अक्सर ऐसा होता है कि नौकरी-पेशा करने वाले लोग समय के अभाव की वजह से अपने कुछ शौक को पूरा नहीं कर पाते हैं। परंतु जब वह नौकरी से सेवानिवृत होते हैं तो सोचते हैं क्या करे जिससे समय का उपयोग हो सके। ऐसे में वे सभी अपने-अपने शौक को पूरा करने के बारे में विचार करते हैं। सभी को अलग-अलग कार्यों में रुचि होती है। कुछ लोग बागवानी का बेहद शौक रखते हैं तथा उसे पूरा करने की कोशिश भी करते हैं।
यह कहानी भी एक ऐसी महिला की है जिसने नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद बागवानी के शौक को पूरा कर रही है। उनके छत पर 200 से अधिक पेड़-पौधे हैं।
आईए जानते हैं उनसे गार्डनिंग करने के नुस्खे
राजा राजेश्वरि कर्नाटक के बेंगलुरु की रहनेवाली हैं। उनकी उम्र 63 वर्ष है। वह जब नौकरी करती थीं तो समय की कमी थी। इसलिए नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद उन्होनें गार्डनिंग के शौक को पूरा करने का फैसला किया और टेरेस गार्डनिंग करना आरंभ कर दिया।
राजा राजेश्वरि बैंक मैनेजर के पद से सेवानिवृत हैं। वह बताती हैं कि बागवानी की शुरुआत दो-तीन गमलों मे फूल लगाकर किया। लेकिन कुछ ही दिनो बाद वे सभी सुख गये। पौधे के सुख जाने की वजह से उन्हें काफी दुख हुआ। लेकिन उन्हें अनुभूति हुई कि उन्हें गार्डनिंग करने का अनुभव नहीं है। गार्डनिंग के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने स्थानीय गार्डनर से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि बागवानी के लिए लाल मिट्टी सही नहीं होता है और बागवानी के लिए जैविक तरीके को हीं अपनाना चाहिए।।
उसके बाद राजेश्वरी ने किचन वैस्ट, दही, नीम का तेल आदि से मिट्टी को पौधे के लिए तैयार किया। इससे उन्हें अच्छे परिणाम देखने को मिले। उसके बाद ऐसे हीं आहिस्ते-आहिस्ते इससे राजेश्वरी की रुचि बागवानी के लिए दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई और आज उसका परिणाम यह है कि उनके 800 वर्ग फीट पर 20 से भी अधिक प्रकार के फल-फूल तथा सब्जियों के 200 से भी अधिक प्रकार के पौधे हैं।
वह अपनी छत पर फलों में आम, अमरूद, केला, नींबू अंगूर आदि उगाती हैं। इसके अलावा वे सब्जियों में टमाटर, बींस, करेला, गाजर, लौकी आदि भी उगाती हैं। उनके छत पर अड़हुल, मेहंदी, जैसमीन आदि के भी पौधे हैं। राजेश्वरी ने कुछ पौधों को नर्सरी से लेकर लगाया है तथा सब्जियों के पौधे को वह बीजों को संरक्षित करके तैयार करती हैं। विशेष बात यह है कि राजेश्वरी अपने पौधों की देखभाल पूरी तरह से जैविक तरीके से करती हैं। इसके लिए वह यूट्यूब से भी जानकारी प्राप्त करती हैं।
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राजेश्वरी जी ने बताया कि इतने बड़े स्तर पर छत पर बागवानी करने की वजह से सब्जियों और फलों के लिए निर्भरता बिल्कुल न के बराबर हो गई है। कोविड-19 के लॉक डाउन के दौरान उनके परिवार को टेरेस गार्डनिँग से काफी सहयता मिली है।
राजेश्वरी बताती हैं कि सब्जियों के लिए वह पहले मार्केट पर निर्भर थीं। लेकिन उन सब्जियों के उत्पादन में बड़े स्तर पर केमिकल का उपयोग किया जाता है। बड़े स्तर पर केमिकल का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता। परंतु पिछले 3 वर्षों से राजेश्वरी घर में सुरक्षित तरीके से उगाए गए सब्जियों का सेवन कर रहे हैं तथा वह इस बदलाव को भी अच्छी तरह से अनुभूति करती हैं।
राजेश्वरी का कहना है कि वह गार्डनिंग को एक आदत के तौर पर आरंभ की थीं परंतु अब गार्डनिंग उनका जुनून बन गया है। जब भी वह अपने गार्डनिंग के पौधों पर फल-फूल लगे दिखती हैं तो उन्हें बेहद प्रसन्नता होती है। इसके अलावा उनके दिन का आरंभ बागवानी से हीं होता है। राजेश्वरी सुबह एक घंटा और शाम को एक घंटा अपने बागवानी में समय व्यतीत करती हैं तथा यह सुनिश्चित करती हैं कि उनके पौधे सुरक्षित है। उनके इस कार्य में उनके पति की भी बहुत सहायता मिलती है।
राजेश्वरी अपने टेरेस गार्डन से उगाए हुए फल और सब्जियों को अपने आस-पड़ोस के लोगों में भी बांटती हैं जिससे उन्हें बेहद प्रसन्नता होती है। राजेश्वरी के बागवानी के कार्यों से प्रेरित होकर उनके चार से पांच पड़ोसियों ने भी टेरेस गार्डन प्रारंभ कर दिया है। उनके उस कार्य में राजेश्वरी ने भी काफी मदद किया।
बागवानी के लिए राजेश्वरी द्वारा दिए हुए कुछ टिप्स इस प्रकार हैं।
- गार्डनिंग के लिए पौधे का चुनाव मौसम के हिसाब से करना चाहिए जिससे पौधे को बढ़ने में सहायता मिलती है।
- बगवानी करते समय लाल मिट्टी से बचना चाहिए। इसमें पौधे को गाना बहुत कठिन होता है।
- हर 15 दिन पर सभी पौधों पर नीम के तेल का स्प्रे करना चाहिए।
- पौधों के पत्तियों पर यदि कीट लग रहे हैं तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए नहीं तो इसे पूरा बागवानी खराब हो सकता है।
- आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। The Logically राजा राजेश्वरी को जैविक तरीके से गार्डनिंग करने के लिए धन्यवाद देता है।