जैसा की हम सभी जानतें हैं, इस नये दौर में बहुत सारे लोग कृषि की तरफ अपना कदम बढ़ा रहें हैं। लोग खेती करने के लिये अपनी नौकरी छोड़ शहरों से गावों की तरफ बढ़ रहें हैं। हमारे देश के किसान परंपरागत तरीके से खेती कर रहें हैं। कुछ कृषक तो अनाज और सब्जियों की खेती कर लाखों की कमाई भी कर रहें हैं।
हर्बल उत्पादों की बढ़ती मांग के वजह से किसान जड़ी-बूटी और औषधि की खेती की तरफ भी अपना रुख कर रहें है। उससे किसानों को अच्छी-खासी कमाई भी हो रही हैं। औषधीय पौधों की खेती करना जरुरी हैं। इन औषधीय पौधों का इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता हैं।
आज हम आपको ऐसे शख्स के बारें में जानकारी देने जा रहें हैं जो 5 बीघा भूमि से खेती शुरु कर के आज 110 एकड़ जमीन पर औषधियों की खेती कर अच्छी-खासी रकम की कमाई कर रहे हैं। उनके खेतों को देखने के लिये विदेशों से भी लोग आते हैं।
आइए जानतें हैं, उनके बारें में
अशोक चौहान (Ashok Chauhan) उत्तरप्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले दौराला ब्लॉक के अंतर्गत आनेवाला मटौर (Mataur) गांव के निवासी हैं। अशोक चौहान ने बताया कि उनके दादाजी बीते जमाने में वैद्य का काम किया करतें थे। वह लोगों का उपचार करने के लिये घर में ही औषधीय पौधों को उगाते और उनसे वह अपने हाथ से दवाइयां भी बनाते थे। ये दवाइयां इतनी असरदार होती थी कि उसको खातें ही लोगों को बिमारी से छुटकारा मिल जाता था। इतना ही नहीं अशोक के बाबा जी भी औषधीय दवाइयां का इस्तेमाल करतें थे।
अशोक ने आगे बताया कि उनके पिताजी को भी औषधीय पौधों की जानकारी थी। उनके पिताजी भी औषधीय पौधों को उगा कर दवाई बनाते, ताकी डाक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी यह भी बताते थे कि हमारे आस-पास ऐसी कई प्रकार की जड़ी-बूटी हैं जिसका इस्तेमाल कर छोटे-मोटे बिमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
अशोक चौहान अपने परिवार की स्थिति और पिता के दिए हुए सीख के कारण वह भी औषधियों के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने का निश्चय किए, जिससे हमारे समाज में सभी को इसका फायदा हो और सभी रोगमुक्त रहें। इसके लिये अशोक M.Sc. की पढाई बॉटनी से करने के लिये उत्तराखंड गये। वहीं पर उन्होनें औषधीय पौधों के बारें में जानकारी हासिल की। अशोक अपनी एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी भी किए लेकिन उस नौकरी में उनका मन नहीं लगा। अशोक ने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। वह अपनी नौकरी छोड़ कर अपने गांव वापस आ गयें और गांव में ही औषधीय पौधों की खेती करने का निर्णय किया।
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अशोक चौहान ने 5 बीघा जमीन पर औषधियों पौधों की खेती आरंभ की। औषधीय पौधों की खेती करने के लिये अशोक चौहान ने सबसे पहले हल्दी और तुलसी के पौधों की खेती की। इसमें लगभग एक लाख रुपये खर्च हुआ। खेती के शुरुआती दिनों मे अशोक को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। कई बार उनकी आमदनी नहीं हुईं। लेकिन इसके बावजूद भी वह अपने कार्य को सच्ची निष्ठा से करतें रहें। अपनी असफलता से सीख लेकर औषधीय पौधों की खेती करने में जुटे रहें। अन्ततः वह इस काम में सफल हो गयें। हल्दी और तुलसी से शुरुआत करने के बाद वह वर्तमान में लगभग 25 से अधिक औषधीय पौधों की खेती कर रहें हैं। उदाहरण के लिये सर्पगंधा, सतावरी, अकरकरा, एलोवेरा आदि।
अशोक ने अपने मेडिसिनल प्लांट की खेती में काफी विस्तार किया है। वर्तमान में अशोक चौहान मेरठ के साथ-साथ मथुरा(Mathura), सहारनपुर (Saharanpur) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी औषधीय पौधों की खेती कर रहें हैं। इनके द्वारा खेतों में उगायें गयें मेडिसिनल प्लांट का सप्लाई दिल्ली(Delhi), राजस्थान(Rajasthan), हरियाणा(Hariyana) जैसे और भी कई राज्यों में होता है और इससे अशोक चौहान को अच्छी आमदनी भी होती हैं।
चौहान का कहना है कि वर्तमान में वह मेरठ (Meerut) में 25 से अधिक भिन्न-भिन्न प्रकार के औषधीय पौधों (काली हल्दी, तुलसी, सर्पगंधा, एलोवेरा, सतावरी, अकरकरा, कवकंद, कालमेघ चित्रक, अनंतमूल, मैदा छाल जैसे अन्य पौधें) की खेती करतें हैं। इन सब पौधों की खेती करने से प्रत्येक वर्ष अशोक को अच्छा-खासा मुनाफा होता हैं। अशोक 110 एकड़ जमीन पर मेडिसिनल प्लांट की खेती कर रहें हैं और इस खेती के द्वारा 300 लोगों को रोजगार भी मुहैया करवाये हैं।
उनका मानना है कि हमारा आनेवाला समय हर्बल और नेचुरल का होगा। यह बताते हैं कि इनके पास सभी प्रकार की दवाइयां है जिसके बारें में इन्होनें स्वयं रिसर्च किया हैं। सभी दवाइयों को औषधीय पौधों से बनाया गया है। अशोक स्वयं जड़ी-बूटी की खेती कर के दवाइयां निर्मित करतें हैं। इतना ही नहीं बल्कि साइंस और बॉटनी के छात्र अशोक चौहान से मेडिसिनल प्लांट के बारें में जानकारी लेने के लिये भी आते हैं।
अशोक चौहान के द्वारा किया जाने वाले औषधीय पौधों की खेती को देखने के लिये कई लोग देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आये हैं। वे सब मेडिसिनल और हर्बल प्लांट के बारें में अशोक से जानकारी भी लेते हैं और अशोक चौहान को उनके यहां आ कर किसानों को इसकी खेती करने के लिये ट्रेनिंग देने के लिये आमंत्रण भी देते हैं। इतना ही नहीं सभी लोग इनके द्वारा किये गयें खेती की बहुत सराहना भी करतें हैं।
मेडिसिनल और हर्बल प्लांट को खरीदने के लिये बाजार जाने-आने की जरुरत नहीं होती हैं। फार्मेसी कंपनियां किसानों से सीधा सम्पर्क कर अच्छे रकम में माल को खरीद लेती हैं।
अगर आप औषधीय पौधों की खेती के बारें में ज्यादा जानकारी लेना चाहतें हैं तो अशोक चौहान के दिये गये नंबर पर सम्पर्क कर उनसे जानकारी हासिल कर सकतें हैं। (9412708113)
Ashok Chauhan द्वारा किये गये कार्य को The Logically नमन करता है।