लॉकडाउन के दौरान जिस तरह लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ी वह बहुत ही दुखदायी थी। लेकिन इस दौरान बहुत से लोगों ने कुछ ऐसी कार्यशैली अपनाई जिससे वह दूसरों के लिए उदाहरण बने।
वैसे तो उस वक़्त किसानों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा लेकिन कुछ किसानों ने इस वक़्त का सदुपयोग कर अपनी ज़िंदगी बदल ली। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे जिन्होंने खेती में नवाचार कर अपनी तक़दीर बदली ली।
पारम्परिक खेती से नहीं था अधिक लाभ
वह शख़्स रजनीश त्यागी (Rajnish Tyagi) हैं जो हापुड़ के दत्तीयना से ताल्लुक रखते हैं। वह पहले पारम्परिक खेती कर आजीविका चलाया करते थे एवं इस गन्ने की खेती से उन्हें सीमित लाभ हीं होता है। लेकिन उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसा किया जिससे वह सफल कृषक बने।
50 हजार प्रति बीघा की कमाई
लॉकडाउन के दौरान उन्होंने केले की खेती प्रारंभ की और नर्सरी की ऑनलाइन कारोबार प्रारम्भ की। सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ किया। ये सब कार्य प्रारंभ करने से पूर्व उन्होंने कृषि विशेषज्ञों की सलाह ली। उन्होंने बेहतर तकनीक को अपनाया और सफलता हासिल की। उन्हें अपनी खेती से पहले सीजन में ही लगभग 50 हज़ार बीघा की कमाई हुई।
नर्सरी की शुरुआत
अब उन्होंने नर्सरी तैयार की जिसमें आज सवा 2 लाख के करीब पौधे हैं। वैसे तो केले की फसल जुलाई में होती है परंतु लॉकडाउन के कारण वह इसे बेंच नहीं पा रहे थे। तब उन्होंने फसलों के निर्यात के लिए सोशल साइट्स का उपयोग किया।
सोशल मीडिया की ली मदद
उन्होंने अपने बेटों की सहायता से फेसबुक पेज तैयार की और यूट्यूब चैनल बनाया। उन्होंने कृषि सम्बन्धी वेबसाइट का भी निर्माण किया। वह अपनी चैनल पर वीडियो डालते हैं ताकि अन्य लोग भी इसे अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकें।
मिला है सम्मान
जानकारी के अनुसार मुरादाबाद, बरेली बागपत और अमरोहा के किसान उनसे किस तरह खेती करनी है ये सीखने आते हैं। उन्हें जिला स्तर पर कृषि उद्यान विभाग द्वारा आयोजित हुए किसान सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया है।
लॉकडाउन के दौरान जिस तरह लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ी वह बहुत ही दुखदायी थी। लेकिन इस दौरान बहुत से लोगों ने कुछ ऐसी कार्यशैली अपनाई जिससे वह दूसरों के लिए उदाहरण बने।
वैसे तो उस वक़्त किसानों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा लेकिन कुछ किसानों ने इस वक़्त का सदुपयोग कर अपनी ज़िंदगी बदल ली। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे जिन्होंने खेती में नवाचार कर अपनी तक़दीर बदली ली।
पारम्परिक खेती से नहीं था अधिक लाभ
वह शख़्स रजनीश त्यागी (Rajnish Tyagi) हैं जो हापुड़ के दत्तीयना से ताल्लुक रखते हैं। वह पहले पारम्परिक खेती कर आजीविका चलाया करते थे एवं इस गन्ने की खेती से उन्हें सीमित लाभ हीं होता है। लेकिन उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसा किया जिससे वह सफल कृषक बने।
50 हजार प्रति बीघा की कमाई
लॉकडाउन के दौरान उन्होंने केले की खेती प्रारंभ की और नर्सरी की ऑनलाइन कारोबार प्रारम्भ की। सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ किया। ये सब कार्य प्रारंभ करने से पूर्व उन्होंने कृषि विशेषज्ञों की सलाह ली। उन्होंने बेहतर तकनीक को अपनाया और सफलता हासिल की। उन्हें अपनी खेती से पहले सीजन में ही लगभग 50 हज़ार बीघा की कमाई हुई।
नर्सरी की शुरुआत
अब उन्होंने नर्सरी तैयार की जिसमें आज सवा 2 लाख के करीब पौधे हैं। वैसे तो केले की फसल जुलाई में होती है परंतु लॉकडाउन के कारण वह इसे बेंच नहीं पा रहे थे। तब उन्होंने फसलों के निर्यात के लिए सोशल साइट्स का उपयोग किया।
सोशल मीडिया की ली मदद
उन्होंने अपने बेटों की सहायता से फेसबुक पेज तैयार की और यूट्यूब चैनल बनाया। उन्होंने कृषि सम्बन्धी वेबसाइट का भी निर्माण किया। वह अपनी चैनल पर वीडियो डालते हैं ताकि अन्य लोग भी इसे अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकें।
मिला है सम्मान
जानकारी के अनुसार मुरादाबाद, बरेली बागपत और अमरोहा के किसान उनसे किस तरह खेती करनी है ये सीखने आते हैं। उन्हें जिला स्तर पर कृषि उद्यान विभाग द्वारा आयोजित हुए किसान सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया है।