एक समय था जब महिलाओं को सिर्फ चूल्हा-चौका और घर के कामों के लिए ही जाना जाता था। लेकिन अब समय ने ऐसी करवट ली है कि पूरे विश्व में महिलाएं अलग-अलग क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही है फिर चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो। हालांकि, अभी भी कुछ लोग हैं जो महिलाओं को कम आंकते हैं और उन्हें जमाने के इस दौर में भी लगता है कि औरतें कमजोर है और कुछ नहीं कर सकती। लेकीन महिलाएं सब कुछ कर सकती हैं और इस बात को साबित कर दिखाया है पेशे से चूड़ी पहनाने वाली महिला ने।
चूड़ी बेचने वाली महिला बनी चेयरमैन
जी हाँ, विमला राजौरा (Vimala Rajoura) राजस्थान (Rajasthan) भरतपुर जिले (Bharatpur District) की रहनेवाली हैं और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है। महिलाओं को चूड़ी पहनाना विमला का पुश्तैनी काम है और कमाई का एकमात्र साधन भी यही है। चूड़ियों के दुकान से जो कमाई होती है उसी से उनका घर खर्च चलता है। ऐसे में विमला के लिए चूड़ी पहनाने से लेकर पहले सरपंच और अब नगरपालिका का चेयरमैन (Chairman) बनाने तक का सफर तय करना अपने आप में बेहद गर्व की बात है।
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लोग प्यार से कहते हैं “चूड़ी वाली आंटी”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विमला के ससुराल में पिछ्ली तीन पीढियों से चूडियां पहनाने का काम होता रहा है और विमला भी इस काम को कर रही हैं। वह महिलाओं और लडकियों को चूडियां पहनाने का काम करने की वजह से लोग उन्हें प्यार से “चूड़ी वाली आंटी” कहते हैं। लोगों का यही प्यार आज इन्हें इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां सभी खड़ा होना चाहते हैं।
महिलाओं का मिलता है जोरदार समर्थन
बता दें कि, उनके पति भी कई वर्षों से चूड़ी को बनाते और बेचते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी चूडियों की दुकान है जहां कई कस्बों और गांवों की महिलाएं चूड़ी खरीदने आती हैं। आप जानते हैं कि जनता उसी को अपना नेता चुनती है जो स्वभाव से सरल, ईमानदार और कर्मठ हो। विमला भी स्वभाव से काफी सरल और कोमल हैं और यही वजह है कि उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिलता है। जनता के इसी सहयोग से उन्हें पहले सरपंच की कुर्सी मिली और अब चेयरमैन (Chairman) की कुर्सी संभालेंगी।
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चेयरमैन बनने के बाद भी करती हैं अपना पुश्तैनी काम
आजकल लोगों में बड़ा बनने के बाद अहंकार बहुत जल्दी आ जाते हैं। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चुनाव जीतने से पहले उम्मीदवार घर-घर जाकर लोगों के सामने हाथ जोड़ते हैं और तरह-तरह के वादे करते हैं, लेकिन जब वे चुनाव जीत जाते हैं तो फिर भाड़ में जाएं जनता। लेकिन विमला राजौरा इनसब बातों से बिल्कुल विपरीत हैं। चेयरमैन बनने के बाद भी जब उन्हें फुर्सत मिलती है तो अपनी चूडियों की दुकान पर बैठती हैं और अपने पुश्तैनी काम को बखूबी निभा रही हैं।
विकास को लेकर रहती हैं तत्पर
वे अपने क्षेत्र को विकास की ओर लेकर जाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती हैं। विमला राजौरा (Vimala Rajoura) को उनकी अच्छाई के कारण ही लोगों ने अपना मत देकर पहले सरपंच बनाया था और अब उच्चैन नगरपालिका का चेयरमैन की कुर्सी पर बैठा दिया है।