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इस दम्पत्ति ने बनाया अनोखा घर, नहीं पड़ती बिजली और AC की जरूरत: Eco-House

Banglore Couple Vini Khanna and Balaji Built Eco-Friendly House

टीवी, एसी, फ्रिज जैसी चीजें तो अब हर घर के लिए आम बात हो गई है। हर कोई चाहता है कि उसके घर में हर तरह की सुविधा मौजूद हो ताकि वह घर में आराम से रह सके। हालांकि हम घर में जितना इलेक्ट्रॉनिक सामान का प्रयोग करेंगे बिजली भी उतना ही कंज्यूम होगा और बिल भी ज्यादा आएगा। आज आधुनिकता भरे परिवेश में बिजली कितना महत्वपूर्ण है इसकी संसदीय कल्पना की जा सकती है।

यदि कभी बिजली चली जाती तो हमारी परेशानी देखते बनती है इसका अर्थ यह हुआ कि हमारी बिजली पर निर्भरता बहुत ज्यादा है। ऐसे में आज इस लेख में हम एक ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे जिसके घर बिजली का प्रयोग ही नहीं होता और ना ही उन्हें रहने में किसी प्रकार की समस्या होती हैं। – Eco house of Vini Khanna and her husband Balaji in Bangalore, they do not spend a money for water and electricity.

बिजली पर नहीं खर्चते एक भी पैसा

बता दें कि बेंगलुरू के रहनी वाली विनी खन्ना और उनके पति बालाजी का परिवार बिजली का प्रयोग नहीं करता। सुनने में थोड़ा अजीब तो लगता है के आज के समय में बिना बिजली का कोई कैसे रह सकता है, लेकिन यह सच है। खन्ना परिवार अपने “इको हाउस” ( Eco House) में बिना बिजली के प्रयोग के रहते हैं। उनका घर आम घरों की तरह ईंट सीमेंट के बजाए मिट्टी और पुरानी लकड़ी से बना है। 28 साल से इंग्लैंड में रह रही विन्नी और उनके पति साल 2018 में भारत लौट आए और उन्होने इको-फ्रेंडली घर बनाने का फैसला किया।

प्लास्टिक वेस्ट से हुई प्रभावित

इको हाउस का आइडिया विन्नी को साल 2009 में आया, जब वह मां बनी। यह तो हम सब जानते हैं कि घर में बच्चे होने से हमें कई प्रकार की चीजों की जरूरत पड़ती है जैसे कि नैपी, प्लास्टिक की बोतलें, बेबी फीड की बोतल आदि और इनमें से ज्यादातर चीज प्लास्टिक में आता है। इस तरह से विन्नी के घर में कुछ ही समय में प्लास्टिक का बहुत सारा कचरा जमा हो गया, जिसे देख वह बहुत प्रभावित हुई क्योंकि इससे प्रकृति को काफी नुकसान हो रहा था। विन्नी प्लास्टिक वेस्ट को रीसाइकिल करने का फैसला की। विन्नी जब अपने पति के साथ भारत वापस लौटीं तो बेंगलुरु में घर की तलाश करने में जुट गई, लेकिन यहां के अपार्टमेंट्स के दाम इतने अधिक थे कि वह सुन कर हैरान रह गए।

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इस तरह बना इको हाउस (Eco House)

विन्नी कहती हैं कि इस दौरान उन्हें एक फर्म महिजा के बारे में पता चला, जो पिछले कई सालों से स्थायी घर बना रही है। विन्नी अपना घर बनाने का प्रस्ताव लेकर उनके पास गई। विन्नी और बालाजी के घर के लिए फर्म महिजा ने उन ईंटों का इस्तेमाल किया, जो छह तत्वों से मिल कर बनी थी, जिसे 7 प्रतिशत सीमेंट, मिट्टी, लाल मिट्टी, स्टील ब्लास्ट, चूना पत्थर और पानी को मिलाकर बनाया गया।

दीवार इन ईंटों से बना और छत बनाने के लिए मिट्टी के ब्लॉकों का उपयोग किया गया। इस तरह घर बनाने पर सीमेंट का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं हुआ। यह तो हुई दीवार और छत की बात अब बात करते हैं छड़ की। इस घर में स्टील की छड़ों और एक स्लैब बनाने के लिए कंक्रीट का इस्तेमाल करने की बजाए स्क्रैप कीबोर्ड, नारियल के गोले आदि का इस्तेमाल किया गया। साथ ही स्लैब बनाने के लिए उस क्षेत्र को मिट्टी से भरा गया। – Eco house of Vini Khanna and her husband Balaji in Bangalore, they do not spend a money for water and electricity.

घर के साथ ही विन्नी का 1000 फुट का गार्डन भी है

घर के साथ ही विन्नी का 1000 फुट का गार्डन भी है, जहां वह करी पत्ता, धनिया, मेथी जैसे लाभदाई पौधे उगाते हैं और उनका इस्तेमाल करते हैं। घर के इस्तेमाल के लिए तथा सजावट के लिए उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति से लकड़ी खरीदा, जो ध्वस्त स्थलों का दौरा करते हुए पुरानी लकड़ियां खरीदता है। इसमें बची हुई लकड़ियां को रीसाइकल किया जाता है। इस तरह घर में से बची हुई लकड़ी का प्रयोग उन्होंने बुकशेल्फ बनाने में किया।

इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए सौर ऊर्जा का करते हैं प्रयोग

वाणी बताती हैं कि उन्हें कभी भी कृत्रिम शीतलन की आवश्यकता नहीं थी। उनके अनुसार आर्किटेक्ट ने उनका घर को इस तरह से बनाया कि उन्हें शाम 6.30 बजे तक लाइट ऑन करना ही नहीं पड़ता। दरअसल यह घर जिन कोणों पर बनाया गया है, यह प्रकाश परावर्तन और प्राकृतिक शीतलन को एब्जॉर्ब की क्षमता रखता है। इसके अलावा घर में जो भी इलेक्ट्रॉनिक्स सामान हैं उसके लिए वह सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हैं। बता दें कि विन्नी के घर में कुल 4.8 किलोवाट के 11 सौर पैनलों, जिससे उन्हें बिजली के लिए एक रूपए भी खर्च नहीं करना पड़ता।

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पानी के लिए भी नहीं करना पड़ता पैसा खर्चे

इस दंपती को बिजली के साथ–साथ पानी के लिए भी पैसे खर्चे नहीं करने पड़ते। दरअसल विन्नी के घर से 200 मीटर की दूरी पर स्थित सामुदायिक बोरवेल बरसात के मौसम में पानी से पूरी तरह भर जाते है, जिससे आस-पास के सभी लोगों के पानी का गुजारा हो जाता है। इसके अलावा यहां तीन कुएं भी हैं, जिसमें से दो 5 फीट और अन्य 8 फीट के हैं, जो कि यहां स्थत 30 घरों में पानी की कमी को पूरा करने में सक्षम है। विन्नी और बालाजी का घर पूरी तरह से प्रकृति के अनुकूल बनाया गया है, जिससे ना तो पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और ना हीं ज्यादा पैसे खर्च होंगे। – Eco house of Vini Khanna and her husband Balaji in Bangalore, they do not spend a money for water and electricity.

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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