Wednesday, December 13, 2023

पागलों की तरह घूम रहे थे, सैलून वाले ने दाढ़ी- बाल बना दिया और फ़ोटो वायरल होते ही घरवालों से मिल गए

सोशल मिडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां कोई भी खबर बहुत तेजी से वायरल हो जाती है। इसका प्रयोग सही रूप से किया जाये तो कईयों की जिन्दगी बदली जा सकती है और हमारी एक कोशिश भी किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकती है। हाल ही में बाबा का ढाबा और छंगा बाबा जैसे ज़रूरतमंद लोगों के वायरल हुए विडियोज से सोशल मीडिया के ताक़त का पता हमें चला है। जब सोशल मीडिया यूजर्स को इन ज़रूरतमंद लोगों के बारे में जानकारी मिली तो बहुत सारे लोग बढ-चढ़कर उनकी सहायता को आगे आए।

Barber helped Brazilian man

यह कहानी भी यह ऐसे इन्सान की है जो सड़क पर अपनी जिन्दगी व्यतीत करने को मजबूर था लेकिन सोशल मिडिया की वजह से वह अपने परिवार वालों से मिल सका। आइये जानते हैं, पूरी कहानी क्या है….

ब्राजील का एक शख्स बीते एक दशक से सड़क पर अपना जीवन यापन कर रहा था। जब बिजनेसमैन और मेन्स फैशन स्टोर व बर्बर सर्विस के मालिक एलेसेंड्रो लोबो ने उस शख्स के ट्रांसफॉर्मेंस की फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर किया तो वह इंटरनेट पर वायरल हो गया और वह अपनी मां व बहन से मिल सका।

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रिपोर्ट के अनुसार, एलेसेंड्रो लोबो जब पहली बार जोआओ कोएल्हो गुइमारेस से मिले तो उन्होंने खाने के बारे में पूछा, “क्या आप भूखे है?” जोआओ ने खाने से इंकार कर दिया तथा अपनी दाढ़ी को ट्रिम करने की विनती की। एलेसेंड्रो ने उसकी बात को स्वीकार किया तथा जोआओ का ट्रांसफोर्मेशन करने का फैसला किया। उन्होंने जोआओ के बाल और दाढ़ी सेट करने के साथ ही उसे नये कपड़े भी दिये।

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जब इंटरनेट पर वायरल हुईं तस्वीर

बिजनेसमैन लोबो ने बताया, “जब हमने उसकी इस तरह से सहायता करने का निर्णय किया तो वह दिन उसके लिये बेहद खुबसूरत बन गया।” एलेसेंड्रो लोबो ने उस उस जोआओ के पहले और बाद की तस्वीरों का कोलाज बनाने के बाद उसे इंस्टाग्राम एकाउंट पर शेयर किया। वह तस्वीर वायरल हो गई। वायरल होने के बाद जब जोआओ के परिवार वालों ने देखा तो झट से अपने बेटे को पहचान लिया।

मां ने स्वीकार कर लिया था कि बेटा मर चुका है

जोआओ की मां और बहन ने लगभग 10 वर्षों से ना उसे देखा था ना ही उसके बारे में सुना था। उन्होंने यह स्वीकार कर लिया था कि जोआओ अब इस दुनिया में नहीं है। अचानक से जब वायरल तस्वीर में उन्होंने अपने बेटे को देखा तो उन्हें पता चला कि वह जिंदा है। इसके बाद वे जोआओ से मिलने के लिये 17 दिसंबर को गोयनिया शहर गये।

एलेसेंड्रो लोबो ने कहा, “यह वक्त क्रिसमस का है तथा हमारी नीयत यह थी कि हम अपनी छोटी सी कोशिश से किसी की जिन्दगी को परिवर्तित कर सकते हैं। हालांकि हमने सोचा नहीं था कि परिणाम ऐसा होगा।”