Saturday, December 9, 2023

B.Com Idliwala: नौकरी नहीं मिली तो ग्रेजुएट लड़के ने शुरु किया इडली-सांभर का बिजनेस, बाइक को बना दिया स्टॉल

आजकल युवाओं में स्टार्टअप (Startup) का बहुत ज्यादा ट्रेंड चल रहा है। ऐसे लोगों के लिए स्टार्टअप एक अच्छा विकल्प बन गया है जो नौकरी नहीं करना चाहते हैं या जिन्हें पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है। अभी तक आपको बहुत सारे ऐसे उदाहरण देखने को मिले होंगे जिसमें नौकरी नहीं मिलने की वजह से लोगों ने स्टार्टअप शुरु किया है।

उन्हीं लोगों में से एक नाम अविनाश का है, जिन्हें नौकरी नहीं मिली तो बाइक को ही स्टॉल बनाकर इडली-सांभर बेचना शुरु कर दिया और आज B.Com IdliWala नाम से मशहूर हैं।

पिता की मौत के बाद खुद के कंधों पर आ गई घर की जिम्मेदारी

कहते हैं समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है किसी के लिए समय अच्छा होता है तो किसी के लिए खराब। अविनाश कुमार शुक्ला (Avinash Kumar Shukla) के जीवन में कुछ ऐसा ही समय चल रहा था। साल 2019 में बी कॉम की पढ़ाई पूरी करनेवाले अविनाश के पिता को एक दिन हार्ट अटैक आया और वे इस दुनिया से हमेशा के लिए चल बसे। पिता के जाने के बाद घर की सभी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।

कैसे आया स्टार्टअप शुरु करने का फैसला?

घर-परिवार की जिम्मेदारी खुद पर आने के बाद वह Mc Donald’s में नौकरी करने लगे। वहां तीन साल तक काम करने के बाद उन्होंने अमेजन और रिलायंस ट्रेंड में नौकरी की लेकिन कुछ महीने तक कोई नौकरी नहीं मिलने की वजह काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आजीविका चलाने के लिए उन्हें नौकरी की जरुरत थी ऐसे में नौकरी नहीं मिलने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और खुद का स्टार्टअप शुरु करने का फैसला किया।

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पिता की दी हुई बाइक को बनाया चलता-फिरता स्टॉल

Mc Donald’s में काम करने की वजह से उन्होंने फूड बिजनेस शुरु करने का फैसला किया। चूंकि, कोई भी बिजनेस शुरु करने के लिए पूंजी की जरुरत होती है और अविनाश के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह दुकान लेकर व्यवसाय की नींव रखे। ऐसे में उन्होंने अपने पिता द्वारा गिफ्ट की हुई बाइक को ही साधन बनाया उसी पर चलता-फिरता इडली-सांभर का स्टॉल शुरु किया और उसका नाम B.com Idliwala रखा। उनके पिता ने उन्हें 12वीं की परीक्षा पास करने की खुशी में उपहार स्वरुप बाइक भेंट की थी।

कैसे आया इडली-सांभर बेचने का विचार?

बहुत सारे लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि बी कॉम की पढ़ाई करने के बाद अविनाश ने इडली-सांभर बेचने का ही फैसला क्यों किया। ऐसे में बता दें कि, उनकी पत्नी साउथ इंडिया (चेन्नई) की रहनेवाली हैं और इस वजह से उन्हें साउथ इंडियन व्यंजन (South Indian Dishes) बनाने आता है। उसमें इडली-सांभर भी एक मशहूर दक्षिण भारतीय व्यंजन है जिसे पूरे भारत के लोग बड़े ही चाव से खाते हैं। यहीं से उन्हें इसी को बचने को आइडिया आया।

महज 20 रुपये में मिलता है एक प्लेट इडली-सांभर

वर्तमान में अविनाश (B.Com Idliwala, Avinash) फरीदाबाद के सड़कों पर बाइक पर इडली-सांभर बेचने का काम करते हैं। उनके यहां महज ग्राहकों को 20 रुपये में एक प्लेट स्वादिष्ट और हेल्दी इडली-सांभर परोसा जाता है। इतनी कम कीमत होने के कारण एक गरीब व्यक्ति भी इस दक्षिण भारतीय डिश का मजा ले सकता है। अविनाश इडली के साथ-साथ वड़ा और स्टफ्ड इडली भी बेचते हैं। अविनाश अपने बेटे, मां और छोटे भाई-बहन के साथ रहते हैं।

अविनाश कुमार शुक्ला (Avinash Kumar Shukla), इडली सांभर (Idli Sambhar) बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। B.com Graduate Avinash Kumar Shukla Sells Idli Sambhar on Bike (B.com Idliwala).