Sunday, December 10, 2023

इस गांव में कबूतरों के नाम पर बनी है समिति, उनके नाम पर बैंक अकाउंट भी है

इंसानों का अमीर होना, उनके पास लाखों – करोड़ों की संपत्ति होना कोई अंचभे की बात नही है। लेकिन एक कबूतर का करोड़पति होना बेशक ही अचंभे की बात हो सकती है। दरअसल, हाल ही एक ख़बर सामने आई है जिसमें राजस्थान स्थित चित्तौड़गढ़ के पास बसे छोटीसादड़ी तहसील के बंबोरी गांव में करोड़पति कबूतरों की खबर ने सबको चौंका दिया है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि बंबोरी के लोग पक्षियों के लिए दान-पुण्य में बहुत विश्वास रखते हैं।

कबूतरों के नाम हैं सरकारी बैंक अकाउंट्स

बता दें कि यहां कबूतरों के नाम अकाउंट नंबर 41940100000447 के तहत बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की बंबोरी ब्रांच में एक अकाउंट भी खोला गया है। जहां लोग इस खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।

home of millionaire

कबूतरथाना समिति के अंतर्गत होता है सारा काम

यहां सदर बाज़ार में लक्ष्मीनारायण मंदिर के सामनें कबूतरों के लिए कबूतर खाना बनाया गया है। साथ ही ग्रामीणों द्वारा कबूतरों के लिए कबूतरथाना समिति का भी पूरा इंतज़ाम है जो सभी प्रकार के रिकार्ड डिटेलस् संभालती है।

मकर संक्राति को चुना कबूतरों के लिए दान का दिन

कबूतरखाना समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि – हर साल मकर संक्राति पर समिति के पदाधिकारियों के साथ-साथ गांव के लोग भी न केवल डोनेशन इकठ्ठा करने काम करते हैं बल्कि ये रकम बकायदा कबूतरों के खातों में जमा कराई जाती है।

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दान में एकत्रित हुई लाखों की नकदी और अनाज

बताया जा रहा है कि इस बार की मकर संक्राति पर कबूतरों के लिए 1.72 लाख की नकदी रकम के साथ-साथ 50 बोरी अनाज भी इकठ्ठा हुआ है क्योंकि लोग गेहूं-मक्का जैसे अनाज भी दान करते हैं। एकत्रित हुई तमाम धनराशि कबूतरों के दाना-पानी पर ही खर्च कर दी जाती है।

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7 बीघा जमीन के मालिक भी हैं ये कबूतर

ये जानकर शायद आप और भी चौंक जाएंगें कि बंबोरी के इन कबूतरों के नाम केवल बैंक-अकाउंटस्, खेती–बाड़ी और सेवा के लिए नौकर-चाकर ही नही हैं इसके अलावा ये कबूतर पूरे 7 बीघा जमीन के मालिक भी हैं।

रक्तदान से लेकर दाह संस्कार के लिए होता है लकड़ियों का दान

सह्द्रयता और दान पुण्य की भावना लिए बंबोरी निवासी कभी-कभी यहां पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी करते हैं जिसके चलते इस बार यहां 117 यूनिट रक्तदान किया गया। इतना ही नही निर्धन परिवारों में किसी की मृत्यू उपरांत दाह संस्कार की समस्या को देखते हुए लकड़ी का दान भी करते हैं जिसमें इस बार 50 क्विंटल तक लकड़ी इकठ्ठा कर ली गई है।