किसान हर दिन कुछ न कुछ नया करके उससे मुनाफा कमा रहे हैं। आजकल लोगों को खेती करना एक पैशन बन गया है। खास करके युवा वर्ग के लोग खेती करने में काफी ध्यान दे रहे हैं। वह नए तरीके से खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। लोग अपनी नौकरी तक छोड़कर के खेती करके अच्छे खासे पैसे कमा रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने विदेश की नौकरी छोड़ दी और अपने देश आकर पपीते की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
अशरफ अली गोपालगंज के हथवा प्रखंड के लाइन बाजार के रहने वाले हैं। यह बताते हैं कि मेरे घर की हालत काफी खराब थी। हमारे परिवार को खाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। हम अपने परिवार के इस हालत को देखकर के साल 1992 में सऊदी अरब पैसे कमाने के लिए चले गए। वहां जाने के बाद हमने एक कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी मिल गई और फिर हम मन लगाकर के काम करने लगे और वहां से अपने परिवार को पैसे भेजते थे ताकि मेरे परिवार को कोई तकलीफ ना हो। वे वहां भारतीय करेंसी के अनुसार 80 हजार रुपए महीने कमाते थे। वे बताते हैं कि कुछ दिन के बाद हमें वहां मन नहीं लगने लगा और हमने विचार किया कि हम घर पर जाकर के खुद कुछ करेंगे। साल 2017 में हम अपने देश वापस आ गए और यहां आने के बाद हमने पपीते की खेती करने के बारे में विचार किया। इसके बाद हमने अपने एक अपने दोस्त से पपीते की खेती करने के बारे में जानकारी हासिल की।
अशरफ अली बताते हैं कि इस पपीते की खेती करने के लिए हमने एक एकड़ जमीन लीज पर लिया। और इस जमीन का किराया प्रति वर्ष 8500 रुपए देते थे। मैंने बागवानी विभाग से 500 पपीते के पौधे लिए और आधा एकड़ जमीन पर पपीते के पौधे लगा दिए। वे बताते हैं कि पपीते के पेड़ से एक पेड़ से दुगुना फल मिलता है। इसलिए पपीते की खेती करने से दुगना मुनाफा भी हो जाता है। पपीते का फल आने के बाद हमने इसे बाजारों में बेचा तो इसे हमें काफी अच्छी आमदनी हुई।
अशरफ अली बताते हैं कि जब हम विदेशों से नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस आए थे। तो यहां के लोग हमें काफी ताने मारते थे। लोग बोलते थे कि अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर के यहां खेती करने आया है। परंतु हमने उन सब की बात को अनसुना करके हमने अपने काम को मन लगाकर और मेहनत के साथ करते रहे। हमारी यह मेहनत काफी रंग लाई। आज हम इस पपीते की खेती से 10 लाख रुपय कमा रहे हैं। खास बात यह है कि हम अपने परिवार के साथ आराम से और खुशी पूर्वक रह रहे हैं। हमने अपने बेटी की शादी इसी पपीते की खेती की आमदनी से की और अपने बेटों के लिए दुकानें खोल दिए जिसे बेटे भी पैसे कमा सके।
अशरफ अली बताते हैं कि हमने विदेशों में काफी सालों तक काम किया वहां में 80 हजार रुपए की तनख्वाह मिलती थी। परंतु आज हम लाखों रुपए की कमाई घर बैठे कर रहे हैं। अशरफ अली ने वहां के काफी लोगों को रोजगार भी दे रखे हैं।
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अशरफ अली अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं। अगर किसी भी काम को मन से और लगन के साथ किया जाए तो आखिरकार उस काम में सफलता जरूर हासिल होती है।