अक्सर हम देखते हैं कि शादी के बाद लड़कियां अपना घर-परिवार संभालने में व्यस्त हो जाती हैं, जिसकी वजह से वह अपने करियर को बनाने के बारे में ध्यान नहीं देतीं। लेकिन यदि शादी के बाद भी लड़कियों को उसके पति का और परिवार का समर्थन मिले तो वह अपना करियर बना सकती है। कहा जाता है कि हर पुरूष के कामयाबी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। परंतु आज की कहानी ऐसी महिला की है जिसकी सफलता के पीछे एक पुरूष का हाथ है।
इस कहानी के माध्यम से आपको एक ऐसी महिला के बारे में जानने का मौका मिलेगा जिसने 3 बार यूपीएससी में असफल होने के बाद भी पति और परिवार के सहयोग से एक MBBS डॉक्टर से IAS बनकर प्रेरणा कायम किया है। उसने वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में चौथे प्रयास में ऑल इंडिया 40वीं रैंक हासिल किया है।
अस्वति श्रीनिवास (Aswathy Srinivas) मूल रूप से कोल्लम की रहने वाली हैं। परंतु उनका लालन-पालन कासरगोड से हुआ है। अस्वति की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जवाहर नवोदय, केंद्रीय विद्यालय कासरगोड और केंद्रीय विद्यालय त्रिवेंद्रम से हुई है। अस्वति ने अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद श्रीगोकल मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च फाउंडेशन से MBBS में स्नातक की उपाधि हासिल किया। उन्होंने मेडिकल साइंस के विषय को हीं ऑप्शनल विषय चुनकर UPSC की तैयारी किया। अस्वति ने वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में चौथे प्रयास मे ऑल इंडिया 40वीं रैंक हासिल किया है।
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अस्वति ने एक वीडियो इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्होंने एक छात्र के तौर पर कभी भी सिविल सर्विस के बारे में विचार नहीं किया। अस्वति जब एमबीबीएस अन्तिम वर्ष के बाद छुट्टी में घर आईं तब उनके मन में यूपीएससी का ख्याल आया। वह बताती हैं कि उनकी रुचि सोशल साइंस में थी यही से उनको विचार आया।
अस्वति कहती हैं कि वह यूपीएससी का पहला 2 अटेमप्ट सेल्फ स्टडी से माध्यम से दिए। उन्होंने बताया कि उसमें लूप होल की वजह से उनका चयन नहीं हुआ। उसके बाद उन्होंने एलाइट से वर्ष 2017 में दिसंबर माह से कोचिंग ज्वाइन किया। अस्वति बताती हैं कि उसे UPSC की परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके पति, उनके पैरेंट्स और उनके दोस्तों ने उनका खूब सहयोग किया। उन्होंने वर्ष 2018 में पूरी तैयारी के साथ सिविल सर्विसेज का इम्तिहान दिया।
अस्वति यूपीएससी में ऑल इंडिया 40 वीं रैंक से सफल होने के बाद अब वह ट्रेनी ऑफिसर के तौर पर ट्रेनिंग ले रही हैं। वह कहती हैं कि शान्त मन से परीक्षा दिया जाए तो वह सबसे बेस्ट दिया जायेगा।
अस्वति यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सुझाव देती हैं कि इसकी तैयारी के लिए सोशल मीडिया का बहुत कम इस्तेमाल करना चाहिए। उसके बाद टॉपर्स के इंटरव्यू, न्यूज पेपर और करेंट अफेयर प्रतिदिन पढ़ना चाहिए।
वह कहती हैं कि मेडिकल की पढाई में जो 19 विषय है उनमें से कम से कम 14 विषय को ऑप्शनल विषय का चुनाव किया जा सकता है। मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के लिए अस्वति का सुझाव है कि कंटेन्ट के लिए सभी किताबें पढ़ी जा सकती हैं जिसने मेडिकल की पढ़ाई किया है।
The Logically अस्वति श्रीनिवास को उनकी सफलता के लिए बधाई देता है। इसके साथ हीं उनके पति और परिजनों की खूब सराहना करता है जिसने एक बहू को भी बेटी जैसी मान-सम्मान दिया तथा आगे बढ़ने में हमेशा उसके साथ रहे।