कहते हैं हाथ में हुनर हो और मन में कुछ कर दिखाने की दृढ़ इच्छाशक्ति तो सफलता एक न एक दिन आपके कदमों को जरूर चूमेगी। आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है या आपके पास संसाधनों की कितनी कमी है यह महत्व नहीं रखता, जब आप अपने मन में किसी लक्ष्य के बीज को बो देते हैं और उसके प्रति अपना सब कुछ न्योछावर कर के जी जान लगा देते हैं। आज आपको हम एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में सुनकर या पढ़कर आपको काफी गर्व भी होगा और कुछ करने का हौसला भी मिलेगा। हम बात कर रहे हैं वाराणसी के अर्पित पांडे (Arpit Pandey Varanasi) के बारे में।
कौन है अर्पित पांडे:-
अर्पित पांडे वाराणसी के चंदौली के रहने वाले हैं। इनका जन्म 18 जुलाई 2001 को हुआ था। अब आप अगर वर्षों की गिनती करने लगे तो आपको लगेगा कि आखिरकार इस 21 साल के बच्चे ने ऐसा क्या कमाल करके दिखा दिया? आपका सोचना भी सही है तो आपको बता दें कि अर्पित पांडे एक वैज्ञानिक(Arpit Pandey) है। जिन्होंने प्रकृति के अनुकूल कई सारी चीजों की खोज कर दी है। अर्पित एक काफी निम्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
अर्पित की बचपन की बात की जाए तो इनका जीवन काफी साधारण गुजरा। आर्थिक तंगी भी अपने जोर पर थी, लेकिन परिवार ने कभी सहयोग का हाथ वापस नहीं खींचा और ना ही बच्चे के बढ़ते मनोबल को गिराने की कोशिश की। अर्पित अपने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि कभी-कभी उनके माता-पिता को भूखा ही सोना पड़ता था, लेकिन उन्होंने अर्पित को कभी किसी चीज़ की कमी को झेलने नहीं दिया। अर्पित कहते हैं कि.. ऐसा कहा गया है कि हर पुरुष की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है तो यह बिल्कुल सही है, क्योंकि वह अपनी सफलता के पीछे या फिर सफलता का श्रेय पूरी तरीके से अपनी मां को देते हैं, जिन्होंने बचपन से उन्हें समय दिया, पढ़ाया और उन्हें इस काबिल बनाया कि आज वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं- Arpit Pandey Varanasi
बचपन से ही साइंस में रहा काफी रुझान
अर्पित ने The Logically से बात करते हुए यह बताया कि उन्हें बचपन से ही साइंस में काफी रुझान रहा है। वह हमेशा नए-नए चीजों को सीखने की कोशिश करते आए हैं। एक घटना को याद करते हुए अर्पित ने बताया कि एक बार उनके स्कूल में साइंस फेयर लगा हुआ था। अर्पित ने उसमें जाने की अनुमति वहां के अध्यापक से मांगी, लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं मिली। अर्पित को यह बात बहुत खटकी और उन्होंने उस दिन यह संकल्प ले लिया कि आगे से वह इतनी मेहनत करेंगे और कुछ ऐसा खोज निकालेंगे जिससे लोग अब उन्हें देखने एग्जीबिशन में आया करेंगे।
बना डाला भारत का पहला एसिड प्रूफ कपड़ा(Acid proof dress)
जी हां, आपने बिल्कुल सही पढा। 2019 में अर्पित ने कुछ ऐसा तैयार कर दिया जिसे पहले भारत में किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल, अर्पित ने एसिड अटैक सरवाइवर को देखते हुए एक ऐसा कपड़ा तैयार किया जिसपर एसिड गिरे तो कोई असर ना हो। यह पूरे भारत में पहला खोज था।
लक्ष्मी अग्रवाल की बातों को सुनकर आया था आईडिया
