8 अक्टूबर को सोशल मिडिया पर वायरल हुए वीडियो ‘बाबा का ढाबा‘ के बारें में तो सभी जानते ही हैं। मालवीय नगर वाले बाबा का ढाबा वीडियो में नारंगी रंग की टी-शर्ट पहने हुए एक 80 वर्ष के बूढ़े व्यक्ति स्टॉल चलाते हुए नजर आते हैं। उस विडियो में बाबा ने रोते हुए बताया था कि लॉक’डाउन में उन्हें अपना गुजारा करने में बेहद कठिन का सामना करना पड़ा। वीडियो वायरल होने के बाद अनेको लोग बड़े-बड़े वादे किये। लेकिन मदद बहुत ही कम मिली। सहयता करने के लिये बहुत लोग बड़ी-बड़ी बाते करते हैं और फिर बिना मदद किये गायब हो जाते हैं। इस बात का खुद उदाहरण है बाबा का ढाबा। लोंगो ने मदद के वादे तो किये लेकिन वास्तव में मदद बहुत ही कम मिली।
आइये जानते है क्या हुआ बाबा के साथ
कांता बाबा का विडियो वायरल होते ही दिल्ली की दरियालीदिली भी देखने को मिली। बाबा के ढाबा पर चावल, पनीर, रोटी आदि मिलता है। वीडियो को पोपुलैरिटी मिलते ही उनके स्टॉल पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। कुछ लोग फोटो खींचवाने, कुछ खाने वाले, कुछ दान करने वाले तो वहीं कुछ दान के नाम पर अपना पहचान बनाने वालों की भीड़ जुटने लगी। बाबा का ढाबा मालवीय नगर के फुटपाथ पर है। कुछ दिन तक तो उनके पास लोगों की इतनी संख्या बढ़ गई थी। जिससे उनकी स्थिती में सुधार होने की उम्मीद बढ़ गईं और बाबा को भी खुशी हुईं। लेकिन कुछ ही दिन में बाबा के ढाबा पर से भीड़ कम हो गई। अब स्थिति पहले जैसी नहीं रही।
अक्तूबर का माह अभी खत्म भी नहीं हुआ और 20 दिन बाद ही बाबा के ढाबा से लोगों की भीड़ बहुत कम हो गईं हैं। अब बाबा के स्टॉल पर एक-दो लोग ही खाना खाने आते हैं तो वहीं कुछ लोग आज कल फोटो खींचवाने के लिये भी पहुंच जाते हैं। कांता बाबा और उनकी पत्नी बादामी देवी सोशल मिडिया पर एक स्टार बन चुके हैं। अब उनका स्टारडम कम हो गया लेकिन काम चलने लायक कामकाज चल रहा है। वर्तमान में उनके पास खाना खाने वाले लोगों की संख्या कम और सेल्फी व विडियो के शौकीन लोग अधिक हो गए हैं।
ट्विटर पर बाबा की सहायता करने के लिये बॉलीवुड, खेल और राजनीति से जुड़े कई लोगों ने बात की थी। लेकिन 20 दिन बीतने बाद बाबा ने बताया कि अब सबकुछ फिर से पहले जैसा ही हो गया है। ऑनलाइन फूड सप्लाई एप और कुछ कम्पनियों ने बाबा के ढाबा पर अपना बोर्ड लगाये परंतु अब उसे भी हटा दिया गया है।
बाबा ने कहा कि किसी भी कम्पनी को उनसे किसी भी प्रकार की हमदर्दी नहीं थी। सभी को अपना ब्रांड चमकाने का लालच था। लेकिन बाबा ने ब्लॉगर को धन्यवाद दिया जिसने सबसे पहले वीडियो बनाकर उसे वायरल किया था।
इसी बीच बॉलीवुड की कुछ हस्तियों का पब्लिक रिलेशंस देखने वाले एक युवा (तुशात अदलखा) ने खुद को बाबा का मैनेजर बना लिया है। बाबा को डिजिटल दुनिया में रहने के लिये सहयता की आवश्यकता थी जिसमे अब एक नौजवान उनकी सहयोग कर रहा है।
तुशात अदलखा ने बताया कि वह बाबा की सहयता करने के उद्देश्य से ही काम कर रहें हैं, इसके बदले में उन्हें किसी चीज की जरुरत नहीं हैं, उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए।
बाबा ने यहा भी कहा कि सोशल मिडिया पर लाखों की मदद करने वाले सभी लोग सिर्फ बातें कर के गायब हो गये। वास्तव मे उन्हें किसी प्रकार की विशेष मदद नहीं मिली है।
The Logically अपने पाठकों से अनुरोध करता है कि आप जिस भी शहर में रहते हैं, वहां भी बाबा का ढाबा जैसे कई ढाबा होंगे, कृपया उन लोगों की मदद करें।