हम अक्सर सुनते है परिश्रम का फल मीठा होता है। इस कथन को सही साबित कर रहे हैं, 10वीं और 12वीं में आए छात्रों के परिणाम। सभी छात्रों के परिणाम सच में बहुत सराहनीय है। जिस तरह से छात्रों ने मेहनत की है उनकी मेहनत भी रंग लाई है। अगर पढ़ाई का जुनून हो तो विद्यार्थी यह नहीं देखता कि वह किस जगह से है और कहां बैठकर ज़िंदगी के इम्तिहान को पास करने की तैयारी कर रहा है। बस उसमें अपने मकसद को पाने की चाहत रहे तो वह फुटपाथ पर भी रहकर पढ़ाई कर सकता है। इसकी एक मिसाल है ‘आसमा सलीम शेख’ जिन्होंने 10वीं की परीक्षा पास कर अपने परिवार वालों के चेहरे पर मुस्कान लाई हैं।
परिवार फुटपाथ पर रहता है
आसमा सलीम शेख की उम्र 17 साल है। इस उम्र में इन्होंने बहुत सारी विषम परिस्थितियों का सामना कर ज़िंदगी में एक सफल मुकाम को हासिल करने की कोशिश की है। आसमा अपने परिवार के साथ मुंबई में आजाद मैदान के फुटपाथ पर रहती हैं। फुटपाथ पर ज़िंदगी आसान नहीं होती। फिर भी आसमा ने हार नहीं मानी और अपनी लगन से 10वीं मे 40% अंक प्राप्त कर सफलता हासिल की। हालांकि आपको लगेगा कि 40% अंक से सफल होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन फुटपाथ पर रहकर यह अंक हासिल करना बहुत बड़ी बात है। साथ ही आसमा पढ़ाई से मुंह ना मोड़कर उससे जुड़ी हैं यह बात प्रेरणादायक है। इस तरह आसमा ज़िंदगी की परीक्षा में टॉप की।
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ट्यूशन फीस के लिए नहीं थे पैसे
आसमा के पिता अपनी रोजी-रोटी के लिए नींबू शरबत बेचने का काम करते हैं। इससे आप ख़ुद अंदाजा लगा सकते हैं कि आसमा की पढ़ाई में कितनी मुश्किलें आई होंगी। इतनी सारी कठिनाइयां होने के बावजूद भी आसमा के पिता ने अपनी बेटी के लिए ट्यूशन का इंतजाम किया। आसमा ट्यूशन का सहारा नहीं लेना चाहती थी क्योंकि उन्हें पता था कि उनके पिता को ट्यूशन फीस जमा करने के लिए पैसे इकठ्ठा करने में परेशानी होगी।
पढ़ाई में मदद, घर और पार्ट टाइम जॉब देने की बात कही गई
आसमा जिस लगन से पढ़ाई कर रही हैं उनकी तारीफ करते हुए वहां के पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने ट्वीट कर बताया कि मैं आसमा की पढ़ाई में मदद करूंगा, ताकि वह आगे हमारे देश का नाम गौरवांवित कर सके। साथ ही शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने भी आसमा को MMRDA के जरिए एक घर और पार्ट टाइम जॉब देने के बारे में बताया है।
Just spoke to Asma & extended all possible assistance with her college admission.
She reminded me of my late father who also grew up studying on a Mumbai footpath, under a streetlight.
The daughter of a nimbu paani vendor, Asma is entitled to a life of dignity & opportunity! https://t.co/3XHMfDpFug
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) July 29, 2020
फुटपाथवर गुजराण करणाऱ्या अस्मा शेखने 10वीच्या परीक्षेत घवघवीत यश मिळवल्याबद्दल तिचे हार्दिक अभिनंदन. या गुणी मुलीच्या स्वप्नपूर्तिसाठी भविष्यात तिला पार्टटाईम नोकरी मिळवून देण्याचा तसेच MMRDAच्या माध्यमातून एक छोटेसे घर मिळवून देण्याचा मी आटोकाट प्रयत्न करणार आहे. @AUThackeray pic.twitter.com/ReM7RwNQ0z
— Pratap Sarnaik (@PratapSarnaik) July 30, 2020
जिस लगन से आसमा ने सफलता प्राप्त की है वह सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है। इसके लिए The logically आसमा को शुभकामनाएं देता है और एक सफल भविष्य की कामना करता है।
Logically is bringing positive stories of social heroes working for betterment of the society. It aims to create a positive world through positive stories.