौर (मध्य प्रदेश) के किसान अर्जुन पाटीदार करते हैं। वहां की पथरीली जमीन को इन्होंने उपजाऊ बना दिया है जो आश्चर्यजनक है। वह अपने खेत में ‘जैविक खेती’ कर अन्य प्रकार के फसल उगा चुके हैं ।

गाय के गोबर से बनाते हैं उर्वरक

अर्जुन (Arjun) जो जैविक खेती करते हैं, उसकी लागत बहुत कम है। वह खेती के लिए उर्वरक गाय के गोबर से बनाते हैं। जो फसलों के लिए बहुत फायदेमंद होता है अगर कोई फसल बर्बाद भी हो तो उन्हें ज़्यादा घाटा नहीं होता क्योंकि खेती के लिए सब कुछ वह ख़ुद तैयार करते हैं।

बारिश के पानी को इकठ्ठा कर करते हैं सिचाई

अर्जुन (Arjun) जहां रहते हैं, वहां पानी की बहुत किल्लत है। नल-कुपो में पानी का स्तर 600-700 फुट नीचे है। अर्जुन ने अपने खेतों में कुएं बना रखें है। इन कुओं का इस्तेमाल वह बारिश का पानी इकठ्ठा करने में करते हैं। जिससे सिंचाई के लिए अलग से पानी की ज़रूरत नहीं पड़ती है। अर्जुन सिंचाई के लिए “ड्रिप विधि” को अपनाते हैं, जिसमें पानी बर्बाद नहीं होता और सिंचाई अधिक होती है।

20 एकड़ जमीन का इस्तेमाल अन्य प्रकार के फल, फूल और सब्जियों को उगाने में करते हैं

अर्जुन (Arjun) मंदसौर (Mandsaur) के निवासी हैं। इन्होंने खेती शुरू करने के लिए बहुत मेहनत की है तब जाकर आज सफल हुए हैं। शुरुआती दौर मे इन्होंने दूसरे स्थानों से मिट्टी लाकर अपने खेतों में फसल उगाने के लिए उन मिट्टियों का उपयोग किया और अपने खेत को तैयार किया। अर्जुन 20 एकड़ जमीन में टमाटर, संतरा, पपीता, प्याज, सौंफ, गेंदा, लहसुन, उड़द, बेर और अन्य प्रकार के सब्जियां और फल उगाते हैं। साथ ही अपनी ज़रूरत की चीजें खुद उगाते हैं और दूसरे किसानों को उगाने की सलाह भी देते हैं।

खेतों के किनारे भी लगाते हैं फसल

अर्जुन (Arjun) मुख्य खेती के साथ उनके किनारे पर भी फसलों की बुवाई करते हैं जिससे एक समय में दोनों फसलों की देखभाल हो जाती है। अगर अर्जुन ने मुख्य फसल के तौर पर खेतों मे टमाटर की खेती की है तो वह खेतों के किनारे आम, अरहर, जैसे फसल लगाते हैं। इनका मानना है कि किसान के आमदनी का मुख्य स्त्रोत खेती ही है तो क्यों ना इस प्रकार की खेती करें की सलोभर आमदनी हो। जिससे आर्थिक स्थिति भी काफी हद तक ठीक रहे और जीवन सुखमय व्यतीत हो सकें।

संतरे की खेती के साथ उड़द की बुवाई

अर्जुन अपने खेत में संतरे के पेड़ के साथ उड़द की बुवाई करते हैं। ताकि अगर संतरों से नुकसान हो तो उड़द से अच्छी कमाई हो सके। अर्जुन सभी किसानों के लिए प्रेरणा हैं। Arjun ने जिस तरह बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया है वह सराहनीय है। इसके लिए The Logically इन्हें सलाम करता है।

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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