दरअसल, एक दिन अर्पित(Arpit Pandey) अपने मोबाइल पर कुछ वीडियो देख रहे थे। अचानक से एसिड अटैक सरवाइवर लक्ष्मी अग्रवाल(Laxmi Aggrawal) का वीडियो उनके सामने आ गया। उनकी कहानी को देखने के बाद और उनके संवेदनशील भाषण को सुनने के बाद अर्पित उनकी शब्दों को भूल नहीं पाए। उन्होंने सोचा कि क्यों ना कुछ ऐसा बनाया जाए जिससे किसी महिला को एसिड अटैक से बचाया जा सके। फिर वह इस पर काफी सोचे-विचारे और अंत में तरकीब मिल ही गया। और क्या था, हाथ में कॉपी और कलम लेकर उन्होंने शुरू किया अपना अध्ययन और सफल भी हुए।
खुद पर किया सारा प्रयोग:
अर्पित का कहना है कि चीजों को बना देना ही काफी नहीं होता बल्कि उसे खुद पर प्रयोग करके उसकी जांच करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। तो फिर क्या था, अर्पित ने जो एसिड प्रूफ शर्ट बनाई थी उसे उन्होंने खुद पहनकर, अपने दोस्त को बुलाया और कहा कि उन पर वह एसिड फेके। जितना यह सुनने में मुश्किल लग रहा है उतना ही शायद कहीं करने में भी था। उनके दोस्त के हाथ कांप रहे थे, लेकिन प्रयोग तो करना ही था। डरते डरते उनके दोस्त ने उन पर एसिड को फेंका और अंततः परिणाम सामने था। अर्पित बिल्कुल सही सलामत खड़े रहे और उनकी जीत हुई।
संसाधनों की कमी के कारण खुद ही बनाते वीडियो और करते रहे निरंतर काम:
जब हम बड़े किसी साइंटिस्ट के बारे में बात करते हैं तो उनके पास जरूरत की सारी चीजें होती हैं। उनके पास लैब होता है और सारे संसाधन होते हैं। जैसा हमने आपको पहले ही बताया था कि अर्पित आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं है जिसके कारण उनके पास ज्यादा संसाधन भी नहीं है, इसलिए वह काफी कम खर्च में प्रकृति के अनुकूल चीजों को बनाते हैं। उनके पास एक छोटा सा फोन है जिससे अपने सारे प्रयोगों को वह रिकॉर्ड करते हैं और अपने प्रयासों को सफल होते हुए देखते हैं।
एसिड प्रूफ शर्ट के बाद बनाया तौलिया और फिर बनाया स्कार्फ:(Acid Proof Dress)
शरीर को एसिड से बचाने के लिए अर्पित ने शर्ट तो बना दी थी, लेकिन इसके साथ ही उनके मन में यह था कि ज्यादातर लोगों के चेहरे पर एसिड अटैक किया जाता है। इस को ध्यान में रखते हुए अर्पित ने एक ऐसा स्कार्फ बनाया जिसको लड़कियां बहुत ही आराम से चेहरे पर बांध सकती है।
फिर सबसे बड़ी बात यह थी कि आखिर यह प्रयोग सफल कैसे माना जाए? अर्पित ने फिर अपना कैमरा शुरू किया अपने दोस्त को बुलाया और फिर से कहा कि उनके चेहरे पर एसिड फेंका जाए। बात अब शरीर के किसी अन्य हिस्सों की नहीं थी, बल्कि चेहरे की थी जो कि खुद में बहुत बड़ा फैसला है। इसके लिए अर्पित ने सिरिंज का प्रयोग करते हुए कहा सिरिंज से एसिड फेकने को। उनके दोस्त ने भारी हाथों से उनके चेहरे पर सिरिंज डाली, लेकिन खुशी की बात यह है कि यह प्रयोग भी सफल रहा और उनके चेहरे पर एक शिकन तक नहीं आई।
19 अगस्त 2019 को अर्पित मिले लक्ष्मी अग्रवाल से
अब समय आ गया था कि अर्पित उनसे मिले जिसने उन्हें इस खोज के लिए प्रेरित किया था। जी हां, हमने आपको पहले ही बताया कि लक्ष्मी अग्रवाल के एक वीडियो ने अर्पित को बढ़ावा दिया कि वह कुछ ऐसा खोज निकाले जिससे किसी के चेहरे को हानि न पहुंचे या किसी के शरीर को क्षति न पहुंचे। फिर क्या था, अर्पित ने योजना बनाई और ऑफिशियली 19 अगस्त 2019 को वह लक्ष्मी अग्रवाल से मिले। लक्ष्मी अग्रवाल ने भी इनके इस अद्भुत और भारत के पहले एसिड प्रूफ कपड़े (Acid proof Dress) को देखकर हैरानी व्यक्त की और इन्हें खूब सराहा। तब से अब तक दोनों के बीच भाई बहन का रिश्ता जैसे बन गया।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2019 (IISF) में पहुंचे:
