समाज के किस कोनें से कब कोई इंसान न केवल एक मसीहा के रुप में सामने आ जाये बल्कि अपने काम से जनमानस के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन जाये नही कहा जा सकता। The Logically बात कर रहा है बेंगलौर के एक ऐसे ऑटो ड्राइवर माज़िद बेग की जो चार साल की बच्ची को उसके परिवार से मिलानें में मददगार के रुप में उभर कर सामने आया है।
अपने परिवार से बिछड़ गई थी बच्ची
शनिवार 16 जनवरी दोपहर तकरीबन 12:30 बजे ऑटो चलाते समय माज़िद बेग को बेंगलौर के कोरमंगला स्थित नेशनल गेम वीलेज(NGV) के निकट फुटपाथ पर एक छोटी बच्ची जो हाथ में आईसक्रीम का कप पकड़े जोर- जोर से रोते हुए माँ-माँ पुकार रही थी दिखाई दी। माज़िद को समझते देर न लगी कि बच्ची अपनी माँ-बाप से बिछड़ चुकी है।
कन्नड़ में बात करने की कोशिश की माज़िद ने
माज़िद बेग बताते हैं कि – “बच्ची के माता-पिता, उसके घर के बारे में पता करने और उसे तसल्ली देने के लिए पहले मैनें कनन्ड़ भाषा में उससे बात करने की कोशिश की लेकिन बच्ची कनन्ड़ भाषा नही जानती थी फिर मैनें उससे हिंदी में बात की फिर भी कुछ पता न चल सका।“
लोगों से जानकरी लेने की कोशिश भी माज़िद ने की
माज़िद बताते है – “तकरीबन 15 मिनट से भी ज़्यादा सड़क पर आने-जाने वाले लोगों और दुकानदारों से बच्ची के बारे में जाननें की कोशिश करने के बाद भी जब कोई सफलता हाथ नही लगी तब मैं बच्ची को विवेकनगर पुलिस स्टेशन लेकर गया।“
कोरमंगला पुलिस स्टेशन में भेजा गया मामला
माज़िद बताते हैं – NGV पुलिस ने भी बच्ची के बारे में पता करने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई जानकारी न मिलने की स्थिति में बेग की फोटो और अन्य डिटेल लेकर उन्होनें यह कहकर कि NGV पुलिस स्टेशन कोरमंग्ला थाना के अधिकार क्षेत्र में आता है बेग से कोरमंगला पुलिस स्टेशन जाने का अनुरोध किया।
काम आई कोरमंगला पुलिसकर्मियों की फुर्ती
कोरमंगला पुलिस ने अपनी फुर्ती का सबूत देते हुए तुरंत व्ह्राट्सएप टीम में बच्ची की फोटो साझा की और माज़िद से बच्ची को वापस NGV के होयसला ऑटोमोबाइल ले जाने का अनुरोध किया जहां वह माज़िद को मिली थी। NGV के निकट ही बच्ची का घर होने की आशा करते हुए NGV पुलिस ने लड़की के बारे में घोषणा करवाई। माज़िद बताते हैं कि हम NGV स्थित तमाम क्षेत्रों में बच्ची का घर होने की आशा लिए घूमते रहे।
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लड़की के माता-पिता ने विवेकनगर पुलिस से साधा संपर्क
Bangalore News Today की रिपोर्ट के मुताबिक – पुलिस द्वारा इन तमाम प्रयासों के बीच ही बच्ची के माता-पिता विवेकनगर पुलिस स्टेशन पहुंचे। बच्ची की माँ-बाप ने पुलिस को बताया कि वे उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में रहते हैं और दिहाड़ी मज़दूर हैं। जब वे कूड़े को निपटाने गए थे उसी दौरान बच्ची उनसे बिछड़ गई।
विवेकनगर और कोरमंगला पुलिस के बीच तारतम्य
जानकारी मिलने के बाद विवेकनगर पुलिस ने कोरमंगला पुलिस के इंस्पैक्टर के.बी.रवि से बात की और बच्ची के माता-पिता को भी वहां भेज दिया गया। अपनी खोई बेटी मिल जाने के बाद उसके माता-पिता ने माज़िद बेग को धन्यवाद कहा। बच्ची की माँ ने कहा- “मेरा डर सड़क पर ट्रैफिक से था अपनी बच्ची के सही सलामत मिलने पर मैं माज़िद भाई, पुलिस और भगवान को शुक्रिया कहती हूं।“ बेग कहते हैं- “मेरी भी दो बेटियां है और मैं फुटपाथ पर रोती बच्ची को देख उसका दर्द समझ गया”
डिप्टी कमीश्नर का बयान
बेंगलौर के पुलिस डिप्टी कमीशनर का कहना है कि – बच्ची के माता-पिता की तलाश के दौरान चार होयसला व्हीकल और छः चीता बाइक दब गए। हमनें बच्ची की फोटो 15-20 वह्ट्सएप ग्रुप में शेयर कीं जिसमें आस-पास के इलाकों के निवासी और वालंटियर शामिल थे। तमाम प्रयास सफल रहे और तीन घंटे के भीतर ही बच्ची को उसके परिवार से मिला दिया गया। इतना ही नही ऑटो चालक माज़िद को उनके इस कार्य के लिए कोरमंगला स्टेशन पर सम्मानित भी किया गया। जहाँ देश में आज चाइल्ड ट्रैफिकिंग के किस्से बढ़ते जा रहे हैं वहां अपने माँ-बाप से बिछड़कर फुटपाथ पर रोती चार साल की बच्ची को उनसे वापस मिलाकर माज़िद बेग ने बेशक ही सराहनीय कार्य किया है