बटेर के अंडे और मांस की डिमांड बढ़ने के कारण अब लोग मुर्गी और बत्तख पालने के अलावा बटेर पालन (Quail Farming) पर भी ध्यान दे रहे हैं। बटेर पालन की एक और विशेषता यह है कि इसे मुर्गी और बत्तख पालन की तुलना में कम लागत आती है और मुनाफा अधिक होता है। इन्हीं सब कारणों के वजह से अब लोग बटेर पालन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
बटेर पालन का यह वीडियो देखिए
पटना (Patna) के सुजय कुमार (Sujay Kumar) भी बटेर पालन (Bater Palan) करके अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। यदि आप भी बटेर पालन करके कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें क्योंकि इस लेख के जरिए हम आपको बटेर पालन की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
बटेर पालन के लिए कितनी जगह की है जरुरत?
सुजय कुमार, पटना से 25 किमी की दूरी पर स्थित हिरानंदपुर के रहनेवाले हैं और वहीं एक फार्म में साल 2016 से बटेर पालन कर रहे हैं। इसके जरिए वह पूरे देश में बटेर के बच्चों का सप्लाई करते हैं। वह कहते हैं कि बटेर पालन करने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है। आप कम जगह में बटेर पाल सकते हैं। आप चाहे तो एक बेड के नीचे जाली लगाकर भी बटेर पालन कर सकते हैं।
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बटेर के अंडे को कैसे रखे सुरक्षित?
बटेर पालन (Quail Farming) में बटेर के साथ-साथ उसके अंडे का ध्यान बहुत जरुरी होता है क्योंकि अंडे से ही चूजे निकलते हैं। बटेर 30 दिन में मांस के लिए तैयार होता है और 45 दिन में अण्डा देता है। बटेर की खासियत यह है कि एक साल में यह 300 अंडे देता है। ऐसे में अंडे की देखभाल जरुरी है।
अंडे की देखभाल के बारें में सुजय बताते हैं कि, बटेर और अंडे को अलग-अलग रखा जाता है। अंडे को बच्चे के तैयार होने के लिए 18 दिन तक हैचरी में रखा जाता है और 19 दिन उसमें से चूजे निकल आते हैं। इस तरह सही देखरेख के साथ किसान 19वें दिन से अंडे से बच्चे प्राप्त कर सकते हैं।
चूजों के लिए कितना तापमान है जरुरी?
वैसे तो रेडी बटेर को 30 डिग्री तापमान पर रखा जाता है लेकिन हैचरी से जब बटेर के बच्चे निकलते हैं तो उसे 36 से 38 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। क्योंकि हैचरी से वह 37 डिग्री पर बाहर निकलता है और यदि बाहर का तापमान उससे कम रहेगा तो चूजे मर जाएंगे। ऐसे में बच्चे को सुरक्षित रखना बेहद जरुरी है और इसे ध्यानपूर्वक करना पड़ता है।
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बटेर का ब्रूडिंग कैसे करें?
बटेर के बच्चे के ब्रूडिंग (Brooding) करने के लिए ब्रूडर का इस्तेमाल किया जाता है। ब्रूडर में बल्ब को इस तरह से टांगना चाहिए कि उसमें रहनेवाले बटेर के बच्चों को चारों ओर एक बराबर वातावरण मिल सके। इससे होता यह है कि बटेर के बच्चे एक ही जगह भीड़ नहीं लगाएँगे और उनका ब्रूडिंग भी अच्छे से हो पाएगा।
बटेर को आहार में क्या देना चाहिए?
बटेर के भोजन के बारें में बात करें तो 25 दिनों तक इसे प्री स्टार्टर और उसके बाद से बटेर को लेयर फीड खिलाया जाता है। लेयर फीड में किसान लेयर फेज 1 या ग्रोवर खिला सकते हैं। बता दें कि, बटेर को हाई प्रोटीन फीड की जरुरत होती है। सुजय किसानों को सलाह देते हैं कि बटेर के लिए बैंकेज कम्पनी का फीड बहुत अच्चा होता है और बटेर के भोजन के लिए उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें बच्चे और बटेर के लिए अलग-अलग फीड होता है। बच्चे के लिए महीन दाने का फीड आता है।
ऊपर बताए गए तरीके से आप भी कम लागत में बटेर पालन करके अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक तथा शेयर जरुर करे और ऐसे ही अन्य आर्टिकल के लिए The Logically के साथ बने रहें।