अर्पित(Arpit Pandey)के इस अद्भुत प्रयास ने और इनकी खोज ने पूरे भारत को आश्चर्य में डाल दिया और अंततः उन्हें भारत सरकार की तरफ से इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2019 के पांचवे संस्करण में उन्हें कोलकाता आमंत्रित किया गया। यहां पर भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया से प्रतियोगी आए थे जिनकी संख्या लाखों में थी। इसमें अलग-अलग क्षेत्र से लगभग 100-100 प्रतिभागियों को बुलाया गया था जिसमें अर्पित का स्थान 41वां था। यह बात है 7 नवंबर 2019 की और स्थानथा विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर। इसमें अर्पित को 4th कंसोलेशन प्राइज से नवाजा गया। लोगों ने खूब जमकर इनकी तारीफ की और इनके सोच को सराहा। इस बार अर्पित डीडी न्यूज़ के शीर्ष पर अपनी छाप को छोड़ रहे थे।
लोगों का साथ मिला और कुछ लोगों ने पैर खींचने की कोशिश भी की
जी हां, जब आप आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तब हमारे ही आसपास से बहुत सारे लोग हमारे पैर को खींचने का काम करते हैं। अर्पित भी इस बात से बिल्कुल सहमत है। उनका कहना है कि आप शांति से अपने काम को करते रहिए और लोगों को बोलने दीजिए। लेकिन जब आप शांत है तो सामने वाले को इसे कमजोरी समझने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए।
अर्पित अपने आप को बहुत खुशनसीब मानते हैं कि उन्हें ऐसे माता-पिता मिले जिन्होंने उन्हें हमेशा उड़ने का सपना दिखाया, और उन्हें बेहतर से बेहतरीन करने को कहा। अर्पित( Arpit Pandey) अपने पूरे सफलता का श्रेय अपने माता और पिता को देते हैं।
जब लक्ष्मी अग्रवाल की फिल्म छपाक रिलीज होने वाली थी, तो अर्पित को गुजरात आमंत्रित किया गया जहां पर उसका प्रीमियर शो होने वाला था। अर्पित को काफी सम्मानित रूप से वहां बुलाया गया और उनके इस खोज(Acid proof dress) के बारे में भी लोगों में जागरूकता के तौर पर संदेश को फैलाए गया। वहां की सबसे अच्छी यादों में एक ही याद यह भी थी कि उन्हें विक्रम साराभाई की बेटी से मिलने का मौका मिला। उन्होंने भी अर्पित के इस काम को काफी सराहा और उन्हें आशीर्वाद दिया।
RJ तृषा ने पहना अर्पित का बनाया हुआ अब तक का सबसे लंबा एसिड प्रूफ गाउन(Acid Proof Dress)
अगर आप रेडियो के दीवाने हैं तो वाराणसी की आवाज तृषा राज के बारे में तो जानते ही होंगे। जब तृषा को अर्पित का ये अद्भुत कार्य पता चला तो उन्होंने अपने रेडियो स्टेशन पर उन्हें आमंत्रित किया। आगे चलकर तृषा ने अर्पित का बनाया हुआ 7 मीटर लंबा गाउन पहना जिसे गूगल ट्रेंस कोर्ट गाउन कहा जाता है और इसके साथ ही कई इंटरनेशनल मीडिया एजेंसीज ने इस 7 मीटर लंबे ड्रेस जिसे गूगल ट्रेंचकोट गाउन कहा जाता है, उसे अपने कैमरे में कैद किया।
The Logically, अर्पित के इस अद्भुत खोज को नमन करता है और उम्मीद करता है की वह इसी तरीके से जीवन में ऊंचाइयों को हासिल करते जाए। आर्थिक पाबंदियों के बावजूद उन्होंने कई युवाओं को यह संदेश दिया कि मन में सच्ची लगन हो और हुनर हो तो परिस्थितियां आपके अनुकूल ही चलेंगी। अर्पित पांडे को हमारा बहुत-बहुत धन्यवाद।
अगर आप अर्पित से जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें यहाँ सम्पर्क कर सकते हैं- Personal social media handle
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